पीडीडब्ल्यू  ब्लड टेस्ट की सम्पूर्ण जानकारी | PDW Blood Test in Hindi?

पीडीडब्ल्यू  ब्लड टेस्ट की सम्पूर्ण जानकारी | PDW Blood Test in Hindi?
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PDW Blood Test in Hindi| PDW Blood test के फायदे और नुकसान:

दोस्तो आज के PDW Blood Test in Hindi आर्टिकल में यानि PDW Blood Test टेस्ट के बारे में पूरी जानकारी पढेंगे,PDW Blood Test in Hindi इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि PDW Blood Test क्या होता है? और PDW Blood Test क्यों करवाया जाता है। PDW Blood Test की तैयारी किस प्रकार करे PDW Blood Test में कौन कौन सी टेस्ट होती है, PDW Blood Test के फायदे (Benefits of PDW Blood Test in Hindi) क्या है आदि इसके बारे में भी पढेंगे।

PDW Blood test का full form क्या होता है?

PDW Blood test full form in Englishplatelets distribution width
PDW Blood test full form in Hindiप्लेटलेट वितरण चौड़ाई

PDW Blood Test के बारें में

Table of Contents

इस टेस्ट के मदद से खून में प्लेटलेट्स की मात्रा को मापा जाता है। प्लेटलेट्स खून का ही हिस्सा होती है, जो खून के थक्के बनने में मदद करती है। प्लेटलेट्स आकार में लाल व सफेद रक्त कोशिकाओं से छोटी और आकृति में प्लेट जैसी होती हैं, जो खून में प्रवाहित (Circulating) होती रहती हैं।

प्लेटलेट्स वे कोशिकाएं होती हैं, जो खून का थक्का (क्लॉट) बनाने की जिम्मेदार होती हैं। किसी भी वाहिका के टूटने का सबसे पहला जिम्मेदार इन्हीं को माना जाता है। प्लेटलेट्स टेस्ट की मदद से कई ऐसी स्थितियों को बारीकी से देखा जाता है, जो खून के प्रभावी थक्के (Efficient clotting) बनाने की क्रिया को प्रभावित कर सकती हैं, जैसे खून बहने से संबधित विकार, संक्रमण, रक्त कैंसर आदि।

यह टेस्ट यह निर्धारित करता है कि आपका प्लेटलेट काउंट सामान्य से अधिक है या नहीं। क्योंकि कई स्थितियां प्लेटलेट काउंट में अस्थायी वृद्धि का कारण बन सकती हैं, इसलिए डॉक्टर यह देखने के लिए रक्त परीक्षण दोहराएगा कि क्या समय के साथ आपकी प्लेटलेट काउंट उच्च रहता है।

दोस्तो हमने PDW Blood टेस्ट के बारे में शॉर्ट में जान लिए अब हम जानेंगे कि PDW Blood टेस्ट क्यों होता है यह टेस्ट क्या इसका परिणाम क्या हो सकता आदि के बारे में तो बने रहे इस आर्टिकल के साथ।

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PDW Blood Test क्या होता है? | What is PDW Blood Test in Hindi?

  • PDW blood test में प्लेटलेट्स की गिनती होती है, जिसमें खून के सैम्पल की मदद से किसी व्यक्ति में प्लेटलेट्स की गिनती की जाती है। एक स्वस्थ व्यक्ति में प्लेटलेट्स की गिनती प्रति माइक्रोलीटर खून में 150,000 से 450,000 तक होती है। शरीर में प्लेटलेट्स की मात्रा 450,000 से अधिक होने पर थ्रोम्बोसाइटोसिस (Thrombocytosis) नामक समस्या उत्पन्न हो जाती है और 150,000 से कम होने पर थ्रोम्बोसाइटोपेनिया (Thrombocytopenia) नामक स्थिति पैदा हो जाती है।
  • प्लेटलेट्स की संख्या की गिनती के लिए एक सामान्य नियमित खून टेस्ट से की जाती है, इसे कंपलीट ब्लड काउंट (CBC) कहा जाता है।
  • PDW Blood ( PDW blood test in Hindi) प्लेटलेट आकार में परिवर्तनशीलता को दर्शाती है, और इसे प्लेटलेट फ़ंक्शन का चिन्ह माना जाता है।
  • PDW Blood test के लिए, सामान्य नियम यह है कि बड़े प्लेटलेट्स जो होती है वह आमतौर पर छोटे होते हैं, जबकि छोटे प्लेटलेट्स कुछ दिनों के आसपास होते हैं। बड़ी संख्या में बड़ी प्लेटलेट्स होने पर जब किसी के पास आमतौर पर कम प्लेटलेट काउंट होता है, तो यह दर्शाता है कि अस्थि मज्जा यानी बोन मैरो ने उत्पादन के स्तर को बढ़ा दिया है।

