Definition of depression |depression in hindi meaning । अवसाद क्या है? :–
Table of Contents
- 1 Definition of depression |depression in hindi meaning । अवसाद क्या है? :–
- 2 डिप्रेशन के कारण:–
- 3 Types of depression in hindi । अवसाद के प्रकार :–
- 4 Symptoms of Depression in Hindi । डिप्रेशन के लक्षण:–
- 5 Treatment of Depression in Hindi | drugs therapy | डिप्रेशन का इलाज :–
- 6 Side effects of anti depression drugs in Hindi। एंटी डिप्रेशन दवाएं के दुष्प्रभाव:–
- 7 How self prevent of depression in Hindi | डिप्रेशन से बचाव:-
- 8 डिप्रेशन से अपने आप का बचाव किस प्रकार से करे?
- 9
- 10 Nursing Management of Antidepressant drugs। एंटी डिप्रेशन दवा के प्रयोग में नर्सिंग प्रबंध :–
- 11 Related
Depression :-
Depression या अवसाद को प्रभाव विकार तथा विकृतिक चितवृति व्यवधान (pathologic mood disturbance) का एक रूप माना जाता है जिसमें रोगी में निराश, असहाय, आत्मदर की कमी तथा pessimistic भाव पाए जाते हैं। व्यक्ति खुद से और अपने पर्यावरण से डिस्टर्ब रहता है। दूसरे शब्द में कहे तो, अवसाद एक चितवृति विकार है जिसमे मिजाज दुखी, विचारों की कमी एवं मनप्रेरक मंदता होती है।
कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:–
- Depression पुरुषो की तुलना में महिलाओं को अधिक होता है।
- यह काफी आम समस्या है जो प्रत्येक 20 हिंदुस्तानी में से एक को होता ही है।
- इलाज के साथ इसके लक्षणों में कुछ ही दिनों में आराम दिखती है।
- इलाज नही किए जाने पर कई सालो तक डिप्रेशन के लक्षण रह सकती है।
- Depression के लक्षणों बच्चो, किशोरों और वयस्कों में अलग अलग होता है।
डिप्रेशन के कारण:–
डिप्रेशन होने के क्या कारण (causses) है?
- ब्रेन में neurotransmitter के secretion में बदलाव होना। Norepinephrine, serotonin, वा dopamine का स्तर कम हो जाने से।
- Neuro psychological factors भी होते है। जैसे घृणा की भावना (guilty feeling ), निराशावाद ( under estimation ), धनात्मक सोच की कमी ( less positivity ), सीमित बुद्धिमता ( intelligence limitation ), कुंठा ।
- socio cultural factors ( सामाजिक वा सांस्कृतिक कारक ) – गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा, अल्पशिक्षा, सामाजिक स्थिति, भिक्षावृत्ति, मदिरापान, वेश्यावृति ।
- genetic predisposition ( आनुवंशिक कारण) – फर्स्ट डिग्री रिलेटिव – 15%
जनरल population–0.5% - interpersonal factors ( अंतव्यक्ति कारण )
- severe stress ( गंभीर तनाव )
Types of depression in hindi । अवसाद के प्रकार :–
डिप्रेशन कितने प्रकार के होते है?
1) मंद अवसाद ( Mild depression ):– इस Depression में मरीज थका हुआ और अप्रसन्न हो जाता है। शारीरिक परेशानी तथा मरीज में आत्मविश्वास की कमी हो जाती है और उसके अंदर जीवित रहने तथा खुश रहने की इच्छा कम हो जाती है जिससे वे अकेला रहना पसंद करता है भूख वा नींद कम हो जाती है।
2) तीव्र या घातक अवसाद ( Acute or Severe depression ):– इस प्रकार के Depression मरीज को शारीरिक कंडिशन में कंधे आगे झुकना, सिर झुकना, चेहरा गतिहीन तथा ललाट पर झुर्रियां पड़ जाती है और हमेशा नीचे देखकर चलता है। मरीज का वजन कम, नींद परिर्वतन होता है। मरीज में भावनाओं में कमी तथा किसी काम करने की रुचि खत्म हो जाती है। मरीज में आत्महत्या की प्रवृत्ति हो जाती है।
3) निश्चेतन अवसाद ( Depressive Stupor ):– यह Depression का अतिगहन प्रकार है जिसमे मरीज में मनोभ्रंश, गूंगा, संवेदना कमजोर तथा मिथ्याबोध पाया जाता है।
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Symptoms of Depression in Hindi । डिप्रेशन के लक्षण:–
डिप्रेशन के लक्षण क्या-क्या है?
