टाइप 1 डायबिटीज क्या है, डायबिटीज कारण, लक्षण, उपचार क्या है? – medicin.org.in

टाइप 1 डायबिटीज क्या है, डायबिटीज कारण, लक्षण, उपचार क्या है?
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टाइप 1 डायबिटीज या मधुमेह क्या है? | What is type 1 diabetes?

टाइप 1 डायबिटीज या मधुमेह बीमारी ऐसे कंडीशन में होता है जब ब्लड में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है जिसे हिंदी में रक्त शर्करा भी कहा जाता है अतः रक्त शर्करा का अधिक हो जाने से डायबिटीज यानी मधुमेह बीमारी होती है।
मधुमेह या डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो तब होती है जब आपका रक्त ग्लूकोज, जिसे रक्त शर्करा भी कहा जाता है वो बहुत अधिक हो जाता है। टाइप 1 मधुमेह वाले अधिकांश लोगों में, शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली, जो आम तौर पर संक्रमण से लड़ती है, अग्न्याशय में उन कोशिकाओं पर हमला करके उनको नष्ट करती है जो इंसुलिन बनाती हैं। इंसुलिन के बिना, ग्लूकोज आपकी कोशिकाओं में नहीं जा सकता है और आपकी रक्त शर्करा सामान्य से ऊपर उठ जाती है। टाइप 1 मधुमेह वाले लोगों को जीवित रहने के लिए हर दिन इंसुलिन लेने की आवश्यकता होती है।

इंसुलिन नमक हार्मोन जो होता है वो अग्न्याशय द्वारा बनाया जाता है। इंसुलिन हार्मोन भोजन से ग्लूकोज को शरीर की कोशिकाओं के लिए ऊर्जा बनाता है। कभी-कभी शरीर पर्याप्त इंसुलिन नहीं बनाता है या अच्छी तरह से इंसुलिन का उपयोग नहीं हो पाता है, तब ग्लूकोज आपके रक्त में रहता है और आपकी कोशिकाओं तक नहीं पहुंचता है। एक अन्य हार्मोन, ग्लूकागन, रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने के लिए इंसुलिन के साथ काम करता है।

हाल ही में, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (IMCR) ने टाइप-1 मधुमेह के निदान, उपचार और प्रबंधन के लिए दिशानिर्देश जारी किए।

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  • यह पहली बार है जब आईसीएमआर ने विशेष रूप से टाइप 1 मधुमेह के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं, जो कि टाइप 2 से दुर्लभ है – देश में मधुमेह के सभी अस्पताल मामलों में से केवल 2% टाइप 1 हैं – लेकिन हाल के वर्षों में इसका निदान अधिक बार किया जा रहा है।
  • टाइप 1 मधुमेह एक ऐसी स्थिति है जहां अग्न्याशय पूरी तरह से इंसुलिन का उत्पादन बंद कर देता है , यह हार्मोन रक्त में ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करने के लिए यकृत, वसा और शरीर की अन्य कोशिकाओं के अवशोषण को बढ़ाकर या घटाता है।
  • टाइप 1 मधुमेह मुख्य रूप से बच्चों और किशोरों में निदान किया जाता है। हालांकि प्रचलन कम है, यह टाइप 2 की तुलना में बहुत अधिक गंभीर है।
  • टाइप 2 मधुमेह के विपरीत, जहां शरीर कुछ इंसुलिन का उत्पादन करता है और जिसे विभिन्न गोलियों का उपयोग करके प्रबंधित किया जा सकता है, यदि टाइप 1 मधुमेह वाला व्यक्ति अपना इंसुलिन लेना बंद कर देता है, तो वह हफ्तों के भीतर मर जाता है। शरीर शून्य इंसुलिन का उत्पादन करता है।

टाइप 1 डायबिटीज यह कितना दुर्लभ है?

दुनिया में टाइप 1 मधुमेह के साथ रहने वाले 10 लाख से अधिक बच्चे और किशोर हैं , जिसमें भारत की संख्या सबसे अधिक है।
भारत में टाइप 1 मधुमेह से पीड़ित 5 लाख लोगों में से 90,000 से 1 लाख 14 वर्ष से कम आयु के हैं । संदर्भ के लिए, 2019 में भारत में मधुमेह से पीड़ित लोगों की कुल संख्या 7.7 करोड़ थी

टाइप 1 डायबिटीज या मधुमेह का खतरा किसे है?टाइप 1 डायबिटीज मधुमेह विकसित होने की अधिक आशंका किसे है?

