low blood pressure क्या है? लो ब्लड प्रेशर के कारण, लक्षण, बचाव और इलाज क्या है?

low blood pressure क्या है? लो ब्लड प्रेशर के कारण, लक्षण, बचाव और इलाज क्या है?
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लो ब्लड प्रेशर | low blood pressure in Hindi :–

low blood pressure हमारे शरीर में कईं ऐसे बीमारी होते हैं जिनको हम ये सोच के नजर अंदाज़ कर देते हैं के ये आम बीमारी है। ऐसी ही एक बीमारी है लो ब्लड प्रेशर या निम्न रक्तचाप। इस रोग को हीन रक्त दाब, न्यून रक्त दाब एवं लो ब्लड प्रेशर (low blood pressure) आदि नामों से भी जाना जाता है।दुनिया में बहुत बड़ी तादाद में लोग लो ब्लड प्रेशर की समस्या से पीड़ित हैं। ये बीमारी इतनी आम लगती है के अक्सर इसके लक्षणों के बारे में किसीको नहीं पता चलता है

इसे कोई और शारीरिक बदलाव से या आम चीज़ों से जोड़ लेते हैं। वयस्क व्यक्ति में सिस्टोलिक प्रेशर 90 ml hg से नीचे बना रहे, तो उसको अल्प रक्त दाब या लो ब्लड प्रेशर माना जाता है। जबकि कुछ स्वास्थ लोगों में रक्तचाप इतना ही रहता है परंतु उनको स्वास्थ संबंधी कोई कष्ट नहीं होता है। यह सदमा यानी शॉक की प्रथम अवस्था हो सकती है।
लो जब सिस्टोलिक प्रेशर स्थाई रूप से 90 और 110 mm hg से कम रहता है, तब low blood pressure यानी अल्प रक्तदाब कहा जाता है। इसमें लक्षणों की उपस्थिति आवश्यक नहीं है। किसी किसी रोगी को कोई कष्ट नहीं होता है और यदि लक्षण मिलते है तो सिरदर्द, मिचली आना, कभी कभी मूर्छा की शिकायत होती है। यह मूर्छा प्रायः लेटी हुई अवस्था अथवा खड़े होने पर आती है।

रोगी की मस्तिष्क थोड़ा काम यानी परिश्रम से ही चिड़चिड़ा हो जाता है तथा सिरदर्द का कष्ट बना रहता है। लो ब्लड प्रेशर को हल्के में नहीं लेना चाहिए क्योंकि ब्लड प्रेशर हद से ज़्यादा कम होने पर अंगों का फेलियर से लेकर दिल का दौरा पड़ने जैसी खतरनाक स्थिति भी पैदा हो सकती है।ये उनकी सिर्फ हेल्थ ही नहीं ज़िन्दगी को भी खतरे में डाल सकता है।

लो ब्लड प्रेशर ( BP low ) या हाइपोटेंशन क्या है?

किसी भी व्यक्ति के रक्त चाप की सामान्य मात्रा 120/80 होना चाहिए। जब किसी भी इंसान का ब्लड प्रेशर 90/60 से नीचे चला जाता है, तो इस अवस्था को लो ब्लड प्रेशर ( लो बीपी ) या हाइपोटेंशन कहते है।कभी किसी की ब्लड प्रेशर की रीडिंग अगर साधारण मात्रा से कम  हो जाये तो उसे बीपी लो यानी लो ब्लड प्रेशर की श्रेणी में गिना जाता है। ये कोई भी इंसान को किसी भी कारण से हो सकते हैं जैसे इससे कभी-कभी आप थका हुआ या चक्कर आना महसूस कर सकते है। शरीर में पानी की कमी, दवाई का असर, सर्जरी या गंभीर चोट, स्ट्रेस लेना, ड्रग्स का सेवन आनुवंशिक या जेनेटिक, खान पान की बुरी आदतें, ज्यादा समय तक भूखा रहना या अनियमित खान पान आदि।

लो ब्लड प्रेशर के कारण । लो बीपी क्यों होता है?

