Anxiety Disorder क्या है – इसके कारण , लक्षण , प्रकार , दूर करने का उपाय , घरेलू इलाज , देखभाल , नर्सिंग management

Anxiety Disorder या चिंता विकार क्या है – इसके कारण , सामान्य लक्षण , प्रकार , दूर करने का उपाय , घरेलू इलाज , देखभाल , नर्सिंग management
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Anxiety Disorder । Anxiety Disorder in Hindi ।

Anxiety Definition । Anxiety परिभाषा ।( उददेग ) :– किसी खतरे की प्रत्याशा से उत्पन्न आशंका या कष्टमय अवस्था को anxiety कहते है यह जीवन की सामान्य घटना है

एंग्जायटी (Anxiety) अवसाद, निराशा व दुःख से जन्म लेती है। जब हम अपनी भावनाओं को अनदेखा करते हैं तो वे हमारे दुःख का कारण बनती हैं। ठीक इसी प्रकार, नजरअंदाज किए जाने पर अवसाद एंग्जायटी (Anxiety) का रूप ले सकता है।

इस स्थिति में व्यक्ति को हर वक्त इस बात का डर लगा रहता है कि कुछ गलत होने वाला है। यह घबराहट के दौरे (पैनिक अटैक) होते हैं। एंग्जायटी (Anxiety) के दौरे में व्यक्ति को हर समय चिंता, डर व घबराहट महसूस होती है। इसके अलावा उलटी व जी मिचलाने की समस्या भी महसूस होती है, दिल की धड़कन तेज हो जाती है और सांस फूलने लगती है। अगर ऐसा बार बार होता है तो चिकित्सक से जरूर संपर्क करें अन्यथा ये जानलेवा भी हो सकता है।

Types of anxiety । एंजाइटी का प्रकार हिन्दी में ।।

घबराहट में अभिव्यक्ति (expression) तथा शारीरिक कार्यों में कमी की अधिकता के आधार यह निम्न 4 प्रकार की होती है ।

1.) कम घबराहट (mild anxiety )
2.) अधिक घबराहट ( moderate anxiety )
3.) अत्यधिक घबराहट ( severe anxiety )
4.) सर्वाधिक या आतंकी घबराहट ( profound ya panic anxiety )

Mid anxiety यानी कम घबराहट :–

• रोगी सावधान , सतर्क अनेक उद्दीपनों के प्रति अनुबोधक होता है
• तीव्र चेतनाएं नहीं होती है
• व्यक्ति की स्वयं की विचारधारा को आघात नहीं होता है
• व्यक्ति द्वारा अहम ( ego) अनुकूलनशीलता की क्रियाविधि को कम से कम प्रयोग किया जाता है
• व्यक्ति का व्यवहार परिस्थिति के अनुकूल होता है

Moderate anxiety यानी अधिक घबराहट:–
• व्यक्ति की प्रत्यक्षपरक ( perceptual ) क्षेत्र कम हो जाया करता है
• व्यक्ति द्वारा आदेशों का पालन किया जाने लगता है
• व्यक्ति में चिड़चिड़ापन आ जाता है , वह घटनाओं को भूलने लगता है , उसको मांगने की habit हो जाती है , वह अपना धैर्य खो बैठता है , उसको गुस्सा आता है तथा चिल्लाता है
• शरीर के नॉर्मल काम में कुछ बदलाव हो जाया करते हैं।

Severe anxiety ( अत्यधिक घबराहट):–

• व्यक्ति में प्रत्यक्षपरक क्षेत्र और कम होने लगता है
• प्रतिरोध की कंडिशन शिथिलता में बदलाव होने लगती है
• व्यक्ति बिखरे हुए details पर केंद्रित हो जाया करता है
• उसको बार बार समझाने की आवश्यकता पड़ती है
• व्यक्ति द्वारा बातों की गलत व्याख्या की जाने लगती है
• व्यक्ति द्वारा दिशा निर्देश का पालन नहीं किया जाता है
• व्यक्ति planning का निर्माण करने तथा निर्णय लेने में समर्थ नहीं होता है ।

Panic anxiety ( सर्वाधिक घबराहट ):–

• व्यक्ति में perceptual क्षेत्र अत्यधिक कम हो जाया करता है उसकी सहनशक्ति में कमी हो जाया करता है
• रोगी में attention की कमी जाया करती है
• स्थती ज्ञान ( orientation ) समाप्त हो जाया करता है
• learning , निर्णय लेने , समस्या समाधान ,वास्तविक निर्णय का अभाव रहता है
• तुरंत थकने के गंभीर लक्षण पाए जाते है
• व्यक्ति में चिल्लाने, पैर काटने, दौड़ने, अन्य व्यक्ति को मारने, स्वयं को चोट पहुंचाने, जोर से चीखने आदि के लक्षण पाए जाते है
• व्यक्ति का व्यवहार उचित तथा नियंत्रित नहीं होता है
• रोगी गूंगा हो जाया करता है