PDW Blood टेस्ट के लिए नॉर्मल रेंज यानी सामान्य स्तर क्या होता है । Normal values PDW Blood test in Hindi :

यह एक संकेत है कि प्लेटलेट की चौड़ाई आकार में अपेक्षाकृत समान है। जब एक पूर्ण रक्त गणना का आदेश दिया जाता है तो यह औसत व्यक्ति को प्राप्त होने वाला नॉर्मल टेस्ट परिणाम होता है।

  • PDW के लिए सामान्य रेंज :- 8.1–25.0 होता है।

PDW blood test में असामान्य रिजल्ट का मतलब । PDW blood test abnormal results in Hindi :

कम प्लेटलेट्स क्या दर्शाता है :–

कम प्लेटलेट तब मानी जाती है जब उनकी संख्या 150,000 से नीचे गिर जाए। प्लेटलेट्स की संख्या 50,000 से भी नीचे गिरने के बाद खून बहने के जोखिम अत्याधिक हो जाते हैं और ऐसी स्थिति में रोजाना की गतिविधियों के कारण भी खून बह सकता है।

प्लेटलेट कम होने की स्थिति के मुख्य तीन कारण होते हैं:–

प्लेटलेट की संख्या का स्तर सामान्य से नीचे गिरने की स्थिति को ‘थ्रॉम्बोसाइटोपेनिया’ कहा जाता है।

  • अस्थिमज्जा में पर्याप्त मात्रा में प्लेटलेट्स ना बन पाना,
  • ब्लडस्ट्रीम (रक्तधारा) में प्लेटलेट्स नष्ट होना,
  • लिवर या स्पलीन में प्लेटलेट्स नष्ट होना। अतः इन सभी कारणों से प्लेटलेट्स कम होने लगती है।

प्लेटलेट की संख्या में कमी के 3 सामान्य कारण जैसे :–

कैंसर के उपचार में उपयोग होने वाली जैसे कीमोथेरेपी या विकिरण थेरेपी ड्रग्स या दवाएं आदि।

स्व – प्रतिरक्षित विकार, इस स्थिति में प्रतिरक्षा प्रणाली शरीर पर ही अटैक करने लगती है और प्लेटलेट्स जैसे स्वस्थ ऊतकों को नष्ट करने लगती है।

  • गर्भावस्था,
  • खून में बैक्टीरियल संक्रमण,
  • आईडियोपैथिक थ्रोम्बोसाइटोपेनिक पुरपुरा (ITP),
  • थ्रॉमबोटिक थ्रॉम्बोसाइटोपेनिक परपुरा (TTP),
  • डिसैमिनेटिड इंट्रावैस्कुलर कॉग्युलेशन (DIC),

अधिक प्लेटलेट्स क्या दर्शाता है :–

  • प्लेटलेट्स की संख्या 400,000 या उससे ऊपर होने पर उनको सामान्य से अधिक प्लेटलेट मान लिया जाता है।
  • सामान्य संख्या से अधिक प्लेटलेट्स की स्थिति को थ्रोम्बोसाइटिस कहा जाता है। इसका मतलब होता है कि शरीर सामान्य मात्रा से अधिक प्लेटलेट्स का निर्माण कर रहा है, इसके कारणों में निम्न शामिल हो सकते हैं :–
  • एक प्रकार का एनीमिया, जो लाल रक्त कोशिकाओं को सामान्य समय से पहले नष्ट कर देता है। जिसे Hemolytic anemia भी कहते हैं।
  • आयरन की कमी या सिकल सेल रोग के कारण होने वाला एनीमिया।
  • किसी मुख्य सर्जरी, चोट या संक्रमण आदि के बाद की स्थिति।
  • कैंसर।
  • कुछ प्रकार की दवाएं।
  • अस्थि मज्जा के रोग।
  • अस्थि मज्जा द्वारा अधिक मात्रा में प्लेटलेट्स का निर्माण करना (Primary thrombocythemia)।
  • जिन लोगों में प्लेटलेट्स की संख्या अधिक होती है, ऊनमें खून का थक्का बनने के जोखिम हो सकते हैं। जो की बहुत ही खतरनाक होता है।