  • कभी कभी आनुवांशिकता समस्त पारिवारिक सदस्यों में संभव।
  • पोषण के आभाव, TB रोग, एडिसन रोग।
  • रक्त के आयतन में कमी जैसे :– रक्तस्राव, निर्जलीकरण
  • अनेक बुखार एवं अत्यधिक थकावट।
  • शॉक तथा कोलैप्स की अवस्था।
  • तीव्र संक्रामक रोग विशेषकर कंठरोहिणी, डिप्थीरिया, क्षय रोग, एनीमिया तथा टायफाइड बुखार।
  • एंफायसिमा, एक्यूट कार्डियक फेलियर, मयोकार्डियल इन्फार्कशन, धमनी रोग, शॉक, अति इंसुलिन आदि।
  • उच्च रक्तचाप रोकने वाली दवाई का अनुचित सेवन।
  • दुर्वलता, भोजन में प्रोटीन की कमी, भूख वर्त उपवास।
  • रक्तस्राव:– बवासीर, मूत्र द्वारा रक्तस्राव, अत्यावर्त, पेप्टिक अल्सर में खून का जाना।
  • अत्यधिक सुरा सेवन, गर्भकाल, बहुत अधिक गरम वातावरण, अत्यधिक परिश्रम, चिंता तनाव एवं वृक्क रोग।

लो ब्लड प्रेशर की पहचान :–

उपरोक्त लक्षणों से इस रोग को सरलतापूर्वक पहचाना जा सकता है। स्फिग्नोमेनोमिटर (ब्लड प्रेशर मापक यंत्र) से रोगी की जांच करने से भी पता लग जाता है। हालांकि शारीरिक शारीरिक परीक्षण में कोई विशेष बात नहीं मिलती है केवल रोगी दुर्बल वा सुस्त हो सकता है।

लो ब्लड प्रेशर का लक्षण वा चिन्ह। low blood pressure symptoms in Hindi :- 

  • मूत्र कम आना।
  • नाड़ी यानी नब्ज तेज चलना रक्त का आयतन कम होना।
  • थकावट, आलस्य व स्वभाव में चिड़चिड़ापन ।
  • ठंडे पसीना आना।
  • तापमान समान से कम रहना।
  • किसी भी काम में मन नहीं लगना।
  • परिश्रम करने पर सांस फूलना।
  • लेटी हुई अवस्था से खड़े होने पर चक्कर आना, आंखों के सामने अंधेरा छाना।
  • शारीरिक दुर्बलता एवं सिर भारी होना।
  • मन की दुखी रहना तथा कानो से धू धू की आवाजे आना।
  • डिप्रेशन में रहना।
  • याददाश्त कमजोर होना।
  • उठने बैठने पर अथवा लेटने पर शारीरिक अंगों में शून्यता आ जाना, झुनझुनी उठना।
  • हाथ पैर ठंडे हो जाना।
  • चक्कर आने के कारण कोई भी चीज दो दो दिखना।
  • भूख में कमी होना।

low blood pressure | लो ब्लड प्रेशर का पहचान कैसे करे?

