बच्चों में बार बार उल्टी क्यों होता है?
Table of Contents
- 1 बच्चों में बार बार उल्टी क्यों होता है?
- 2 बच्चों में बार-बार उल्टी होने के कारण :-
- 3 बच्चों में बार-बार उल्टी होने से बचाव और घरेलू उपाय । बच्चों में उल्टी के लिए घरेलू उपचार :-
- 4 मेडिकल ट्रीटमेंट बच्चो में बार बार उल्टी होने पर । vomiting in children treatment in Hindi:–
- 5 बच्चों की उल्टी में उपयोगी होने बाली औषधियां :–
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बच्चो में बार-बार उल्टी पेट के पदार्थ पूरे जोश के साथ मुँह और नाक के जरिये निकलता है, तो उस प्रक्रिया को उल्टी कहा जाता है।vomiting रोग को दूध पलट देना, कै होना के नामों से भी जाना जाता है।बच्चे दूध पीने के बाद उल्टी कर देते हैं तो इसमें परेशानी की कोई बात नहीं है और न ही इसे पेट खराब होने वाला कोई संकेत समझे। ऐसा माना जाता है कि अगर आपका बच्चा उल्टी कर देता है तो वह स्वस्थ है लेकिन जब बच्चों में बार बार उल्टी हो तो समस्या आगे बन सकती है।
बच्चों में बार-बार उल्टी होने के कारण :-
बच्चो में बार-बार उल्टी होने के निम्न कारण है
- दुग्धपान कराने के तरीके में दोष
- एम्नायोटिक द्रव या किसी औषधि की प्रतिक्रिया में दोष।
- ट्रेकिया और एसोफैगस का फिस्ट्राला।
- आंतो में रुकावट।
- मेकोनियम प्लग।
- मेनिनजाइटिस।
- एनसेफलाइटिस।
- सेप्टीसीमिया।
- हाइड्रोसिफेलस।
- बच्चे में चोट।
- रक्त में कैल्सियम की मात्रा अधिक और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा का कम होना, फिनाइल किटोयूरिया आदि।
2 से 3 माह की आयु वर्ग से 1 वर्ष आयु के बालक में बार बार उल्टी होने के कारण कुछ इस प्रकार है:–
- अधिक दूध पिलाने पर दूध पिलाने की दोषपूर्ण विधि।
- बच्चा अधिक रोता हो।
- बच्चे को ठोस आहार खिलाना जल्द आरंभ कर देना।
- पाइलोरिक स्टीनोसिस तथा पाईलेरोस्पास्म के कारण
- मेनिनजाइटिस, ऐंसेफलाइटिस, peritonitis, व्हूपिंग Cough।
- गाय के दूध से एलर्जी।
- यूरीमिया, किटोएसिडोसिस।
- मस्तिष्क में किसी ट्यूमर का होना, ब्रेन के मेंब्रेन में ब्लड जमा होना, ब्रेन में ब्लीडिंग होना तथा हाइड्रोसेफलस।
छोटे बच्चो में बार बार उल्टी होने के कारण:–
- गाड़ी में सफर करने पर।
- डर या भयवश अथवा किसी चीज को देखकर अथवा उसकी सुगंध से भी बच्चे को उल्टी हो सकती है।
- विषैला भोजन करने पर आंत में इन्फेक्शन हो जाने पर।
- नाक के पिछले भाग से ब्लीडिंग होने पर फेरिंक्स में क्षोभ होता है, जिससे खांसी उठती है। इससे भी बच्चे को उल्टी हो सकती है।
- पेट का इन्फेक्शन, मूत्र संस्थान का इन्फेक्शन, ब्रेन में प्रोब्लम होने के कारण भी बच्चे में बार बार उल्टी होती है।