PDW Blood टेस्ट (PDW Blood Test) क्यों किया जाता है | PDW Blood टेस्ट कब जरूरी है यानी PDW Blood टेस्ट कब यानी किस परिस्थिति में करवाना चाहिए :

अगर डॉक्टर को संदेह हो रहा है कि आपकी प्लेटलेट कम है, तो वे सबसे पहले आपका शारीरिक परीक्षण करते हैं। अक्सर प्लेटलेट्स में कमी होने के कारण होते हैं। डॉक्टर पेट का भी परीक्षण करत सकते हैं, जिसमें स्पलीन के आकार बढ़ने आदि की जांच की जाती है। स्पीलन का आकार बढ़ने के कारण प्लेटलेट्स में कमी होने लगती है।

इसके साथ ही साथ जब निम्नलिखित संकेत और लक्षणों में से एक या अधिक मौजूद हो तो डॉक्टर टेस्ट के लिए बोल सकते हैं–

  • आपके रक्त में आयरन का असामान्य स्तर
  • सूजन के मार्कर
  • अज्ञात कैंसर
  • एसोसिएटेड जीन म्यूटेशन
  • शरीर पर नीले निशान पड़ना (Bruising): इसमें त्वचा में चकत्ते जैसे छोटे-छोटे लाल-बैंगनी स्पॉट बनने लगते हैं। मुख्य रूप से ये टांगों के निचले हिस्से में ही दिखाई देते हैं।
    किसी चोट से या त्वचा में थोड़ा बहुत कट लगने से उसमें से लंबे समय तक खून बहना,
  • मसूड़ों से खून आना या नाक से खून बहना,
  • पेशाब में खून आना,
  • मल में खून आना,
  • मासिक धर्म में अधिक खून आना,
  • थकान बना रहना,
  • सप्लीन (प्लीहा) का आकार बढ़ना,
  • पीलिया।(और पढ़ें – पीलिया के घरेलू उपाय)
  • यदि आप लंबे समय से उपरोक्त लक्षणों में से किसी एक का अनुभव कर रहे हैं, तो हमेशा सलाह दी जाती है कि पूरी तरह से मेडिकल एग्जामिनेशन के लिए डॉक्टर से परामर्श लें और स्थिति के पीछे के कारण का पता लगाएं।
  • अतः इन सभी परिस्थितियों में डॉक्टर आपको PWD blood test के लिए बोल सकतें है या आप इन सारे में से कोई प्रोब्लम दिखे तो आप PWD blood test करवा सकते हैं

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PDW blood test से पहले क्या होता है । Before PDW blood test in Hindi :

PDW blood test गिनती से पहले क्या किया जाता है?

टेस्ट के लिए जाने से पहले सुनिश्चित कर लें की आपने आधी बाजू की शर्ट या टी शर्ट पहनी हुई है, या ऐसी शर्ट पहन कर जाएं जिसकी बाजू को आसानी से ऊपर किया जा सके।

ब्लड प्लेटलेट्स काउंट टेस्ट से पहले रोजाना की तरह खाया-पीया जा सकता है। हालांकि, डॉक्टर आपको कुछ समय के लिए कुछ भी खाने या पीने से बचने के लिए कह सकते हैं। ऐसा डॉक्टर तब कहते हैं, जब खून के सैम्पल को अन्य टेस्ट के लिए भी इस्तेमाल किया जाना हो। टेस्ट होने से पहले डॉक्टर आपको विशेष अनुदेश देते हैं, जिनका पालन करना जरूरी होता है।

PWD blood टेस्ट के दौरान क्या होता है? | What happens during PWD blood test in Hindi?

PWD blood test के दौरान, डॉक्टर द्वारा सबसे पहले आपके ब्लड का सैंपल (Blood sample) लिया जाता हैं। जिसके लिए आइए देखते है क्या क्या करना होता है–

PWD blood टेस्ट के दौरान, डॉक्टर द्वारा सबसे पहले आपके ब्लड का सैंपल (Blood sample) लिया जाता हैं। जिसके लिए आइए देखते है क्या क्या करना होता है–