वैसे व्यक्ति कुछ सावधानियां कर ले तो लो बीपी की स्थिति से बचा जा सकता है

  • खाने में नमक की मात्रा बहुत कम न रखें। शरीर के बीपी को मेनटेन रखने में नमक अहम भूमिका निभाता है।
  • जल्दीबाजी यानी झटके से नीचे से ऊपर की ओर उठने से बचें।
  • दवाई डॉक्टर की सलाह पर ही लें। अगर आपको किसी ड्रग से रिऐक्शन है तो इससे भी बीपी गड़बड़ हो सकता है।
  • ज्यादा मेंटल या फिजिकल स्ट्रेस लेने से बचें।
  • सिगरेट व शराब का सेवन न करें।
  • खाने में सब्जियों व फलों को ज्यादा शामिल करें।
  • हाई कार्बोहाइड्रेट वाले खाने से बचें
  • निम्न रक्तचाप होने पर व्रत उपवास से बचें और ज्यादा देर तक खाली पेट न रहें। हर घंटे थोड़ा खाते रहें।
  • तीन घंटे के अंतराल पर थोड़ा थोड़ा करके खाना अच्छा होता है।
  • बहुत ज्यादा गर्म पानी से नहाने से बचें, इसके कारण शरीर का तापमान बढ़ सकता है।
  • 6–8 घंटे की पर्याप्त नींद लें, क्योंकि थकान भी लो बीपी का कारण बनता है।
  • जो लोग पहले से हाई बीपी की दवा ले रहे हैं, वे दवा खाना बंद कर दें।
  • कम से कम आठ गिलास पानी और अन्य पेय रोज पीएं।
  • अगर खाने के बाद ब्लड प्रेशर कम हो जाता है तो थोड़ी मात्रा में खाएं। दिन में तीन बार अधिक मात्रा में खाने की बजाए छह बार थोड़ी मात्रा में खाएं। खाने के बाद थोड़ा आराम करें।

लो ब्लड प्रेशर का फूड चार्ट। Low blood pressure food charts in Hindi :–

low blood pressure क्या है? लो ब्लड प्रेशर के कारण, लक्षण, बचाव और इलाज क्या है?

  • अपने खाने में साबूत अनाज, फल, सब्जियां और मछली शामिल करें।
  • कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ और ड्रिंक्स हैं जिनसे ब्लड प्रेशर तुरंत बढ़ता है। सबसे अच्छी बात तो ये है कि इन्हें आपको कहीं ढूंढने की जरुरत नहीं है, ये आपको आपके किचन में ही मिल जाएंगे। यदि आपको लगता है कि आपका ब्लड प्रेशर कम है और आपको कमजोरी महसूस हो रही हैं तो आधा कप स्ट्रॉग कॉफी पिये। इससे ब्लड प्रेशर तुरंत बढ़ जाएगा।
लो ब्लड प्रेशर के लिए घरेलू उपचार । लो ब्लड प्रेशर के आयुर्वेदिक इलाज। Home remedies for Low Blood Pressure :-

ज्यादातर निम्न रक्तचाप की समस्या से छुटकारा पाने के लिए सबसे पहले घरेलू नुस्ख़ों को ही अपनाया जाता है। यहां हम पतंजली के विशेषज्ञों द्वारा कुछ ऐसे घरेलू उपायों के बारे में बात करेंगे जिनके सेवन से रक्तचाप को सामान्य अवस्था में लाने में हेल्पफुल होगी।

• कैफीन का सेवन निम्न रक्तचाप में फायदेमंद :– कैफीन जैसे चाय या कॉफी रक्तचाप को बढ़ाने में मदद करता है। जब ब्लड प्रेशर अचानक गिर जाता है तो एक कप कॉफी या चाय ब्लड प्रेशर को नार्मल करने में मदद करती हैं।

• तुलसी निम्न रक्तचाप में फायदेमंद होता है। | Tulsi Beneficial for Low Blood Pressure in Hindi :– हर दिन सुबह तुलसी के पत्तों को चूसने से ब्लड प्रेशर नार्मल हो जाता हैं। तुलसी के पत्ते में पोटेशियम, मैग्नीशियम और विटामिन सी उच्च स्तर में होता हैं जो आपके रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता हैं। तुलसी में यूजीनोल नामक एक एंटीऑक्सिडेंट होता है जो रक्तचाप को नियंत्रण में रखता है और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है।

• किशमिश निम्न रक्तचाप में फायदेमंद | Raisin Beneficial for Low Blood Pressure in Hindi :– 50 ग्राम देशी चने व 10 ग्राम किशमिश को रात में 100 ग्राम पानी में किसी भी कांच के बर्तन में भिंगोकर रख दें। सुबह चनों को किशमिश के साथ अच्छी तरह से चबा-चबाकर खाएं और पानी को पी लें।

