CRP test in Hindi : सीआरपी टेस्ट क्या है, क्यों किया जाता है? और इसका सामान्य स्तर क्या होता है?

CRP test in Hindi : सीआरपी टेस्ट क्या है, क्यों किया जाता है? और इसका सामान्य स्तर क्या होता है?
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CRP test in Hindi । सीआरपी टेस्ट के बारे में :-

हेलो दोस्तो स्वागत है आपको हमारे CRP test in Hindi आर्टिकल में, तो दोस्तों आज जानेंगे CRP टेस्ट से रिलेटेड हरेक कथनों को जैसे की CRP test क्या है, CRP test क्यों किया जाता है, सीआरपी टेस्ट का नॉर्मल रेंज क्या है, CRP test के क्या फायदे हैं, CRP test के क्या साइड इफेक्ट्स है करोना में सीआरपी टेस्ट की भूमिकाआदि तो दोस्तो बने रहे हमारे इस आर्टिकल में ।

CRP Test Full name :- C Reactive Protein Test

CRP test history :– सी-रिएक्टिव प्रोटीन (सीआरपी) की खोज 1930 में टायलेट और फ्रांसिस ने न्यूमोकोकस संक्रमण से पीड़ित रोगियों के सीरम की जांच के दौरान की थी। सी-रिएक्टिव प्रोटीन एक प्रकार का एक्यूट इंफ्लेमेटरी प्रोटीन (acute inflammatory protein) हैं जिसे लीवर शरीर में सूजन या संक्रमण के दौरान बनाता है।इन्फेक्शन के दौरान हमारा इम्यून सिस्टम अधिक सक्रीय हो जाता है और संक्रमण दूर करने के लिए वह अधिक मात्रा में इंटरल्‍यूकिन-6 (IL-6) बनाता है।ब्लड मैं मौजूद IL-6, सीआरपी के उत्पादन को प्रेरित करते हैं। इसलिए सीआरपी की उपस्थिति किसी संक्रमण या सूजन का संकेत हो सकता है।

CRP test (C Reactive Protein Test) क्या है? What is CRP test in Hindi : –

दोस्तों अभी के दौर में CRP test बहुत ही चर्चित हो गया है और बहुत सारे लोगो को पता नहीं है की CRP test क्या  होता है तो सीआरपी (CRP) टेस्ट का पूरा नाम है सी रिएक्टिव प्रोटीन टेस्ट ( C Reactive Protein Test ) है,सीआरपी (सी रिएक्टिव प्रोटीन टेस्ट) का स्तर नॉर्मल- 10mg/L से कम होता है। यह टेस्ट एक ब्लड टेस्ट है, जो शरीर में सी रिएक्टिव प्रोटीन की मात्रा को मापने के लिए किया जाता है सी रिएक्टिव प्रोटीन जो होता है वो मुखयतः बॉडी में सूजन का पता लगाता है यानी की बॉडी में कहीं फूला तो नहीं है इस चीज के बारे में। सीआरपी एक प्रोटीन है, और इस प्रोटीन को लिवर बनाता है। विशेषकर हमारे ब्लड में सी रिएक्टिव प्रोटीन की मात्रा कम होती है।

सी रिएक्टिव प्रोटीन टेस्ट (C Reactive Protein Test) का हाई लेवल कई गंभीर बीमारियों की तरफ इशारा करता है,इस टेस्ट को करवाने से यह भी पता लगाया जाता है की आपको किसी तरह का संक्रमण तो नहीं है।दोस्तो लेकिन एक बात और है इससे शरीर में कहां और किस कारण सूजन है, इसका पता नहीं लगाया जा सकता है। शरीर में सूजन के कारणों का पता लगाने के लिए डॉक्टर अन्य परीक्षण यानि टेस्ट (Test) की सलाह दे सकते हैं।

दोस्तो जैसा की आपको पता चल गया ऊपर के वर्णन से सीआरपी टेस्ट क्या होता है तो अब आगे देखेंगे CRP टेस्ट के प्रकार,सीआरपी टेस्ट क्यों किया जाता है, सीआरपी टेस्ट कब करवानी चाहिए साथ ही इसके रिपोर्ट के बारे में समझेंगे। तो बने रहिए हमारे CRP test in Hindi आर्टिकल में।

