SGPT test in Hindi : एसजीपीटी टेस्ट क्या है? – medicin.org.in

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SGPT test in Hindi :–

हेलो दोस्तों आज के इस ऑर्टिकल में बात करने वाले है SGPT test क्या है | SGPT test क्यों किया जाता हैं । SGPT test का क्या मतलब है? । SGPT test कैसे किया जाता है? । SGPT test किस बीमारी में किया जाता हैं। तो चलिए जानते हैं।

एसजीपीटी टेस्ट क्या है? | What is SGPT Test?

एसजीपीटी टेस्ट की जानकारी से पहले एसजीपीटी का फुल फॉर्म के बारे में जानते हैं। SGPT का फुल फॉर्म Serum Glutamic Pyruvic Transaminase होता है। एसजीपीटी एक एंजाइम है जो यकृत ह्रदय की कोशिकाओं में पाया जाता है।
सीरम ग्लूटामिक पाइरुविक ट्रांसएमिनेस, एक एंजाइम है SGPT test करने से हम पता लगा सकते हैं की blood मे कितने मात्रा में यह एंजाइम मौजूद है। एसजीपीटी एक सीरम ग्लूटामिक पाइरुविक ट्रांसएमिनेज (Serum Glutamic Pyruvic Transaminase) एंजाइम है SGPT की उच्चतम सांद्रता (concentration) लीवर में पाई जाती है।यह मुख्य रूप से हार्ट और लिवर की सेल्स में उपस्थित होता है।

लेकिन जब हार्ट और लिवर में किसी प्रकार का डैमेज या क्षतिग्रस्त पूरी तरीके से हो जाता है तब एसजीपीटी ब्लड प्रवाह में उत्सर्जित होता है। कुछ मेडिसिन भी होता है जो की एसजीपीटी के स्तर को भी बढ़ा सकती हैं। SGPT को ALT ऐलेनिन एमिनोट्रांस्फरेज़ (alanine aminotransferase) के नाम से भी जाना जाता है। SGPT की उच्चतम सांद्रता (concentration) लीवर में पाई जाती है। लिवर सिरोसिस और हेपेटाइटिस जैसी कुछ बीमारियां रक्त सीरम एसजीपीटी के स्तर को बढ़ाती हैं।

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SGPT test क्यों किया जाता है?

दोस्तो एसजीपीटी टेस्ट क्यों किया जाता है? इसके लिए तो आपको बता दें कि SGPT Test उस कंडिशन में किया जाता है जब लीवर से संबंधित कोई बीमारी होता है।बीमारी की वजह से लीवर के डैमेज होने का पता लगाया जाता है। एसजीपीटी एएलटी टेस्ट लिवर के बीमारी का टेस्ट किया जाता है, खासकर सिरोसिस और हेपेटाइटिस के मामले में  जो शराब, ड्रग्स या वायरस के कारण होते हैं। यह टेस्ट खून का बीमारी या लिवर रोग के कारण पीलिया क्यों हुआ। इसके बारे में भी जानकारी देता है।

SGPT test कैसे किया जाता है?

SGPT test को करने के लिए blood sample की आवश्कता होती हैं। जो की पेसेंट की शरीर से लिया जाता हैं। अगर blood sample नस से निकाला जाना है। तो नस को अच्छी तरह से बांध दिया जाता हैं। जिससे नस में blood का बहाव बंद हो जाता हैं। उसके बाद एंटीसेप्टिक से साफ blood को निकाल लिया जाता है।

क्या सैंपल लेने से पहले कोई प्रिकोशन की जरुरत होती है?

SGPT test के लिए सैंपल लेने से पहले कोई भी प्रिकॉशन की जरुरत नही होती हैं। आप अपने और पेशेंट के सुबिधा के अनुसार ले सकते हैं सैंपल को।

हमारे शरीर में SGPT की कितनी मात्रा होनी चाहिए? | How much SGPT should be in our body?

Normal एसजीपीटी रेंज लगभग 7 से 56 यूनिट प्रति लीटर सीरम होता है। इसके अलावा, विभिन्न प्रयोगशालाओं द्वारा उपयोग की जाने वाली प्रक्रियाओं और प्रोटोकॉल के आधार पर एसजीपीटी की आदर्श श्रेणियां थोड़ी अलग हो सकती हैं। यानी की यह मूल्य लैब मे इस्तेमाल कीए गए तरीके के आधार पर भिन्न हो सकता है।यह सीमा कुछ कारकों से प्रभावित हो सकती है, जिसमें लिंग और आयु शामिल हैं।

SGPT बढ़ने से क्या परेशानी होती है? SGPT बढ़ना कितना खतरनाक है?