  • सबसे पहले बॉडी से ब्लड निकालने के लिए ब्लड फ्लो (Blood flow) को रोकने के लिए सबसे पहले हाथ में बैंड लगाया जाता है, जिससे नसें साफ-साफ दिखाई देने लगती हैं।
  • उसके बाद रूई में एल्कोहॉल लगाकर डॉक्टर नसों को साफ करते हैं, जिससे सूई लगाने में आसानी होती है।
  • इसके बाद डॉक्टर आपकी नस में सूई लगाते हैं।
  • सूई से डॉक्टर खून निकालते हैं और फिर उसे एक सिरिंच में डाल देते हैं।
  • फिर बैंड को हटा देते हैं।
  • इसके बाद नसों पर रूई लगाते हैं।
  • फिर एक बैंडेज को चिपका देते हैं।
  • ऊपर बताई गई प्रक्रिया जो है PWD blood टेस्ट ( PWD blood Test) के दौरान की जाती है।
  • दोस्तो डॉक्टर आपको कह सकते है कि आपके पास कई दिनों तक प्रत्येक दिन रक्त के जांच के लिए। क्योंकि रक्त में PWD blood की मात्रा आपके मासिक धर्म चक्र या अन्य रीजन के साथ बदलती है, इसलिए आपके PWD blood स्तर का सटीक माप प्राप्त करने के लिए कुछ ब्लड जांच आवश्यक हो सकते हैं।

PDW blood test के बाद | After PDW blood test in Hindi :-

प्लेटलेट्स की गिनती के बाद क्या किया जाता है?

सैम्पल निकालने के बाद सुई निकाल दी जाती है और उस जगह पर रूई का टुकड़ या बैंडेज लगा दी जाती है, ताकि खून बहने से रोकथाम की जा सके। जब सुई द्वारा खून निकाला जाता है, उस समय आपको थोड़ी चुभन महसूस हो सकती है और कुछ समय के लिए छोटा निशान पड़ सकता है।

प्लेटलेट्स ब्लड काउंट टेस्ट के रिजल्ट आमतौर पर कुछ घंटों के अंदर आ जाते हैं।

PDW Blood टेस्ट के परिणाम का क्या मतलब होता है । What do the results of PDW Blood Test mean in Hindi :–

PDW Blood टेस्ट के रिजल्ट का क्या मतलब होता है?

PDW Blood टेस्ट के परिणामों को कैसे समझूं?(How do I interpret the PDW Blood Test Results?)
पीडीडब्ल्यू रक्त परीक्षण आम तौर पर कम, सामान्य या उच्च परिणामों के साथ सूचित किया जाएगा। जैसा की आगे देखते हैं–

सामान्य पीडीडब्ल्यू (PDW test normal range Hindi) :-

यह एक संकेत है कि प्लेटलेट की चौड़ाई आकार में अपेक्षाकृत समान है। जब एक पूर्ण रक्त गणना का आदेश दिया जाता है तो यह औसत व्यक्ति को प्राप्त होने वाला परीक्षा परिणाम होता है।

  • PDW के लिए सामान्य रेंज 8.1–25.0 fL है।

उच्च पीडीडब्ल्यू (High PDW Blood Count in Hindi) :-

एक ही नमूने में कई छोटे प्लेटलेट्स और कई पुराने प्लेटलेट्स होते हैं। यह एक संकेत हो सकता है कि किसी प्रकार के विकार ने बोन मैरो या प्लेटलेट्स को प्रभावित किया है और आगे के परीक्षण की आवश्यकता हो सकती है। कुछ कैंसर, एनीमिया, और सूजन की स्थिति आमतौर पर इस परिणाम का कारण बनती है, जैसे कुछ संक्रामक बीमारियां या जन्म नियंत्रण गोलियों का उपयोग।

कभी-कभी एक गंभीर स्थिति हो सकती है जहां पीडीडब्ल्यू के परिणाम अस्थायी रूप से उच्च होते हैं और किसी विकार के कोई संकेत या लक्षण नहीं दे सकते हैं। दुर्लभ अनुवांशिक स्थितियां हैं जो इसका कारण बन सकती हैं और आगे का परीक्षण आम तौर पर होगा।

कम पीडीडब्ल्यू (Low PDW Blood Test in Hindi) :–

यह इस बात का भी संकेत हो सकता है कि कोई विकार मौजूद है जो अस्थि मज्जा को प्रभावित कर रहा है और यह कैसे प्लेटलेट्स का उत्पादन करने में सक्षम है। वायरल संक्रमण आम तौर पर इस तरह के खसरा, हेपेटाइटिस, या मोनोन्यूक्लिओसिस के रूप में इस परिणाम का उत्पादन करेंगे। कुछ दवाएं और कैंसर भी इस परिणाम का कारण बन सकते हैं।