टाइप 1 डायबिटीज या मधुमेह का सटीक कारण अज्ञात है, लेकिन इसे एक ऑटो-प्रतिरक्षा स्थिति माना जाता है जहां शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली अग्न्याशय पर आइलेट्स कोशिकाओं को नष्ट कर देती है जो इंसुलिन का उत्पादन करती हैं।
आनुवंशिक कारक यह निर्धारित करने में भूमिका निभाते हैं कि किसी व्यक्ति को टाइप -1 मधुमेह होगा या नहीं ।
कुछ जीनों की उपस्थिति भी रोग के साथ दृढ़ता से जुड़ी हुई है ।टाइप 1 मधुमेह आम तौर पर बच्चों और युवा वयस्कों में होता है, हालांकि यह किसी भी उम्र में हो सकता है। यदि आपके माता-पिता अथवा सहोदर को डाइबिटीज है तो आपमें भी टाइप 1 डायबिटीज विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है। उदाहरण के लिए, सामान्य जनसंख्या में 2.4% की तुलना में टाइप 1 मधुमेह के रोगियों में DR3-DQ2 और DR4-DQ8 नामक जीन की व्यापकता 30-40% है।

दिशानिर्देश आहार और व्यायाम, इंसुलिन निगरानी और रेटिनोपैथी, गुर्दे की बीमारी और तंत्रिका रोग जैसी जटिलता की रोकथाम और उपचार पर विवरण प्रदान करते हैं।

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टाइप 1 डायबिटीज या मधुमेह के लक्षण क्या हैं? | What are the symptoms of type 1 diabetes?

टाइप 1 डायबिटीज के लक्षण गंभीर होते हैं और आमतौर पर कुछ दिनों से लेकर कुछ हफ्तों अचानक प्रकट हो सकते हैं। लक्षण में शामिल हो सकते हैं :-

  • प्यास और पेशाब का बढ़ना
  • भूख में वृद्धि
  • धुंधली दृष्टि
  • थकान
  • वजन घटना
  • किसी कारण से उत्पन्न घाव का देर से तथा कष्ट से भरना
  • योंजनित दुर्बलता या नंपुसकता आना
  • गुप्तांगों के आसपास खुजली का होना
  • कम आयु में धमनियों का रोग होना
  • रोगी द्वारा त्याग किए गए मूत्र पर चिटी का जमा होना।

कभी-कभी टाइप 1 डायबिटीज के पहले लक्षण, जीवन के लिए खतरनाक स्थिति जिसे डायबिटिक केटोएसिडोसिस (डीकेए)- diabetic ketoacidosis (DKA) कहा जाता है, जो की वजन घटने के संकेतक होते हैं। डीकेए के कुछ लक्षणों में शामिल हैं :

  • सांस जिसमें बदबू आती है
  • सूखी या दमकती त्वचा
  • उलटी अथवा मितली
  • पेट दर्द
  • साँस लेने में कठिनाई
  • एकाग्रता बनाए रखने में परेशानी या महसूस करना।
  • डीकेए गंभीर और खतरनाक है। यदि आपमें या आपके बच्चे में डीकेए के लक्षण हैं, तो तुरंत अपने स्वास्थ्य देखभाल डाक्टर से संपर्क करें।

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टाइप 1 डायबिटीज किन कारणों से होता है? | What causes type 1 diabetes?

  1. टाइप 1 डायबिटीज यानी मधुमेह का सटीक कारण अज्ञात है,
  2. विशेषज्ञों का मानना है कि टाइप 1 डायबिटीज जीन
  3. वातावरण में उपस्थित कारकों, जैसे वायरस, जो रोग को उत्पन्न कर सकते हैं, ये सभी कारण हो सकता है।
  4. शोधकर्ता अध्ययन के माध्यम से टाइप 1 मधुमेह के कारणों को इंगित करने के लिए काम कर रहे हैं।
  5. जन्मजात–टाइप 1 डायबिटीज या मधुमेह रोग से पीड़ित माता पिता के बच्चो में यह रोग होने की अधिक संभावना रहती है।
  6. माता या पिता किसी एक में टाइप 1 डायबिटीज यानी मधुमेह होने पर इसकी संभावना कम होती है।
  7. खान पान में – बहुत अधिक खाने से तथा मोटापा से व्यस्कों को मधुमेह हो सकता है।
  8. अधिक मीठा खाने से।
  9. पैंक्रियाज सिकुड़ने से एवं उसकी नली में पथरी बनने से।
  10. पर्याप्त मात्रा में शारीरिक श्रम नही करने से।
  11. अधिक मानसिक तनाव।
  12. शरीर में हार्मोन्स में बदलाव ।
  13. अग्नाशय का कैंसर होने पर।
  14. सिस्टिक फाइब्रोसिस होने पर।
  15. इंसुलिन की गड़बड़ी होने पर।
  16. दवाईयों के बुरे प्रभाव से।

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टाइप 1 डायबिटीज का जांच या निदान कैसे करते हैं? How diagnose type 1 diabetes?