यदि किसी व्यक्ति के शरीर में SGPT बढ़ता है तब SGPT बढ़ने पर वायरल हेपेटाइटिस या हार्ट अटैक हो सकता है SGPT की मात्रा हमारे शरीर में और खून में तभी बढती है जब हमारे यह दोनों यानी हार्ट लिवर अंग क्षतिग्रस्त हो जाते हैं और इनका स्राव खून में होने लगता है। जब तक SGPT एंजाइम हमारे हृदय और लीवर की कोशिकाओं के अंदर रहता है तब तक हमारा लीवर स्वस्थ होता हैं और सही तरीके से काम करते हैं। SGPT बढ़ने पर हमारे शरीर में ह्रदय से संबंधित और लीवर से संबंधित रोग और बीमारियां हो जाती है।आगे हम जानेंगे जब एसजीपीटी स्तर अधिक हो जाता है तो क्या करे?

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एसजीपीटी स्तर अधिक होने पर क्या करे? | SGPT स्तर को अधिक होने से बचाव :-

दोस्तो अगर आपको ये संकेत मिलते हैं, तो आपको तुरंत अपने डॉक्टर से परामर्श करने की आवश्यकता है और एसजीपीटी ब्लड परीक्षण से कराना होगा जो आपको यह जानने में मदद करेगा कि आपका एसजीपीटी स्तर सामान्य है या नहीं। और SGPT के स्तर को कम करने के लिए आहार में संशोधन की आवश्यकता होती है।

  • आपके दैनिक आहार में विटामिन डी युक्त कम से कम एक फल होना चाहिए। आप विटामिन डी प्राप्त करने के लिए प्रतिदिन कम से कम दस से पंद्रह मिनट सुबह का धूप ले सकते हैं।
  • खाने में लहसुन का प्रयोग अवश्य करें. क्योंकि लहसुन लीवर में फैट जमा होने से रोकता है।
  • उन चीजों का सेवन बिल्कुल भी ना करें जिनमें रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट मौजूद होता है।
  • SGPT के स्तर को आप कम करने के लिए अपने खाने में कम से कम सफेद चीनी का प्रयोग करना चाहिए।
  • SGPT के स्तर को बढ़ने से रोकने के लिए खाने में नमक की पर्याप्त मात्रा का ही इस्तेमाल करें। अधिक नमक का सेवन ना करें।
  • अधिक से अधिक फाइबर युक्त आहार का सेवन करें।
  • बढे हुए SGPT को कण्ट्रोल करने के लिए फलीयों, साबुत अनाज , हरी सब्जियां , फल फ्रूट आदि को अपने आहार में शामिल करें और इन्हें ज्यादा से ज्यादा खाएं।
  • शराब का बिल्कुल भी सेवन ना करें। शराब हमारे लीवर को खराब करती है।
  • अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करे।

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उच्च एसजीपीटी या एसजीपीटी स्तर अधिक होने के क्या कारण हैं? | What are the causes of high SGPT level? 

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  • तो दोस्तो एसजीपीटी स्तर बढ़ने के कारण तो बहुत है कई बीमारियां भी है तो चलिए देखते है इसके कारण
    SGPT बढ़ने का मुख्य कारण है भोजन, हमारे दैनिक जीवन में जो खाना खाते हैं तो उसमें तेल की मात्रा ज्यादा होने के कारण लिवर के अंदर फैट की मात्रा को बढ़ा देती है। यह एंजाइम लिवर मे पाया जाता है इस लिए SGOT से ज्यादा स्पेसिफिक होता है। इस लिए इसकी मात्रा बढ़ जाता हैं। और कुछ कारण जैसे :–
  • सीलिएक रोग (Celiac disease)
  • मधुमेह
  • दिल का दौरा
  • सामान्य से ज्यादा शराब पीना।
  • एक्यूट वायरल हेपेटाइटिस ए और बी
  • Obesity।
  • हेपिटेटिस सी
  • कोलेसिस्टिटिस
  • dermatomyositis
  • एपस्टीन बार वायरस

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SGPT का स्तर बढ़ने पर क्या लक्षण दिखाई देते हैं? | What are the symptoms of increased SGPT level?

एसजीपीटी स्तर के बढ़ने पर अनेकों लक्षण दिखाई देते है जैसा कि निम्न है–

यदि आपको ये संकेत मिलते हैं, तो आपको तुरंत अपने डॉक्टर से परामर्श करने की आवश्यकता है और एसजीपीटी ब्लड परीक्षण से कराना होगा जो आपको यह जानने में मदद करेगा कि आपका एसजीपीटी स्तर सामान्य है या नहीं।

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एसजीपीजी का टेस्ट किन परिस्थितियों में किया जाता है?