• गाजर निम्न रक्तचाप में फायदेमंद | Carrot Beneficial for Low Blood Pressure in Hindi :– गाजर और पालक का रस लो ब्लडप्रेशर फायदेमंद हो सकती है। इसके लिए लगभग 200 ग्राम गाजर के रस में एक चौथाई पालक का रस मिलाकर पिएं।

• छाछ निम्न रक्तचाप में फायदेमंद | Buttermilk Beneficial for Low Blood Pressure in Hindi :- छाछ में नमक, भुना हुआ जीरा और हींग मिलाकर, इसका सेवन करते रहने से भी ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है ।
• दालचीनी निम्न रक्तचाप में फायदेमंद | Cinnamon Beneficial for Low Blood Pressure in Hindi :– दालचीनी के पाउडर को प्रतिदिन गर्म पानी के साथ लेने से आराम मिलता है इसके लिए सुबह-शाम यह प्रयोग करें।

आंवला का रस निम्न रक्तचाप में फायदेमंद | Amla Juice Beneficial for Low Blood Pressure in Hindi :- आंवले का मुरब्बा भी ब्लडप्रेशर के रोगियों के लिए एक बेहतर विकल्प बन सकता है।

• खजूर निम्न रक्तचाप में फायदेमंद | Date Beneficial for Low Blood Pressure in Hindi :- खजूर को दूध में उबालकर पीने से भी निम्न रक्तचाप की समस्या में लाभ होता है।

• अदरक का मिश्रण निम्न रक्तचाप में फायदेमंद | Ginger Mixture Beneficial in Low Blood Pressure in Hindi:– अदरक के छोटे-छोटे टूकड़े करके, उनमें नींबू का रस और सेंधा नमक मिलाकर रख दें। अब इसे प्रतिदिन भोजन से पहले थोड़ी-थोड़ी मात्रा में खाते रहें। दिनभर में 3 से 4 बार भी इसका सेवन आप कर सकते हैं। ऐसा करने से रक्तचाप की समस्या कुछ ही दिनों में समाप्त हो जाएगी।

• टमाटर निम्न रक्तचाप में फायदेमंद | Tomato Beneficial in Low Blood Pressure in Hindi :– टमाटर के रस में थोड़ी-सी काली मिर्च और नमक डालकर पिएं। इससे कुछ ही समय में निम्न रक्तचाप में लाभ होगा।

• चुकंदर का रस रक्तचाप में फायदेमंद | Tomato Beneficial in Low Blood Pressure in Hindi :–

लो ब्लड प्रेशर को सामान्य बनाये रखने में चुकंदर का रस काफी फायदेमंद साबित होता है। इसका सेवन करने से एक सप्ताह में ब्लड प्रेशर में सुधार होता है।

लो ब्लड प्रेशर में डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए ?

सबसे पहले निम्न रक्तचाप की आशंका होने पर हमें लेटकर और खड़े होकर दोनों स्थितियों में बीपी चेक करवाना चाहिए। तुरंत किसी विशेषज्ञ डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। किसी दवा की वजह से निम्न रक्तचाप की शिकायत हो रही है तो हम डॉक्टर की सलाह से दवा की मात्रा कम कर सकते है या पूरी तरह बंद कर सकते हैं।

लो ब्लड प्रेशर रोग का परिणाम :– समुचित चिकित्सा से रोगी का जीवन सरलतापूर्वक चलता रहता है। रोग के अधिक दिन तक चलते रहने से सिरदर्द बना रहता है। रोगी का सिर चकराया करता है। Low blood pressure की उत्पति प्रायः कोशिकाओं के विस्फरण ( capillary dilatation ) के कारण होती है।

लो ब्लड प्रेशर का इलाज यानी ट्रीटमेंट। Low blood pressure emergency treatment in Hindi :–

