ECHO test in Hindi – इकोकार्डियोग्राफी क्या है? इको टेस्ट क्यों किया जाता है?

ECHO test in Hindi - इकोकार्डियोग्राफी क्या है? इको टेस्ट क्यों किया जाता है?
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आज के इस पोस्ट में बात करेंगे और “echo test in hindi” के माध्यम से आप जानेंगे कि क्या होता है echo test और इसका उपयोग क्यों किया जाता है। साथ ही आप जानेंगे कि echo test के क्या फायदे और नुकसान होतें हैं। हालांकि इसके अलावा और भी इससे जुड़ी डिटेल में जानेंगे तो दोस्तों इस पोस्ट को पूरा पढ़े।

इकोकार्डियोग्राफी क्या है? What is ECHO test in Hindi :-

ECHO test in Hindi इकोकार्डियोग्राफी का मतलब हिंदी में (Echocardiography Meaning in Hindi)

ECHO test एक ऐसा टेस्ट है जो हर्ट को हरेक तरीके से जांच करने के लिए ध्वनि तरंगों का उपयोग करता है उसे इकोकार्डियोग्राफी कहते है । उससे जो डायग्राम बनता है वो इको यानी इकोकार्डियोग्राम के रूप में जाना जाता है। यह टेस्ट pain free टेस्ट होता है। इस टेस्ट को करवाने के लिए किसी खास चीज की तैयारी नहीं करनी होती है अगर पेसमेकर संबंधित कोई समस्या है तो इसके बारे में डॉक्टर से बात करे। इस टेस्ट में साउंड वेव्स का उपयोग किया जाता है इस साउंड वेव्स के माध्यम से हार्ट का इमेज लिया जाता है ।तो चलिए दोस्तो आज इस ECHO test in Hindi में डिटेल से जानेंगे।

इकोकार्डियोग्राफी यानी की ECHO test किस उद्देश्य से किया जाता है? (What is the purpose of Echocardiography or ECHO test in Hindi) :-
तो दोस्तो ECHO test का उपयोग निम्नलिखित कारणों से किया जाता है। जैसे की : –

  • यह निर्धारित करना कि हृदय कितनी अच्छी तरह रक्त पंप कर रहा है।
  • असामान्य इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ईसीजी) के कारण का आकलन करें, जो हृदय की असामान्य विद्युत गतिविधि को इंगित करता है।
  • रक्त के थक्के या ट्यूमर का स्थान।
  • हृदय रोगों के निदान के लिए, जैसे हृदय की मांसपेशियों का अकड़ना, हृदय की कमजोर पंपिंग क्रिया, टपका हुआ हृदय वाल्व, अवरुद्ध हृदय वाल्व और हृदय कक्षों का बढ़ना।
  • फुफ्फुसीय उच्च रक्तचाप का निदान (हृदय और फेफड़ों में धमनियों को प्रभावित करने वाले रक्त का बढ़ा हुआ दबाव)
  • शिशुओं और छोटे बच्चों में जन्मजात हृदय स्थितियों (जन्म के समय मौजूद स्थितियां) की पहचान।
  • यह निगरानी करना कि हृदय विभिन्न प्रकार के हृदय उपचारों जैसे पेसमेकर, कृत्रिम वाल्व प्लेसमेंट, या दिल की विफलता के लिए दवाएं (जब हृदय शरीर के बाकी हिस्सों में पर्याप्त रक्त पंप करने में विफल रहता है) के प्रति कितनी अच्छी प्रतिक्रिया करता है।

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ECHO test किन किन बीमारियों में किया जाता है?

एक इकोकार्डियोग्राम उन डायग्राम को प्राप्त करने में भी मदद कर सकता है जो निम्न के बारे में जानकारी प्रदान कर सकती हैं :–

  • हृदय के आकार में परिवर्तन, हृदय की मांसपेशियों का फैलाव या मोटा होना।
  • हृदय के चैंबर में रक्त के थक्के।
  • दिल के आसपास की थैली में तरल पदार्थ।
  • महाधमनी के साथ समस्याएं
  • हृदय वाल्व रोग
  • हार्ट वाल्व
  • मायोकार्डियल रोग (दिल का दौरा)
  • पेरीकार्डियल रोग
  • संक्रमित इंडोकार्डाइटिस
  • कार्डियक समूह (Cardiac masses)
  • जन्मजात हृदय रोग (Congenital heart disease)
  • टैकीकार्डिया (Tachycardia)
  • ब्रैकीकार्डिया (Brachy cardia)
  • दिल में सूजन या जलन
  • हृदय में खून का थक्का जमना
  • दिल के आस-पास की थैली में द्रव जमना
  • महाधमनी से जुड़ी कोई समस्या
  • हार्ट मर्मर
  • हृदय को आराम देने वाले कार्य या पम्पिंग कार्य में समस्याएँ।
  • दिल में दबाव।
  • हृदय वाल्व के काम करने में समस्या।
  • अतः इन सभी समस्या में भी इको टेस्ट करने के लिए डॉक्टर कह सकते है।