सीआरपी ब्लड टेस्ट के प्रकार | Types of CRP Blood Tests in Hindi :-

तो दोस्तो CRP ब्लड टेस्ट दो प्रकार के होते हैं।

  1. पहली जो है, परंपरागत सी-रिएक्शन प्रोटीन (standard C-reactive protein) परीक्षण और
  2. दूसरी जो है, उच्च-संवेदनशीलता सी-रिएक्टिव प्रोटीन (High-sensitivity C-reactive protein/ HS-CRP) परीक्षण।

जैसा की ये दोनों ब्लड टेस्ट जो है उसमे से टेस्ट सी-रिएक्टिव प्रोटीन को मापते हैं।

परंपरागत सी-प्रतिक्रिया यानी फर्स्ट प्रकार जो है वो प्रोटीन जांच विभिन्न बीमारियों को उजागर करने में मदद करता है जैसे मधुमेह, उच्च रक्तचाप, वायरल  संक्रमण, बैक्टीरियल इन्फेक्शन, ट्यूमर, कैंसर आदि।

उच्च-संवेदनशीलता सी-रिएक्टिव प्रोटीन (HS-CRP) परीक्षण परंपरागत सी-प्रतिक्रिया प्रोटीन परीक्षण की तुलना में थोड़ा अलग परीक्षण है, जो हृदय रोग की पूर्व सूचना प्रदान करता है। HS-CRP टेस्ट, ब्लड में प्रोटीन के निम्न स्तर (0.5–10 mg/L) को मापता है, जबकि नियमित सी-रिएक्शन प्रोटीन टेस्ट, ब्लड में प्रोटीन के उच्च स्तर (10–1,000 mg/L) को मापता है।

CRP Test क्यों किया जाता है? (why doing CRP test in Hindi) :–

मुख्यत सी-रिएक्टिव प्रोटीन टेस्ट शरीर में सूजन का पता लगाने के लिए किया जाता है। इस टेस्ट से शरीर में किसी प्रकार के है सूजन है या नहीं, इसका पता लगाया जाता है। हालांकि यह टेस्ट (C Reactive Protein Test) शरीर में सूजन किन कारणों से होती है इसकी जानकारी नहीं देता है।

यदि आपको बैक्टीरियल इंफेक्शन (Bacterial Infection) के निम्नलिखित में से कोई भी लक्षण नजर आते हैं तब भी यह सी रिएक्टिव प्रोटीन टेस्ट यानी CRP test अलाउड किया जाता है। जैसे :–

  • बुखार (Fever) लगना।
  • ठंड लगना (Chills)।
  • तेजी से सांस लेना (Rapid breathing) या सांस लेने में परेशानी महसूस होना।
  • दिल की धड़कन तेज होना (Rapid heart rate)।
  • जी मिचलाना और उल्टी (Nausea and vomiting) होना।

यदि आपका डॉक्टर पहले ही इंफेक्शन को डायगनोस कर चुका है तब सी रिएक्टिव प्रोटीन टेस्ट (C Reactive Protein Test) आपकी बीमारी को मोनिटर करने के लिए किया जा सकता है। सीआरपी (CRP) लेवल का बढ़ना और घटना शरीर की सूजन पर निर्भर करता है। यदि आपके शरीर में सीआरपी लेवल कम होता है, तो यह दर्शाता है कि सूजन का जो आपका ट्रीटमेंट चल रहा है वह काम कर रहा है।

सीआरपी का सामान्य स्तर क्या है? | CRP test normal range in Hindi :–

c reactive protein level in Hindi

  • स्वस्थ वयस्कों में परंपरागत सीआरपी (standard CRP) का सामान्य स्तर 0.8 मिलीग्राम / लीटर  से लेकर 3.0 मिलीग्राम / लीटर तक होता है।
  • 3.0 मिलीग्राम / लीटर से ऊप्पर का स्तर असमान्य सीआरपी माना जाता है। (7 & 8)
  • 3 mg/L और 10 mg/L के बीच का स्तर आमतौर पर मधुमेह, उच्च रक्तचाप, तंबाकू और धूम्रपान का कारण हो सकता है।
  • 10 mg/L और 100 mg/L के बीच का स्तर वायरल  संक्रमण (COVID-19 आदि), ट्यूमर और कैंसर आदि का संकेत हो सकता है।
  • 100 mg/L से ऊप्पर का स्तर बैक्टीरियल संक्रमण का संकेत ​हो सकता है।