- आंतो में रुकावट– बच्चे मे बार बार उल्टी और कब्ज रहती है। पेट में आफरा आकर कठोर हो जाता है। इसे बच्चो को 30 मिनट में दो बार एनिमा का प्रयोग करने पर भी यदि मल नहीं आए तो उसे तुरंत डॉक्टर के पास भिजवा दे क्युकी ऐसी दशा में ऑपरेशन ही एकमात्र उपचार है। एपेंडिसाइटिस में भी हो ऐसा ही हो सकता है। इन सभी कारणों से बच्चों में बार बार उल्टी होती है अतः इन सभी चीजों से बच्चे को बचाए।
बच्चों में बार-बार उल्टी होने से बचाव और घरेलू उपाय । बच्चों में उल्टी के लिए घरेलू उपचार :-
अनार का रस बच्चो की बार बार उल्टी में बहुत फायदेमंद होता है:–
जब बच्चे को उल्टियां हों तो अनार रस पिलाएं। इससे उल्टी बंद हो जाती है। इसमें शहद नींबू भी add कर सकते हैं।
धनिया का मिश्रित काढ़ा बच्चों की उल्टी रोकने में फायदेमंद (Coriander Beneficial to Get Relief from Vomiting in Children in Hindi)–
धनिया, इलायची जीरा, तथा पुदीना सभी को समान मात्रा में लेकर पानी में भिगो दें। इसके बाद जबइन्हें पानी में ही मसलकर और इस पानी को छान लें। इसके बाद इस पानी को बच्चे को दिन में तीन से चार बार पिलाएं। इससे बच्चे को उल्टी होना बंद हो जाएगा।
नींबू का रस भी बच्चों की बार बार उल्टी रोकने में फायदेमंद (Benefit of Lemon to Get Relief from Vomiting in Children in Hindi)–
गर्मी के मौसम में बच्चे को थोड़े से पानी में नमक और नींबू का रस add कर पिलाएं। यह बच्चे को दिन में दो से तीन बार दें सकते है।
अदरक बच्चों की बार बार उल्टी रोकने में मदद करता है (Ginger Beneficial to Get Relief from Vomiting in Children in Hindi)–
अदरक की चाय बनाकर दे जिससे बच्चे की जी मिचलाना बंद हो जाएगा और पाचन क्रिया भी बेहतर होती है।
चावल का पानी बच्चों की बार बार उल्टी रोकने में सहायक होते है। (Rice Water Beneficial to Get Relief from Vomiting in Children in Hindi)–
उल्टी यदि गैस के कारण हो रही है तो दिन में दो से तीन बार चावल का पानी पिलाएं। इससे बच्चे का उल्टी आना बंद होने लगता है।
इलायची बच्चों की बार बार उल्टी रोकने में फायदेमंद होता है (Cardamom Beneficial to Get Relief from Vomiting in Children in Hindi)–
इलायची के बीजों को तवे पर भूनकर चूर्ण बना लें। इसके बाद इस चूर्ण को लगभग 2-2 ग्राम की मात्रा में गर्म पानी के साथ मिलाकर बच्चे को दिन में 3 बार दे।
तुलसी बच्चों की उल्टी रोकने में फायदेमंद (Tulsi Beneficial to Get Relief from Vomiting in Children in Hindi)–
तुलसी के ताजे पत्तोंं का एक चम्मच रस निकालकर उसकी गर्म कर ले फिर ठंडा होने के बाद उसे पीला दे।
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बच्चों में बार बार उल्टी के समय डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए :-
यदि बच्चे में निम्नलिखित में से कोई लक्षण दिखाई दे तो डॉक्टर से संपर्क करने में देर नहीं करनी चाहिए जैसे :–
- मुंह सूखने लगना।
- आंसूओं की कमी।
- धंसे हुए कलांतराल।
- सुस्त या ढीला-ढीला-सा लगना।
- मल में खून।
- पेट का फूलना।
- उल्टी में खून या पित।
- बुखार।