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ECHO test यानी इकोकार्डियोग्राम कितने प्रकार से किया जाता हैं? (What are the different types of Echocardiograms in Hindi) :-

विभिन्न प्रकार से ECHO test शामिल हैं।

  • ट्रान्सथोरासिक इकोकार्डियोग्राम :–
  1. यह इकोकार्डियोग्राम परीक्षण का सबसे सामान्य प्रकार के इको टेस्ट है।इसमें हृदय क्षेत्र के पास छाती के बाहर एक अल्ट्रासाउंड वैंड, जिसे ट्रांसड्यूसर के रूप में जाना जाता है, रखना शामिल है। उसके बादडिवाइस छाती के माध्यम से हृदय में ध्वनि तरंगें भेजेगा।ध्वनि तरंगों को अच्छी तरह से यात्रा करने में मदद करने के लिए छाती पर एक सेमी लिक्विड टाइप का जेल लगाया जाता है। फिर स्क्रीन पर हृदय संरचनाओं की डायग्राम बनाने के लिए ध्वनि तरंगें हृदय से उछलती हैं।
  • ट्रांससोफेजियल इकोकार्डियोग्राम :–
  1. एक कम रास्ता वाला यानी पतली ट्रांसड्यूसर एक लंबी ट्यूब के सिरे से जुड़ी होती है।ट्यूब को मुंह के माध्यम से निगल लिया जाता है और एसोफैगस में डाला जाता है, जो मुंह और पेट को जोड़ता है।
  2. इस प्रकार का इकोकार्डियोग्राम ट्रान्सथोरासिक इकोकार्डियोग्राम की अपेक्षा में हृदय की अधिक विस्तृत छवियां यानी डायग्राम प्रदान करता है।
  • डॉपलर अल्ट्रासाउंड :–
  1. इस प्रकार का अल्ट्रासाउंड रक्त के बहाव की जांच करने में मदद करता है।ध्वनि तरंगें जो है वो एक विशेष प्रकार के आवृत्तियों पर उत्पन्न होती हैं ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि ध्वनि तरंगें कैसे उछलती हैं और फिर कैसे ट्रांसड्यूसर पर लौट आती हैं।
  2. रंगीन डॉपलर अल्ट्रासाउंड का उपयोग हृदय में रक्त प्रवाह के वेग और दिशा को मापने के लिए किया जा सकता है। ट्रांसड्यूसर की ओर बहने वाला रक्त लाल रंग का दिखाई देता है, जबकि बहता हुआ रक्त नीले रंग का दिखाई देता है।
  3. एक डॉपलर अल्ट्रासाउंड हृदय के वाल्व, या हृदय की दीवारों में छेद के साथ समस्याओं का निदान करने में मदद करता है, और यह मूल्यांकन करता है कि रक्त हृदय से कैसे यात्रा करता है।
  • त्रि-आयामी यानी की 3डी इकोकार्डियोग्राम :–
  1. दिल की विफलता यानी की heart failure वाले व्यक्तियों में वाल्वों की कार्यक्षमता का जांच करने के लिए।
  2. शिशुओं और बच्चों में हृदय रोग का निदान करने के लिए।
  3. 3डी में हृदय के कार्य का जांच करने के लिए।
  4. हार्ट वॉल्व सर्जरी या स्ट्रक्चरल इंटरवेंशनल सर्जरी की प्लानिंग बनाने के लिए।
  • तनाव यानी स्ट्रेस इकोकार्डियोग्राम :–
  1. तनाव परीक्षण के रूप में एक इकोकार्डियोग्राम किया जा सकता है।
  2. एक शारीरिक व्यायाम, जैसे ट्रेडमिल पर चलना, किया जाता है और हृदय गति, रक्तचाप और हृदय की विद्युत गतिविधि की निगरानी की जाती है।
  3. व्यायाम से पहले और बाद में एक ट्रान्सथोरेसिक इकोकार्डियोग्राम लिया जाता है।
  4. डायग्नोसिस के लिए तनाव परीक्षण का उपयोग किया जाता है।
  5. दिल की धड़कन रुकना।
  6. इस्केमिक यानी कि संकुचित हृदय धमनियों के कारण हृदय की समस्याएं।
  7. कोरोनरी यानी हृदय को रक्त की आपूर्ति करने वाली धमनियों में रुकावट होने वाला रोग।
  8. समस्याएं जो हृदय के वाल्व को प्रभावित करती हैं।
  • भ्रूण इकोकार्डियोग्राम :–
  1. इस टेस्ट का उपयोग बच्चे को जन्म से पहले यानी भ्रूण में ही हर्ट को देखा जाता है।यह परीक्षण आमतौर पर गर्भावस्था के लगभग 18 से 22 सप्ताह में किया जाता है।
    इस प्रक्रिया के दौरान विकिरण का उपयोग नहीं किया जाता है और इसलिए यह बच्चे या मां के लिए हानिकारक नहीं है।