सीआरपी ब्लड टेस्ट किस परिस्थिति में करवाना चाहिए? (Who should get the CRP blood test in Hindi) :–

ऐसे व्यक्ति जिन्हें हृदय रोग हो या हृदय रोग होने की सम्भावना अधिक हो,तो वैसे कंडिशन में डॉक्टर अक्सर सीआरपी टेस्ट करवाने की सलाह देते हैं।

डॉक्टर अक्सर संक्रमण का संदेह होने पर या संक्रमण के समय सीआरपी ब्लड टेस्ट करवाते हैं, साथ ही जो व्यक्ति पुरानी बीमारी से पीड़ित होते हैं उनका भी सीआरपी टेस्ट करवा सकते हैं।

इसके अलावा सीआरपी ब्लड टेस्ट का उपयोग आपके उपचार की निगरानी के लिए भी करवाया जा सकता है।

ब्लड में सीआरपी का स्तर सूजन के आधार पर बढ़ता या गिरता है। यदि किसी व्यक्ति का सीआरपी स्तर नीचे चला जाता है, तो यह इस बात का संकेत हो सकता है कि सूजन के लिए किये जाने वाला उपचार ठीक से चल रहा है।

इसके अलावा डॉक्टर उन कंडिशन में भी व्यक्ति को सीआरपी टेस्ट करवाने की सलाह दे सकते हैं जिस स्थिति में सीआरपी स्तर बढ़ने की अधिक सम्भावना रहती है। जैसे की वैसे कंडिशन में शामिल हैं जो निम्न दिए गए हैं।

  • जिन लोगों कोरोना वायरस से संक्रमित होने की संभावना हो।
  • पुरुष जिनकी उम्र 45 या उससे अधिक हो, और ऐसी महिलाऐं जिनकी उम्र 55 या उससे अधिक हो,
  • पिछले पांच से सात वर्षों से धूम्रपान यानी की स्मोकिंग का हिस्ट्री हो ।
  • हृदय रोग का पारिवारिक इतिहास यानी की परिवार में पहले से किसी को हो रखा हो।
  • ऑटोइम्यून विकार से पीड़ित व्यक्ति।
  • कैंसर से पीड़ित व्यक्ति।
  • ऐसे व्यक्ति जिनकी हल में ही सर्जरी हुए हो।
  • उच्च रक्तचाप वाले व्यक्ति।
  • ऐसे व्यक्ति जिनका रक्त कोलेस्ट्रॉल अधिक होता हो।
  • टाइप  2  डायबिटीज से ग्रस्त व्यक्ति।
  • ऐसे व्यक्ति जिनका वजन अधिक हो।
  • ऐसे लोग जिन्हें बैक्टीरियल इन्फेक्शन या फंगल इन्फेक्शन हुआ हो।
  • इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज से पीड़ित व्यक्ति।

दोस्तो ऊपर दिए गए परिस्थिति में डॉक्टर आपको CRP test के लिए कह सकते है या फिर इनमे से कोई भी प्रोब्लम हो तो सीआरपी टेस्ट करवा सकते है। इसके बाद दोस्तो अब हम आगे जानेंगे की सीआरपी टेस्ट करने से पहले क्या क्या तैयारी करनी चाहिए तो बने CRP test in Hindi आर्टिकल के साथ,

CRP test यानी सी रिएक्टिव प्रोटीन टेस्ट कराने से पहले क्या करना चाहिए?

दोस्तों वैसे तो सीआरपी स्तर कम होने का कारण अभी तक तो जानकारी नहीं है लेकिन, रुमेटाइड अर्थराइटिस और ल्यूपस (Lupus) जैसी गंभीर बीमारियों में सीरआपी का स्तर जो है वो कम हो सकता है, इसका मतलब ये नही है की बॉडी में सूजन नहीं होगा।

वैसे तो दोस्तो सी रिएक्टिव प्रोटीन टेस्ट (C Reactive Protein Test) के लिए कोई विशेष तैयारी नहीं होती है, लेकिन अगर आप कुछ दवाओं का सेवन कर रहे हैं,या अन्य एक्टिविटी तो अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।

CRP test (C Reactive Protein Test) के दौरान क्या होता है?