- अतिसार।
- दूध पीने से मना करना।
- अधिक समय तक उल्टी करना।
- बहुत चिड़चिड़ा ।
- सांस लेने में दिक्कत।
- डिहाइड्रेशन।
मेडिकल ट्रीटमेंट बच्चो में बार बार उल्टी होने पर । vomiting in children treatment in Hindi:–
बहुत बार बचे द्वारा उल्टी करने का कोई विशेष कारण नहीं हुआ करता है। ऐसे बच्चों के शारीरिक भार में भी कोई कमी नहीं हुआ करता है इसमें बच्चो के माता पिता को समझा देना चाहिए कि उनको घबराने की कोई आवश्यकता नही है। यदि रोगी बालक को नीचे लिखे लक्षण हो तो उनके लिखे कारणों का पता लगाकर उचित उपचार करना चाहिए :–
- बुखार के साथ अथवा बिना बुखार के भी लगातार उल्टी होते रहना।
- रोगी बच्चो का स्वास्थ गिरा गिरा सा।
- भोजन निगलने अथवा दूध न ले पाने को कंडिशन में।
- पेट फूल गया हो।
- उदर में कोई वृद्धि जो छूने पर अनुभव हो।
- बॉडी में पानी की कमी हो।
- सिर पर फॉन्टेनल बाहर की ओर निकली हुई, निरस्त सिरदर्द तथा दौरे पड़ना।
- रोगी बालक को ठंडा ताजा जल घुट घुट में पिलाई।
बच्चों की उल्टी में उपयोगी होने बाली औषधियां :–
- Metoclopramide :– adult में 10 mg दिन में तीन बार। बच्चो के लिए 0.5 mg प्रतिकिलोग्राम शारीरिक भारनुसार दिन में 3–4 समान विभाजित मात्रा में विभाजित कर सेवन करना चाहिए।
- एमेनिल टेबलेट, इंजेक्शन।
- मैक्सेरोन टेबलेट, लिक्विड, इंजेक्शन।
- मैक्सिनॉर्म टेबलेट 10 mg ।
- पैरीनॉर्म टेबलेट 4,10,15 mg लिक्विड 5 mg प्रति 5 ml तथा इंजेक्शन 5 mg प्रति ml।
- रेगलॉन टेबलेट, सिरप, इंजेक्शन।
- टोमिड टेबलेट वा सिरप।
- वॉमिनॉर्म टेबलेट 5 वा 10 mg इंजेक्शन।
अन्य उपयोगी औषधियां:–
- स्टेमेटिल टेबलेट 5 वा 25 mg इंजेक्शन 12.5 mg/ml बच्चो को 0.25 mg प्रति किलो ग्राम शारीरिक भारानूसार प्रतिदिन की कुल मात्रा को 2 से 3 समान मात्राओ में विभाजित कर दे।
एवोमिन टेबलेट 25 mg टेबलेट। 1/4 से 1/2 टेबलेट प्रतिदिन 3 बार दे। - नॉर्मेटिक टेबलेट 10 mg सस्पेंशन ।1 mg प्रति ml । 0.3 mg प्रति किलो शारीरिक भारानूसार दिन में 3 से 4 बार।
- नॉर्मोडिल टेबलेट, सस्पेंशन, 0.3 mg प्रति किलो शारीरिक भारानूसार दिन में 3 से 4 बार ।
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QNA : बच्चों में बार बार उल्टी होने से जुड़ी सवाल और जवाब?
Q.) उल्टी खत्म होने के कितने घंटे बाद बच्चे को ठोस आहार दे?
Ans:– शरीर में तरल पदार्थों की कमी हो जाती है कमी को दूर करने के लिए बच्चे को तरल पदार्थ पिलाती रहें। उसे धीरे-धीरे पानी पिलाएं। आराम होने के कम से कम 12 घंटे बाद ही शिशु को कोई ठोस आहार दें।
Q.)पाइलोरिक स्टीनोसिस तथा पाईलेरोस्पास्म क्या होता।
Ans:–इसमें बच्चा दूध पीने या पिलाने के बाद तुरंत पलट देता है। ऐसे में आंतो का निरीक्षण करना चाहिए, जहां से चौड़ा होता है। ऐसे बच्चो को तुरंत अस्पताल में भिजवा देना चाहिए।

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