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ECHO Test कैसे होता है?

एकोकार्डियोग्राम (इको) आउट पेशेंट के आधार पर या अस्पताल में आपके ठहरने के हिस्से के रूप में किया जा सकता है।

STEP1 :– किसी भी गहने या अन्य वस्तुओं को हटा देंगे जो भी इस प्रक्रिया में बाधा डाल सकता है। कुछ वस्तु जो है उपयोग करने लायक वो है चश्मा, डेन्चर या श्रवण यंत्र पहन सकते हैं।

STEP2 :- कमर से ऊपर के कपड़े उतारने के बाद, पहनने के लिए गाउन दिया जाएगा।

STEP3 :- आप को मेज या बिस्तर पर लेटने के लिए कहा जाएगा। सपोर्ट के लिए आपकी पीठ के पीछे एक तकिया रखा जा सकता है।

STEP4 :- उसके बाद आप एक ईसीजी मॉनिटर से जुड़े रहेंगे जो हृदय की विद्युत गतिविधि को रिकॉर्ड करता है।प्रक्रिया के दौरान छोटे, और चिपकने वाले जो इलेक्ट्रोड होता है उसका उपयोग करके हृदय की देखभाल करता है

STEP5 :- कमरे में अंधेरा कर दिया जाएगा ताकि इको मॉनिटर पर डायग्राम को टेक्नोलॉजिस्ट द्वारा देखा जा सके।

STEP6 :- टेक्नोलॉजिस्ट गर्म जेल को आपकी छाती पर रखेगा और फिर ट्रांसड्यूसर जांच को जेल पर रखेगा। आप थोड़ा दबाव महसूस करेंगे क्योंकि टेक्नोलॉजिस्ट आपके दिल की विभिन्न डायग्राम को प्राप्त करने के लिए ट्रांसड्यूसर को रखता है।

STEP7 :- जांच के दौरान, टेक्नोलॉजिस्ट ट्रांसड्यूसर जांच को चारों ओर घुमाएगा और आपके दिल के विभिन्न स्थानों और संरचनाओं का डायग्राम को प्राप्त करने के लिए थोड़ी थोड़ी दवाब डालेगा।

STRP8 :- प्रक्रिया के दौरान आपको अपनी सांस रोककर रखने, गहरी सांस लेने या अपनी नाक से सूंघने के लिए भी कहा जा सकता है।

STEP9 :- यदि आपके हृदय की आकार को देखना डॉक्टर कठिन होगा तो वो IV कंट्रास्ट का उपयोग कर सकता है जो हृदय कक्षों को बेहतर दिखाने में मदद करता है।

STEP10 :- प्रक्रिया के बाद, टेक्नोलॉजिस्ट आपकी छाती से टिश्यू पेपर की मदद से जेल को मिटा देगा और ईसीजी इलेक्ट्रोड पैड को हटा देगा। फिर आप अपने कपड़े पहन सकते हैं।

STEP11 :- दोस्तो यह टेस्ट 15 से 45 मिनटों का हो सकता है और रिपोर्ट आधे से एक घंटों के बीच मिल जाता है।

STEP12 :- दोस्तो यह आयोडीन आधारित कंट्रास्ट नहीं है, इसलिए यदि आपको इस प्रकार के कंट्रास्ट के साथ झींगा या शेलफिश से एलर्जी है तो आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है।