सीआरपी टेस्ट के दौरान, डॉक्टर द्वारा सबसे पहले आपके ब्लड का सैंपल (Blood sample) लिया जाता हैं। जिसके लिए आइए देखते है क्या क्या करना होता है–

  • दोस्तो सबसे पहले बॉडी से ब्लड निकालने के लिए ब्लड फ्लो (Blood flow) को रोकने के लिए सबसे पहले हाथ में बैंड लगाया जाता है, जिससे नसें साफ-साफ दिखाई देने लगती हैं।
  • उसके बाद रूई में एल्कोहॉल लगाकर डॉक्टर नसों को साफ करते हैं, जिससे सूई लगाने में आसानी होती है।
  • इसके बाद डॉक्टर आपकी नस में सूई लगाते हैं।
  • सूई से डॉक्टर खून निकालते हैं और फिर उसे एक सिरिंच में डाल देते हैं।
  • फिर बैंड को हटा देते हैं।
  • इसके बाद नसों पर रूई लगाते हैं।
  • फिर एक बैंडेज को चिपका देते हैं।
  • ऊपर बताई गई प्रक्रिया जो है सीआरपी टेस्ट (C Reactive Protein Test) के दौरान की जाती है।

हाई-सेंसिटिव सीआरपी प्रोटीन परीक्षण क्या है? | High sensitivity CRP test in Hindi :-

High CRP test। HS-CRP test meaning in Hindi

ज्यादा सेंसेटिव सीआरपी टेस्ट को हाई सेंसिटिविटी सी-रिएक्टिव प्रोटीन टेस्ट (C Reactive Protein Test) कहा जाता है। इसमें व्यक्ति की हार्ट डिजीज (Heart disease) का पता लगाया जाता है। हालांकि, यह पता नहीं है कि हाई सीआरपी क्या सिर्फ हृदय रोगों की तरफ ही इशारा करते हैं या फिर इससे अन्य बीमारियां भी हो सकती हैं।

दोस्तों अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (एएचए) और सीडीसी (CDC) के अनुसार जो है उच्च-संवेदनशीलता सी-रिएक्टिव प्रोटीन (HS-CRP) परीक्षण मुख्य रूप से हृदय रोग और स्ट्रोक की पहले की-सूचना प्रदान करता है।

HS-CRP परीक्षण रेंज | (HS-CRP test range) :-

कम-जोखिम वाला समूह (Low risk) :– 1 milligram (mg) per liter or less

मध्य जोखिम वाला समूह (Moderate risk) :– Between 1 and 3 mg per liter

उच्च जोखिम वाला समूह (High risk) :– Greater than 3 mg per liter Acute plaque rupture (a stroke or heart attack)Greater than 10 mg per liter

इस बात का ध्यान रखें कि यदि आपका HS-CRP स्तर अधिक है, तो ये कन्फर्म नहीं होता है कि आपको कोई हृदय रोग है। हृदय रोग का और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए डॉक्टर और भी दूसरा जांच ( परीक्षण ) करवा सकते हैं।

सीआरपी का उच्च स्तर खतरा क्यों माना जाता है? | Why Are Higher Levels of CRP Bad in Hindi :–

• जैसा की दोस्तो कुछ अध्ययनों से अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन द्वारा 2003 में सीआरपी के निम्न स्तर वाले लोगों की तुलना में सीआरपी के उच्च स्तर वाले लोगों में दिल का दौरा यानी हार्ट अटैक पड़ने की संभावना दो से तीन गुना अधिक थी।

• सीआरपी का उच्च स्तर शरीर के लिए बहुत ही हानिकारक भी साबित हो सकता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि सीआरपी खुद से शरीर की सूजन को बढ़ा सकता है, ह्रदय की रक्त वाहिकाओं यानी ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंचा सकता है और साथ ही शरीर में विषैले तनाव पैदा कर सकता है।

और पढ़ें :– हार्ट फेलियर के लक्षण,कारण और बचाव?

• अन्य अध्ययनों से पता चला है कि सीआरपी रक्त वाहिकाओं की दीवारों और रक्त वाहिका की मांसपेशियों में inflammatory molecules को बढ़ा सकते हैं, जो बाद में  रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसके अलावा, सीआरपी इंसुलिन सिग्नलिंग को रोक सकते हैं, जिससे शुगर मांसपेशियों के ऊतकों में प्रवेश नहीं कर पता है और जिसकारण मासपेशियां कमजोर पड़ने लगती हैं।

संक्रमण के कितने दिन बाद उच्च सीआरपी स्तर सामान्य हो जाता है?