यह कई एपिसोड में हो सकता है इन एपिसोड्स में लक्षण दिन भर रहता है और बहुत बार हर दिन रहता है जिनमे निम्न शामिल है :-
- सोच मंदता
- मनोप्रेरक मंदता
- छोटी छोटी बातों पर गुस्सा और चिड़चिड़ाहट होना इसके साथ निराशा की भावना।
- नॉर्मल कामों में रुचि नहीं लेना।
- जैसे नींद नहीं आना और इसमें बहुत देर तक सोना भी शामिल है।
- चिंता, बैचेनी होना।
- सोचने , बोलने और physical activity में कमी आ जाना।
- अपने आप को कमजोर महसूस करना दोषी मानना।
- मृत्यु का बार बार ख्याल आना प्रयास करना।
- शारीरिक समस्या जैसे पीठ दर्द या सिर दर्द।
- भूख न लगना वजन घट जाना किसी खाना में रुचि और वजन बढ़ जाना भी शामिल है।
- उदासी की भावना के साथ आंखो में आंसू, अकेलापन और निराशा।
कुछ लोगो में डिप्रेशन के लक्षण इतने गंभीर होता है की दिनचर्या में दिखने लगता है और कामों में रुकावट पैदा करता है और उन्हें इसके कारण भी पता नहीं होते है।
- बच्चो और किशोरों में डिप्रेशन के लक्षण लगभग एक ही जैसा होता है:–
- बच्चों की लक्षणों में ये शामिल है – उदासी, चिड़चिड़ाहट, अत्यधिक भावुक होना, चिंता, दर्द, और पीड़ा स्कूल जाने से इंकार करना वजन कम होना।
- किशोरों की लक्षणों में ये शामिल हैं– दुःख , चिड़चिड़ाहट , नकारात्मकता , और अपने आप को गलत महसूस करना, मनोरंजक दवाई या शराब का उपयोग करके अधिक सोते रहना, आत्महत्या , नॉर्मल कामों में रुचि न होना , सोशल रूप से बचना।
व्यस्कों में डिप्रेशन के लक्षण नॉर्मल नहीं होता है और वयस्कों में डिप्रेशन अक्सर उतनी आसानी से पहचान नही आता है व्यस्कों में डिप्रेशन के लक्षण अलग-अलग होता है।
- व्यस्कों की लक्षणों में ये शामिल है: –
- शरीर में दर्द होना
- भूख नहीं लगना,
- सोने में परेशानी होना
- सेक्स में अरुचि
- अकेला रहना
- आत्महत्या की सोच रखना ऐसे ज्यादा व्यस्कों में होता है
- याद रखने में परेशानी होना
- व्यक्तित्व में परिवर्तन।
Treatment of Depression in Hindi | drugs therapy | डिप्रेशन का इलाज :–
डिप्रेशन का उपचार या इलाज किस प्रकार से किया जाता है?