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ECHO test की तैयारी कैसे करें? (How to prepare for Echocardiography in Hindi) :-
  • आपका डॉक्टर आपको प्रक्रिया समझाएगा और पूछेगा कि क्या आपके पास कोई पहले का रिपोर्ट है?
  • आम तौर पर, आपको उपवास या बेहोश करने जैसी कोई तैयारी करने की आवश्यकता नहीं होती है।
  • आप पहले से कौन सी दवा ले रहे हैं आपको अपने डॉक्टर को जरूर बता देना चाहिए।
  • अपने डॉक्टर को बताएं कि क्या आपके पास पेसमेकर है।
  • आपकी चिकित्सा स्थिति के आधार पर, आपका डॉक्टर अन्य विशिष्ट तैयारी का अनुरोध कर सकता है।
  • ट्रान्सथोरासिक इकोकार्डियोग्राम प्रक्रिया में विशेष कर किसी विशेष तैयारी की आवश्यकता नहीं होती है। आप हमेशा की तरह अपनी नियमित दवाएं खा सकते हैं, पी सकते हैं।
  • ट्रांससोफेजियल इकोकार्डियोग्राम के मामले में, आपको प्रक्रिया से आठ घंटे पहले कुछ भी खाने या पीने के लिए नहीं कहा जाएगा।
  • एक तनाव ECHO test के मामले में, आरामदायक जूते और ढीले कपड़े पहनें जो व्यायाम करने के लिए आरामदायक हों।
  • डॉक्टर को किसी भी चिकित्सीय स्थिति या बीमारियों के बारे में बताएं जो आपको हैं।

इकोकार्डियोग्राफी के बाद देखभाल कैसे करें? (How to care after ECHO test in Hindi) :-

  • ट्रान्सथोरेसिक इकोकार्डियोग्राम कराने के बाद अपनी नियमित गतिविधियों को फिर से शुरू कर सकते हैं।
  • ट्रांससोफेजियल कार्डियोग्राम वाले, रोगी को जांच के लिए कुछ घंटों के लिए अस्पताल में रहने की आवश्यकता हो सकती है।
  • ट्रान्ससोफेगल इकोकार्डियोग्राम के बाद कुछ घंटों के लिए रोगी के गले में खराश होने की संभावना होती है।
  • जिन रोगियों को परीक्षण से पहले शामक मिला है, उन्हें इकोकार्डियोग्राम के बाद कई घंटों तक गाड़ी नहीं चलाना चाहिए।

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ECHO test के जोखिम क्या हैं? (What are the risks of ECHO test in Hindi) :-

दोस्तो वैसे तो ECHO test को मुख्य रूप से सुरक्षित ही माना जाता है, क्योंकि अन्य इमेजिंग तकनीकों के विपरीत यह किसी विकिरण यानी की रेडिएशन का उपयोग नहीं करता है। लेकिन फिर भी कुछ मामलों में जोखिम जो इकोकार्डियोग्राफी से जुड़े हो सकते हैं उनमें शामिल हैं।

  • इसके विपरीत एलर्जी की प्रतिक्रिया।
  • खाने की नली में जलन।
  • इलेक्ट्रोड को हटाने के बाद थोड़ा बैचेनी।
  • गले में खरास हो सकती है।
  • नींद आना।
  • हार्ट रेट में परिवर्तन।

भारत में ECHO test की लागत क्या है? (What is the cost of Echocardiography in India in Hindi)

इको टेस्ट प्राइस :-

भारत के छोटे शहरों में यह टेस्ट ₹1400 से शुरू हो जाता है। लेकिन अलग अलग जगहों पर अलग लागत होती है जो लगभग करके निम्न दिया गया।

  • ट्रान्सथोरासिक इकोकार्डियोग्राफी लगभग– 5500 ₹₹₹
  • ट्रांससोफेजियल इकोकार्डियोग्राफी लगभग– 6000 ₹
  • तनाव इकोकार्डियोग्राफी लगभग– 5500 ₹
  • 2D / पलेन इकोकार्डियोग्राफी लगभग– 3500 ₹
  • 3D इकोकार्डियोग्राफी लगभग– 4500 ₹
  • भ्रूण इकोकार्डियोग्राफी लगभग– 5000 ₹

वैसे भारत में ECHO test की मूल्य लगभग 2,500 रुपये से लेकर 3,500 रुपये तक हो सकती है, वैसे यह प्रक्रिया के ऊपर पर भी निर्भर करता है। लेकिन इसका लागत अलग-अलग अस्पतालों में अलग-अलग हो सकती है।

हमें उम्मीद है कि हम Eco in Hindi आर्टिकल के माध्यम से इकोकार्डियोग्राफी से संबंधित आपके लगभग सभी सवालों के जवाब दे पाए हैं। अगर इससे संबंधित और कुछ जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो आप आप किसी हृदय रोग विशेषज्ञ से संपर्क कर सकते हैं। या फिर आप हमे कॉमेंट कर सकते है।

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