संक्रमण के 4-6 घंटे बाद सीआरपी का स्तर बढ़ना शुरू हो जाता है, जो हर 8 घंटे में दोगुना हो सकता है और 36-72 घंटों के भीतर लास्ट पर पहुंच सकता है। वैसे सीआरपी का स्तर संक्रमण के लगभग 3-4 दिनों के बाद सामान्य हो जाता है।

CRP test in Hindi : सीआरपी टेस्ट क्या है, क्यों किया जाता है? और इसका सामान्य स्तर क्या होता है?

सी-रिएक्टिव प्रोटीन कम करने के उपाय | Tips to Lower High Levels of CRP in Hindi :–

सीआरपी कम करने के घरेलू उपाय जिससे CRP कम किया जा सकता है उच्च सीआरपी स्तर घरेलू उपचार (C reactive protein Ka upchar in Hindi) द्वारा ठीक किया जा सकता है। इनमे कुछ घरेलू उपचार शामिल हैं-

• सबसे पहले व्यायाम दोस्तो व्यायाम जो है वो हर बीमारी से बचने के लिए रामबाण है तो आप उच्च सी-रिएक्टिव प्रोटीन को कम करने के लिए भी नियमित रूप से व्यायाम करें।

• पर्यावरणीय तनाव से दूर रहें उच्च सीआरपी स्तर को कम करने के लिए पर्यावरणीय तनाव (environmental stress) से दूर रहें जिसमें धुएं, स्मॉग और प्रदूषण प्रमुख हैं।

• बढ़े हुए वजन को कम करें अधिक वजन और मोटापे से ग्रस्त लोगों में, वजन घटाने और वसा में कमी, सीआरपी के स्तर में कमी ला सकती है। इसके लिए आप डेली वॉक पर जाएं।

• पौष्टिक आहार लें जैसा की दोस्तो एक स्वस्थ आहार आपको जीवन दान मिलता है इसलिए आपके उच्च सी-रिएक्टिव प्रोटीन के स्तर को कम कर सकती है।उच्च फाइबर युक्त फल और सब्जियां उच्च सीआरपी के स्तर को कम करने में मदद कर सकती हैं।

• शराब का सेवन कम से कम करे।

• भूमध्यसागरीय आहार का सेवन :- अध्ययन के अनुसार मछली, नट्स, जैतून के तेल, फलों और सब्जियों से भरपूर भूमध्य आहार का सेवन करने से सीआरपी का स्तर 20 प्रतिशत कम किया जा सकता है। इसके लिए अखरोट का नाश्ता, मछली जो ओमेगा -3 फैटी एसिड से भरपूर हों जिनमें शामिल है सैल्मन और ट्राउट खाएं।

• विटामिन सी :- सीआरपी कम करने के लिए विटामिन सी से युक्त चीजों का  सेवन करे। विटामिन सी 24 प्रतिशत तक सीआरपी को कम करने में मदद करता है।

• कॉफी और ग्रीन टी पियें  : शोध से पता चलता है कि जो लोग कॉफी और ग्रीन टी पीते हैं उन लोगों में सीआरपी का स्तर कम देखा गया।

• दोस्तो जैसा की एक अध्ययन में पाया गया कि पुरुषों में कॉफी का बढ़ा हुआ स्तर, सीआरपी के स्तर को कम करता है। हालांकि महिलाओं में इसका कोई असर नहीं देखा गया है।

इसे भी पढ़े :– किडनी फेलियर के लक्षण, कारण, और बचाव के बारे में।

CRP test के जोखिम क्या हैं? | What is side effects CRP test in Hindi :–

CRP test (C Reactive Protein Test) के दुष्प्रभाव निम्नलिखित हो सकती है जो निम्न है

  • चक्कर आना।
  • टेस्ट की जगह निशान पड़ना।
  • दर्द होना ।
  • इंफेक्शन का खतरा होना।
  • ब्लीडिंग अधिक होना जाना।
  • कभी कभी बुखार का भी संभावना।
  • ठंड लगना।
CRP test के परिणामों का क्या मतलब है? | (What is CRP results in Hindi) :-