जब पीडीडब्ल्यू रक्त परीक्षण असामान्य होता है । (Abnormal PDW Blood Test in Hindi) :–

यदि पीडीडब्ल्यू रक्त परीक्षण के असामान्य परिणाम हैं और यदि उनके लिए कोई ज्ञात कारण नहीं है, तो डॉक्टर निदान की पुष्टि करने के प्रयास में अतिरिक्त परीक्षण करने का विकल्प चुन सकता है। इसमें इन्फ्लेमेटरी स्थितियों, संक्रामक रोगों की उपस्थिति, किडनी की विफलता या रक्तस्राव विकारों का पता लगाने के लिए परीक्षण शामिल हो सकते हैं। (PDW blood test in Hindi)

लिवर की बीमारी और आयरन के टेस्ट का भी आदेश दिया जा सकता है, जैसा कि विटामिन का स्तर होगा।

असामान्यता के गंभीर मामलों में जब कोई निश्चित कारण निर्धारित नहीं किया जा सकता है, तो अस्थि मज्जा बायोप्सी का आदेश दिया जा सकता है।

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PDW blood test के क्या जोखिम यानी की दुष्प्रभाव होते हैं? | side effects Prolactin test in Hindi :–

PDW blood टेस्ट होने का जोखिम बहुत कम होता है। जहां सुई लगाई गई थी, वहां आपको हल्का दर्द या चोट लग सकती है, लेकिन ज्यादातर लक्षण जल्दी दूर हो जाते हैं। (PDW blood test in Hindi) या फिर थोड़ा बहुत कॉमन साइड इफेक्ट्स दिख सकता है जो की निम्न है–

  • अत्याधिक खून बहना,
  • बेहोश होना या सिर घूमना,
  • हेमाटोमा (त्वचा के अंदर खून जमना),
  • संक्रमण (सुई के छेद में संक्रमण होने के कुछ मामूली जोखिम)
  • दस्त (Diarrhoea)
  • कब्ज (constipation)
  • बुखार (Fever)
  • नींद आना (sleeping)
  • चक्कर आना (dizziness)
  • जोड़ो में दर्द (Joint Pain)
  • मत्तली और उल्टी (Nausea Or Vomiting)
  • आक्षेप (Convulsions)
  • भोजन के स्वाद में बदलाव (Altered Sense Of Taste
  • त्वचा का पीला पड़ना (Skin Yellowing)
  • ये सभी ऐसे लक्षण है जो symptoms उत्पन्न होने के बाद तुरंत अपने आप ठीक हो जाता है अगर लक्षण गंभीर दिखे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
PDW blood टेस्ट करवाने का कितना खर्चा लगता है? | PDW blood test price in Hindi :–

PDW blood टेस्ट करवाने के लिए आपको बहुत अधिक पैसे खर्च करने की आवश्यकता नहीं है। आमतौर पर इसकी कीमत लगभग 250 रुपये से लेकर 1000 रुपये के बीच भारत में होती है। वैसे हरेक जगह पर अलग अलग कीमत हो सकती है। (PDW blood test in Hindi)

FAQ : PDW ब्लड टेस्ट (PDW blood test in Hindi) से जुड़ी सवाल जवाब?

Q) PDW बढ़ने से क्या होता है?

Ans– उच्च पीडीडब्ल्यू स्तर में गंभीर बीमारी कोरोनरी धमनी रोग, कैंसर, फुफ्फुसीय अन्त: शल्यता के रोगियों में बढ़ी हुई रुग्णता और मृत्यु दर से जुड़े होने की सूचना मिली है। और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज।

Q) PDW टेस्ट क्या होता है?

Q) अगर एमपीवी ब्लड टेस्ट में हाई है तो इसका क्या मतलब है?

निष्कर्ष :–

दोस्तो आशा करती हूं की आपको हमारा PDW blood test in Hindi आर्टिकल पसंद आया होगा। और इससे जुड़ी हरेक जानकारी मिली होगी। जो की आपके काफी काम आ सकती हैं। अगर आपको ऊपर बताए गए कोई लक्षण नजर आते हैं तो आपका डॉक्टर आपको यह जांच कराने की सलाह दे सकता है। PDW blood test in Hindi से जुड़ी यदि आप अन्य जानकारी चाहते हैं तो आप हमसे कमेंट कर पूछ सकते हैं। या फिर डॉक्टर से सलाह ले सकते है।

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