नवजात शिशु में पीलिया के लक्षण

नवजात शिशु में पीलिया

नवजात शिशु में पीलिया रोग उसकी त्वचा का , रक्तोदक (रक्त) में बिलिरुबिन के सामान्य स्तर से अधिक इकट्ठा होने से , पीला पड़ जाना पीलिया कहलाता है !पीलिया लिवर से जुड़ी एक बिमारी है जिसमे त्वचा और आंख सफेद हो जाती है नवजात शिशु में पीलिया होना बहुत आम समस्या में से एक है खून में बिलिरुबिन की मात्रा बढ़ने पर पीलिया होती है।

नवजात शिशु में पीलिया के लक्षण :-

- त्वचा के पीले पड़ना

- शिशु का दूध न पीना

- मल का काला हो जाना

- थकावट होना

- त्वचा के पीले पड़ने से पहले नेत्र के श्वेत पटल का पीला पड़ने लगना उसके बाद शरीर की पूरी त्वचा का पीला पड़ जाना ।

नवजात शिशु में पीलिया होने से नुकसान :–

अधिकतर स्वस्थ नवजात शिशु में पीलिया गंभीर समस्या नही है लेकिन बिलिरुबिन का बहुत अधिक स्तर शिशुओं की ब्रेन को नुकसान पहुंचा सकता है जो शिशु समय से पहले पैदा होते है , जो अच्छी तरह से दूध नही पीता , जिनमे ग्लूकोज 6 फॉस्फेट डिहिड्रोजन की कमी होता है , जिसका ब्लड ग्रुप मां से अलग हो , जिसको संक्रमण होता हो वैसे शिशुओं में पीलिया नुकसान हो सकती है ।

नवजात शिशु में पीलिया होने का कारण :-

– Red Blood cells शीघ्रातिशीघ्र वा अधिक destruction होना । – शिशु में बिलिरुबिन binding protein अपर्याप्त होने से भी ऐसा होता है। – बहुलोहित कोशिका रक्त ( polycythemia ) भी इसका कारण है । – वायरल हेपेटाइटिस

नवजात शिशु में पीलिया के जांचे :–

– Blood test serum , Bilirubin (total), peripheral blood smear RBC की संरचना देखने हेतु । – Coombs test – Hemoglobin concentration – Liver function test ( LFT ) – Blood group and Rh factor ( mother एंड baby दोनो )का – Total serum albumin – Blood culture

नवजात शिशु में पीलिया के घरेलू इलाज और देखभाल :-

– नवजात शिशु में पीलिया को निर्जलीकरण से बचाने के लिए पर्याप्त दूध दिया जाए – पीलिया phototherapy के आलावा धूप से भी आराम मिलता है – पीलिया से ग्रस्त शिशु को दूध में कुछ बूंद वाइटग्रास के जूस को मिला दे – अदरक:–अदरक में बेहतर antioxidants गुण होता है अदरक में हिपोलिपिडिमिक भी होता है जो लिवर के कार्य में मदद करता है इसलिए मां को अपने आहार में अदरक लेना चाहिए जिससे शिशु में फीडिंग द्वारा हेल्पफुल हो सके।