स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर आमतौर पर टाइप 1 मधुमेह के लिए लोगों का परीक्षण करते हैं अगर उनके स्पष्ट-कट मधुमेह के लक्षण (clear-cut diabetes symptoms) हैं। स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर अक्सर टाइप 1 मधुमेह का निदान करने के लिए

  • यादृच्छिक प्लाज्मा ग्लूकोज (आरपीजी)- random plasma glucose (RPG) test परीक्षण का उपयोग करते हैं।
  • रक्त परीक्षण इसमें में रक्त शर्करा के स्तर को मापता है।
  • कभी-कभी ए 1 सी रक्त परीक्षण (A1C blood test ) का भी उपयोग करते हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि उच्च रक्त शर्करा (high blood glucose) कितने समय से है।
  • भले ही ये परीक्षण इस बात की पुष्टि कर सकते हैं कि आपको मधुमेह है, परन्तु वे यह नहीं पहचान सकते कि आपको पास किस प्रकार का मधुमेह है। डायबिटीज का उपचार इस बात पर निर्भर करता है कि आपको कैसा मधुमेह है। इसलिए यह जानना महत्वपूर्ण होता है कि आपको टाइप 1 मधुमेह है अथवा टाइप 2 मधुमेह। अतः इस चीज को पता लगाने के लिए आपका मधुमेह टाइप 1 है, तो रक्त को कुछ ऑटोएंटिबॉडी के लिए परीक्षण कर सकते हैं। ऑटोएंटिबॉडी ऐसे एंटीबॉडी होते हैं जो गलती से आपके स्वस्थ ऊतकों और कोशिकाओं पर हमला करते हैं। कुछ प्रकार के ऑटोएंटिबॉडी की उपस्थिति टाइप 1 में आम होती है लेकिन टाइप 2 मधुमेह में नहीं।

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यदि आपको टाइप 1 मधुमेह है, तो आप अपने रक्त शर्करा, रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल का प्रबंधन करके और अपनी स्वयं की देखभाल योजना का पालन करके मधुमेह की स्वास्थ्य समस्याओं को रोकने या देरी करने में मदद कर सकते हैं।

यदि आपको टाइप 1 मधुमेह है, तो आप अपने रक्त शर्करा, रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल का प्रबंधन करके और अपनी स्वयं की देखभाल योजना का पालन करके मधुमेह की स्वास्थ्य समस्याओं को रोकने या देरी करने में मदद कर सकते हैं।
दिशानिर्देश :– आहार और व्यायाम, इंसुलिन निगरानी और रेटिनोपैथी, गुर्दे की बीमारी और तंत्रिका रोग जैसी जटिलताओं की रोकथाम और उपचार पर विवरण प्रदान करते हैं।

FAQ : टाइप 1 डायबिटीज से जुड़े सवाल जवाब?

Q) क्या टाइप वन डायबिटीज ठीक हो सकती है?

Ans– डायबिटीज़ को ठीक तो नहीं होता है लेकिन आपके रक्त ग्लूकोज़ के स्तर को सामान्य रखना, और बाद में विकसित होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं को रोकने के लिए आपके लक्षणों को नियंत्रित करना होता है।

Q) टाइप 1 डायबिटीज कैसे होती है?

इन्सुलिन एक प्रकार का हार्मोन है जो शुगर को ब्लड में मिलने में मदद करता है जब इसकी यानी इंसुलिन की कमी होती है तब डायबिटीज का कारण बनती है।
टाइप-1 डायबिटीज में बॉडी में इन्सुलिन बनना कम या फिर बंद हो जाता है। टाइप-1 डायबिटीज को दवाओं से नियंत्रित किया जा सकता है, लेकिन टाइप-2 के लक्षण ज्यादा गंभीर होता है।

Q) टाइप 1 और टाइप 2 मधुमेह में क्या अंतर है?

Ans– टाइप 1 डायबिटीज में शरीर में इंसुलिन नहीं बनता है जिसके कारण मरीज को समय-समय इंजेक्‍शन या पंप के जरिए इंसुलिन लेना पड़ता है। जबकि,
टाइप 2 डायबिटीज में या तो इंसुलिन कम बनता है या फिर शरीर द्वारा अवशोषित नहीं होता जरूरत के मात्रा में,उसके प्रति संवेदनशील नहीं रहता इसलिए इसमें दवाओं के जरिए शरीर को और इंसुलिन बनने के लिए प्रेरित किया जाता है।

Q) 35 से 45 उम्र के हिसाब से ब्लड शुगर कितना होना चाहिए?

Ans – आपकी उम्र अगर 35 से 40-50 साल है तो फास्टिंग ब्लड शुगर लेवल 90 से 130 mg/dL हो सकता है।
लंच के बाद – शुगर लेवल 140 mg/dl से कम होना चाहिए।
डिनर के बाद –150 mg/dl का ब्लड शुगर लेवल नॉर्मल कैटेगरी में आता । इसी तरह 50-60 साल की उम्र वालों के लिए खाली पेट का शुगर लेवल 90 से 130 mg/dL होना चाहिए।

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