SGPT जांच मैनली लीवर, हार्ट और हेपेटाइटिस से जुड़ी समस्याएँ होने पर की जाती है। इस जांच से यह समझा जाता है कि आपको रोग क्यों हुआ है और इसका उपचार कैसे किया जा सकता है। SGPT जांच मुख्य रूप से निम्नलिखित विशेष स्थितियों में किया जाता है जो नीचे दिए गए हैं। तो चलिए दोस्तो जानते है

  1. जब आप एसजीपीटी ब्लड टेस्ट करते हैं, तो यह पता चल जाता है की लिवर में कोई दिक्कत तो नहीं है कमजोर तो नही है या फिर लिवर अपना कार्य सही से कर पा रहा है या नहीं। ये सब पता कर सकते है।
  2. एसजीपीटी जांच से यह भी पता चल जाता है की एसजीपीटी स्तर स्थिर है या बढ़ रहा है। साथ ही अगर SGPT का स्तर बढ़ रहा है तो वह किस कारण और कितना तेजी में बढ़ रहा है।
  3. यह यकृत अपर्याप्तता (hepatic insufficiency), लीवर रोग, वायरल हेपेटाइटिस (viral hepatitis), पीलिया और शराब पीने से लीवर से जुड़ी या शरीर में हुए रसायनिक बदलाव या शराब पीने से हुए अन्य रोगों की पहचान और उनके इलाज शुरू करने में मदद करता है।

SGPT Test (ALT) जुड़ी महत्वपूर्ण बाते। How Do Prepare for The SGPT Test (ALT Test)?

जांच से पहले की जरूरी बाते :–

  • खाली पेट रहने की जरूरत नहीं है।
  • जांचकर्ता इस बारे में रोगी से जरूर बात करें।
  • किसी अन्य विशेष ताम झाम की जरूरत नही है

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FAQ : SGPT test से जुड़े सवाल जवाब?

Q. एसजीपीटी टेस्ट कैसे किया जाता है? 
Ans :– SGPT test जांच के लिए आपके सीरम या फिर ब्लड टेस्ट किया जाता है। जो की हाथ के नस से लिया जाता है।

Q. SGPT जांच के परिणाम का क्या मतलब है यानी किस प्रकार का रिजल्ट हो सकता है? 
Ans :– SGPT test जांच कराने के बाद रिपोर्ट दो प्रकार से सामने आ सकती है।तो चलिए जानते है कौन कौन सी रिपोर्ट।

तो एक सामान्य प्रकार के परिणाम :–
ब्लड में एएलटी की सामान्य सीमा 7 से 55 यूनिट प्रति लीटर के बीच होनी चाहिए लेकिन, यह मान अस्पताल के आधार पर भिन्न हो सकता है।

और दूसरा असामान्य प्रकार के परिणाम :–

एएलटी का सामान्य से अधिक स्तर होना असामान्य प्रकार का परिणाम हो सकता है जो की लीवर के खराब होने का संकेत दे सकता है।
हेपेटाइटिस, जो लीवर की सूजन वाली स्थिति है । सिरोसिस, जो जिगर के गंभीर घाव है लिवर के टिश्यू का डेथ होना। लिवर में किसी भी प्रकार के कैंसर। Hemochromatosis इसमें शरीर में आयरन की कमी हो जाता है। लिवर में ब्लड का सही रूप से प्रवाह नहीं होना। पैंक्रियाज में इन्फेक्शन होना।

Q. क्या SGPT से जुड़े जोखिम हो सकते हैं?
Ans :– एएलटी एक सरल प्रक्रिया है,फिर भी इससे रोगी को कुछ जोखिम हो सकते हैं। कई मिनट तक इंजेक्शन वाली जगह पर दबाव डालकर सुई को वापस लेने के बाद दाग-धब्बों से भी बचा जा सकता है। कभी-कभी, अन्य जटिलताएँ उत्पन्न हो सकती हैं, जैसे।

  1. इंजेक्शन स्थल पर अत्यधिक रक्तस्राव।
  2. रक्त त्वचा के नीचे जमा हो सकता है, जिसे हेमेटोमा के रूप में पहचाना जाता है।
  3. इंजेक्शन स्थलों।
  4. संक्रमणों आदि।

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Conclusion :– तो आज के इस पोस्ट में हम लोगों ने SGPT क्या है और ये क्यों किया जाता है। SGPT बढ़ने पर क्या करें? SGPT के कारण, दुष्प्रभाव इसे बचाव कैसे करें आदि के बारे में जाना।

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