CRP test (C Reactive Protein Test) की रिपोर्ट में रेफ्रेंस रेंज होता है, जो कि हर लैब में अलग अलग होता है। इस रेफ्रेंस रेंज के अनुसार, ही डॉक्टर आपके स्वास्थ्य का मूल्यांकन करते हैं, जिसके बाद आपको सलाह देते हैं।

सीआरपी (सी रिएक्टिव प्रोटीन टेस्ट) की रिपोर्ट लगभग 24 घंटे में मिल जाती है

सीआरपी (सी रिएक्टिव प्रोटीन टेस्ट) का स्तर नॉर्मल- 10mg/L से कम होता है

सीआरपी (सी रिएक्टिव प्रोटीन टेस्ट) के स्तर को विभिन्न दवाएं प्रभावित कर सकती हैं।

सी रिएक्टिव प्रोटीन टेस्ट (C Reactive Protein Test) का स्तर उच्च होना इस बात का इशारा करता है कि आपके शरीर में किसी तरह की स्पेलिंग हो। अगर आपकी रिपोर्ट नॉर्मल नहीं आती है तो डॉक्टर सूजन का पता लगाने के लिए आपको कुछ दूसरे टेस्ट (Test) लिखेगा। क्योंकि इस टेस्ट में सूजन का पता तो चल जाता है लेकिन सूजन कहा है इसका पता नही चल पाता है।

अगर सीआरपी का स्तर उच्च होता है, तो यह हार्ट डिजीज (Heart Problem) की तरफ इशारा करता है। हालांकि इससे दिल की बीमारी (Heart problem) की पूरी जानकारी नहीं मिल सकती है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर आपको अन्य टेस्ट कराने की सलाह दे सकते हैं।

जरूरी नहीं होता है की CRP लेवल बढ़ने पर आपको मेडिकल जांच की जरूरत पड़ेगी ही पड़ेगी। क्योंकि CRP लेवल बढ़ने के पीछे कई दूसरे कारण भी हो सकते हैं, जिसमें स्मोकिंग (Smoking), मोटापा आदि।

CRP test यानी की उच्च सी-रिएक्टिव प्रोटीन और कोरोना संक्रमण के बीच सम्बन्ध | CRP test in COVID patients in Hindi :–

c-reactive protein Covid in Hindi
डॉक्टरों के मुताबिक कोरोना से संक्रमित ज्यादातर लोगों में सीआरपी का स्तर अधिक देखा गया है। इसलिए सी-रिएक्टिव प्रोटीन टेस्ट, कोरोना संक्रमण की निगरानी में अहम भूमिका निभा सकता है।कई डॉक्टरों का मानना है कि कोरोना संक्रमण के 4-5 दिन बाद सीआरपी टेस्ट फायदेमंद हो सकता है, जिससे शरीर में या फेफड़ों में होने वाली सूजन का पता चल सकता है। ।

कोविड-19 में सीआरपी का सामान्य स्तर | CRP normal range in covid-19 in Hindi :-

रक्त में सीआरपी का समान्य स्तर 3 मिलीग्राम/लीटर से कम होता है।अध्ययन के अनुसार, कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में सीआरपी स्तर काफी ऊंचा (औसत 20 से 50 मिलीग्राम/लीटर) देखा गया है।

FAQ :– CRP test से जुड़े सवाल और जबाब ?

Q) सीआरपी टेस्ट नॉन रिएक्टिव का मतलब क्या है? 
Ans :– सीआरपी टेस्ट नॉन रिएक्टिव का मतलब है कि व्यक्ति में कोई संक्रमण नहीं है। मतलब टेस्ट वैल्यू सामान्य स्तर पर है

निष्कर्ष :– दोस्तो मैं आशा करती हूं की आपको हमारा CRP test in Hindi आर्टिकल पसंद आया होगा। और इससे जुड़ी हरेक जानकारी मिली होगी। जो की आपके काफी काम आ सकती हैं। अगर आपको ऊपर बताए गए कोई लक्षण नजर आते हैं तो आपका डॉक्टर आपको यह जांच कराने की सलाह दे सकता है। सी-रिएक्टिव प्रोटीन टेस्ट से जुड़ी यदि आप अन्य जानकारी चाहते हैं तो आप हमसे कमेंट कर पूछ सकते हैं। या फिर डॉक्टर से सलाह ले सकते है।

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