औषधी विवरण –
1) MAOI दवाई के साथ ऐसा भोजन नहीं लेना चाहिए जिसमे Tyramine अमीनो एसिड की अधिकता है। जैसे – Beer, chocolate, Caffeine, cola. क्योंकि औषधी एवं भोजन की अंतः क्रियाओं से निम्न दुष्परिणाम निकलते है
- सिर के पिछले भाग में दर्द (occipital headache)
- गर्दन की मांसपेशियों में अकड़न (Torticollis)
- sun की किरणों से एलर्जी
- उल्टी होना (vomiting)
- अत्याधिक पसीना आना (excess sweating)
2) एंटी डिप्रेशन दवाई का प्रयोग रात्रि से पहले या दोपहर में करना चहिए। क्योंकि ये अनिंद्रा यानी नींद में रुकावट उत्पन्न करती है।
3) निम्न कंडिशन में एंटी Depressant drug का उपयोग करना चाहिए।
- Narrow angle glaucoma की स्थिति में
- anti cholinergic drug के साथ
- मदिरा एवं अन्य सीडेटिव्स के साथ
- ह्रदय समस्याओं eg myocardial infarction cardiac dysrhythmia
Side effects of anti depression drugs in Hindi। एंटी डिप्रेशन दवाएं के दुष्प्रभाव:–
एंटी डिप्रेशन दवा का दुष्प्रभाव क्या-क्या है?
Anti Depressant drugs के तीन प्रकार के दुष्प्रभाव का बांटा गया है–
1. TCA ( tricyclic agent ) के साईड इफेक्ट:-
- त्वचा पर लाल धब्बा (skin rashes)
- निंद्रा एवम थकान (Drowsiness)
- बढ़ी हुई ह्रदय दर (tachycardia)
- मूत्र प्रवाह में रुकावट (urinary obstruction)
- धुंधली दिखाई देना (blurred vision)
- बैठी हुई अवस्था में निम्न रक्तचाप (orthostatic hypotension)
2. MAOIs के दुष्प्रभाव –ये TCAs की तरह पार्श्व प्रभाव उत्पन्न करता है
3. SSRIs के दुष्प्रभाव:–
- Insomnia (अनिंद्रा)
- सिरदर्द
- सूखा मुंह
- anxiety
- डायरिया
एंटी डिप्रेशन दवाईयों का वर्गीकरण । Classification of antidepressant drugs in Hindi :–
- Chemical name :– Tricyclic
Generic name :– imipramine
Dose :– 10–60 mg/day - Chemical name :– Tetracyclic antideep
Generic name :– maprotiline
Dose :– 60–150 mg/day - Chemical name :– M.A.O inhibiter
Generic name :– Isocarboxazid
Dose :– 500 mg/day
Depression Physical therapy :– ECT दिया जाता है।
Psychotherapy :– cognitive, सहारा देना, सामूहिक, परिवार व्यवहार आदि।
How self prevent of depression in Hindi | डिप्रेशन से बचाव:-
डिप्रेशन से अपने आप का बचाव किस प्रकार से करे?
- Depression से बचाव के लिए अच्छे मनोचिकित्सक से मिले।
- अपने आप को अकेला न छोड़ें दोस्तो के साथ बाहर जाए। बातचीत करे।
- सुबह शाम टहले।
- अपने आप को कामों में व्यस्त रखे।
- कोई भी बात दिल पर लेकर मन ही मन न सोचे।
- उदासी भरे गाना न सुने।
- काम करने का नए नए तरीका ढूंढें।
- योगा का सहारा लें अनुलोम, विलोम, प्रयायम, ध्यान को सीखकर जीवन में उतारे।
- सोने से एक घंटा पहले TV बंद कर दे क्योंकि TV में अगर आप कुछ निगेटिविटी देखते है तो वह मन में बना रहता है।
- सकारात्मक बात पढ़े गपशप करे।
- अपने आप को खुश और सन्तुष्ट रखे इस प्रकार से आपने आप को Depression से बचाव कर सकते है।
Nursing Management of Antidepressant drugs। एंटी डिप्रेशन दवा के प्रयोग में नर्सिंग प्रबंध :–