  • रोगी को आरामदायक पूर्ण विश्राम कराएं।
  • रोगी को सामान्य स्वास्थ की ओर विशेष ध्यान आवश्यक है।
  • आहार में पौष्टिक पदार्थों का योग एवं विटामिन की प्रचुरता करना अत्यंत लाभकर। भोजन में नमक की मात्रा अधिक होने पर भी फायदेमंद होता है।
  • अधिक समय तक खड़े रहना, गरम अथवा नम वायुमंडल में रहना तथा गरम जल से स्नान करना आदि हितकार यानी सही नहीं है शरीर के लिए।
  • शरीर पर शास्त्रोक्त आयुर्वेदिक महानारायण तेल की मालिश विशेष लाभप्रद होगी।
  • रोगी को मानसिक विकारों से बचाए रखना चाहिए।
  • रोगी को एक ग्लास यानी 200ml के लगभग साफ पानी में दो चम्मच भरकर ग्लूकोज का पाउडर और चौथाई चाय वाला चम्मच भर नमक मिलाकर दिन में कई बार सेवन करना अथवा चाय में नमक मिलाकर सेवन करना सर्वश्रेष्ठ है घरेलू उपायों में से।
  • रोगी का blood pressure low अधिक होने पर शिरामार्ग (I/V) द्वारा सैलाइन, ग्लूकोज सैलाइन एवं विटामिन का इंजेक्शन दे। यह तब तक दे, जब तक कि रोगी की कंडिशन सामान्य या नॉर्मल न हो जाए।
  • यदि लो ब्लड प्रेशर का कष्ट ब्लीडिंग यानी रक्तस्राव से हो, तो रोगी को शीघ्र ही खून चढ़ाने हेतु सुविधा संपन्न अस्पताल भिजवाएं। साथ ही रोगों को विटामिन दे।
  • जैसे :–
  1. कैप्सूल बिकोसुल्स एक एक कैप्सूल सुबह शाम दिन में दो बार।
  2. कैप्सूल कोबाडेक्स फोर्ट एक एक कैप्सूल दिन में दो बार।
  3. कैप्सूल रिवाइटल एक एक कैप्सूल दिन में दो बार।
    इंजेक्शन न्यूरोबियन, optineuron, vitneurin इनमे से कोई एक दिन में एक बार मांसपेशी के अंतर्गत।

अधिक bp low होने की अवस्था में इंजेक्शन डेक्सामेथासोन दे।

  • जैसे :-
  1. डेक्सोना इंजेक्शन।
  2. डेकडन इंजेक्शन।
  3. वायमिसन इंजेक्शन।

नोट रोगी को परामर्श दे कि वह अधिक समय तक खड़ा न रहे।

FAQ : लो ब्लड प्रेशर से जुड़े सवाल जवाब?

Q)बीपी कम होने पर क्या करें?
Ans :– रोजाना कम से कम 2-3 लीटर पानी जरूर पीना चाहिए. आप नारियल पानी, बेल का शरबत, आम पन्ना, नीबू पानी भी पी सकते हैं। तुलसी- लो ब्लड प्रेशर वालों को रोज 4-5 तुलसी के पत्ते खाने चाहिए. तुलसी में पोटैशियम, मैग्नेशियम और विटामिन सी पाया जाता है।

Q) बीपी कम होने पर क्या खाना चाहिए?
Ans :– लो बीपी की समस्या को दूर करने के लिए निम्न चीजों का सेवन करे।
• लो बीपी की समस्या को दूर करे मुनक्का
• नींबू पानी से होगा फायदा
• हरी सब्जियां से मिलेगा प्रोटीन
• लो बीपी में फायदेमंद है चॉकलेट
• कॉफी पीने से मिलेगी तुरंत राहत

Q)बीपी लो होने पर कौन सी टेबलेट दे?
Ans :– ऊपर के विवरण में दिए गए है।

Q)बीपी लो होने पर कौन सा योग करें?
Ans :– बाबा रामदेव ने बताएं निम्न रक्तचाप को कंट्रोल करने के लिए योगासन। सूर्य नमस्कार: सूर्य नमस्कार निम्न रक्तचाप को संतुलित करने में काफी लाभदायक होता है। ताड़ासन: ताड़ासन रोजाना करने से निम्न रक्तचाप तो संतुलित होता ही है, साथ ही यह शरीर को लचीला बनाकर लंबाई को भी बढ़ाता है।

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