- मरीज के विपरीत प्रभाव को सावधानी पूर्वक जांच करने पर विपरीत चिन्ह दिखाई देने पर डॉक्टर को सूचित करना चाहिए।
- मरीज को सोते समय औषधी लेने को उत्साहित करे।
- खाली पेट दवाई नहीं देना चाहिए।
- intake and output चार्ट्स व्यवस्थित करना चहिए।
- रोगी को तरल एवं रेशेदार भोजन देना चाहिए
- यदि मरीज सिरदर्द की शिकायत करता है तो उसको धीरे से खड़ा होने से पहले धीरे से बैड पर बैठा देना चाहिए।
- मरीज के vital signs लेना चाहिए।
- मरीज को रक्त, मूत्र, शक्कर स्तर तथा श्वेत रक्त स्तर की जांच करनी चाहिए।
- यदि मरीज बुखार, थकान वा गले की खराश कि शिकायत करे तो तुरन्त डॉक्टर को सूचित करे।
- मरीज एवं उनके परिवार को सांत्वना देना चाहिए कि दवाई का प्रभाव 4 से 8 सप्ताह में दिखाई देता है।
डिप्रेशन(Depression) के घरेलू उपचार :–
एक रिसर्च के अनुसार हल्दी वा नींबू पार्किंसन , डिमेंशिया Alzheimer, Cancer और कोलोस्ट्रोल की तरह डिप्रेशन के इलाज में भी बहुत असरदार है। हल्दी आयुर्वेद में लंबे समय से इस्तेमाल होने वाला डिमेंशिया और डिप्रेशन के बोहत उपयोगी घरेलू उपाय माना जाता है , हल्दी में curcumin नामक एक यौगिक होता है जिसमे एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेट्री गुण होते है हल्दी ब्रेन स्वास्थ को बढ़ावा देती है और बीटा एमिलाइड जो एक प्रोटीन का हिस्सा है वह ब्रेन को साफ करके अल्जाइमर्स रोग को दूर करने में मदद करता है , इसके अलावा हल्दी ब्रेन के तंत्रिका तंत्र को टूटने से बचाती है और ब्रेन स्वास्थ को ठीक रखती है ! इस तरह से डिप्रेशन को भी ठीक करने में कारगर साबित हुआ है। इसके लिए एक मग मे चार कप पानी लेकर एक नींबू का रस दो बड़े चम्मच हल्दी पाउडर , चार चम्मच शहद अच्छी तरह से मिला ले और अपने सुविधा के अनुसार दिन में दो बार तीन बार करके पी लें।
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डिप्रेशन से जुड़े सवाल और जवाब:–
1) Depression में आना क्या होता है?
Ans:– Depression में व्यक्ति का मन और दिमाग दोनों में ही निगेटिविट आ जाती है चिंता और उदासी से मन घिर जाती है सोचने समझने की क्षमता कम हो जाती है।
2) Depression कितने दिनों तक रहता है?
Ans:– कुछ कहा नहीं जा सकता है वैसे तो नॉर्मल Depression कुछ सप्ताह में भी ठीक हो जाता है लेकिन ज्यादा गंभीर हो जाने पर कुछ वर्ष भी लग सकती है।
3) उदासी दूर कैसे करें?
Ans:– संगीत सुनकर, खुश रहकर, गेम खेले, दोस्तो से बातचीत कर, योगा करे, पेंटिंग करें, खुली हवा में घूमे। कुछ इस प्रकार से अपनी उदासी को दूर कर सकते हैं।
4) तनाव के लिए कौन सी हार्मोन जिम्मेदार है?
Ans:– जैसे एंडोफिर्न हार्मोन के कारण हमे आनंद की महसूस होती है । उसी तरह से तनाव के लिए कार्टिसोल हार्मोन को मुख्य कारक माना जाता है।
5) ज्यादा टेंशन लेने से कौन सी बीमारी होती है?
Ans:– ह्रदय रोग, anxiety जी हां तनाव ह्रदय पर बुरा प्रभाव डालता है इतना ही भी लगातार टेंशन लेने से anxiety का भी शिकार हो सकता है।
6) अवसाद का क्या अर्थ है?
Ans:– अवसाद हिंदी अर्थ है जिसको डिप्रेशन भी कहते है अधिक जानकारी के लिए ऊपर का विवरण देखें
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