Anxiety Disorder के कारण (Anxiety causes):–

Anxiety Disorder  होने का कारण अब तक स्पष्ट नहीं है लेकिन ऐसा माना जाता है कि निम्न कारणों से anxiety हो सकती है :
• शरीर के जैव रसायनिक परिवर्तन , स्नायु संरचनात्मक परिवर्तन तथा स्नायु रसायन परिवर्तन
• रोग अवस्था में , जैसे acute myocardial infarction, substance intoxication ( द्रव्य विषाक्तता ), हाइपोग्लाइसीमिया, Caffeine intoxication, MV prolapse, hypothalamic पिट्यूटरी में अस्मान्यता
• पर्सनेलिटी
• heredity
• childhood experiences

Anxiety disorder के लक्षण । Anxiety disorder symptoms in Hindi ।।

Anxiety symptoms :–

• Mood में परिवर्तन
• disorientation हो जाना
• hallucination होना भी इसका लक्षण है
• व्यक्ति द्वारा अनुचित व्यवहार किया जाना
• व्यक्ति द्वारा स्वयं को कमजोर समझा जाने लगता है
• उसको कन्फ्यूजन होने लगता है
• झूठा विश्वास होना ( डिल्यूशन )

घबराहट में उत्पन्न शारीरिक लक्षण ( anxiety induced physiological symptoms) :–

Anxiety की कंडिशन में शरीर के अनेक अंग तंत्रों के कार्यों में बदलाव हो जाता है जैसे
1.) त्वचा संस्थान ( integumentary system )
• चेहरे की त्वचा लाल पड़ जाती है, तथा ठंडे तथा चिकने हो जाते है , पसीना आता है तथा कभी ठंड एवं कभी गर्मी लगने लगती है ।
2.) मूत्र संस्थान ( urinary system )
• मूत्र त्याग की प्रबल हो जाया करती है तथा मूत्र बार बार आता है
3.) पाचन तंत्र ( digestive system )
• उदर में कष्ट / दर्द होता है
• छाती में जलन , डायरिया , के लक्षण देखें जाते हैं
• भूख नहीं लगती है , प्यास अधिक लगती है तथा मुख सूखने लगता है।
4.) श्वसन तंत्र ( respiratory system )
श्वास फूलने लगती है व्यक्ति द्वारा घुटन का अनुभव किया जाता है तथा रोगी हाँफने लगता है
5.) ह्रदय तथा रक्तवाहिनी तंत्र ( cardiovascular system)
• ह्रदय के धड़कने का palpation होना
• ब्लड प्रेशर का बढ़ना तथा नाड़ी दर का कम होना
• बेहोश जैसा हो जाना , चक्कर आना आदि
6.) तंत्रिका पेशी तंत्र ( neuro muscular system )
• Insomnia या अनिंद्र
• शारीरिक कंपन
• पलक फड़कना
• increased reflexes
• शरीर में अकड़न होना
• शरीर में कमजोरी होना
• सुन्नपन तथा मन को एकाग्र करने में सक्षम नहीं होना

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Anxiety disorder से बचाव । Anxiety disorder treatment in Hindi ।।

Anxiety attack Treatment ( चिकित्सा ) :–

anxiety की गंभीरता के आधार पर उसकी चिकित्सा होना चाहिए यदि panic anxiety हो या जैविक लक्षण संकट में पड़ जाए तो किसी पूर्ण चिकित्सीय साधन सुविधाओं से युक्त चिकित्सालय में रोगी की चिकित्सा की जाना चाहिए समुदाय में चिकित्सा की जानी चाहिए , समुदाय में anxiety की चिकित्सा घबराहट नाशको ( anxiolytics ) के साथ psychotherapy , abreaction therapy , social therapy , social case work and काउंसलिंग , psycho physiological therapy , continuous narcosis therapy आदि द्वारा की जाती है ।

* Anxiety disorder का दवाई (ड्रग थैरेपी) । Anxiety disorder medicine ।।

• Anxiolytics ( घबराहट नाशक औषधियां )

– Alprazolam
– chlordiazepoxide
– meprobamate
– buspirone
– diazepam

• मनोरोगनाशक ( antipsychotic or neuroleptic drugs )

– CPZ
– haloperidol
– trifluoperazine

• Psychotherapy (मनोपचार)

यह व्यवहार की कंडिशन में मुख्य रूप से सहायता करने वाला उपचार है इससे घबराहट के तीव्र लक्षणों को कम कर सकते है जो व्यक्ति अधिक समय से पीड़ित हो उनकी मनोदशा को स्टडी कर इसका अधिक समय तक प्रयोग किया जाता है
– मनोविश्लेषण ( psychoanalysis )
– भवविरेचन ( abreaction )
– सम्मोहन ( hypnosis )

• Abreaction ( भववीरेचन )

यह मनोपचार है इसमें व्यक्ति के अचेतन मन के conflicts अधूरी , इच्छाओं तथा संबंधित भावनाओं को चेतन मन में लाकर अभिव्यक्त कराते हैं , इस मनोपचार में नाइट्रस ऑक्साइड , LSD तथा amphetamines का प्रयोग किया जाता है आजकल anxiety में प्रदान की जाने वाली औषधियां इस प्रकार है –
– 5% amobarbital solution
– 5% pentothal sodium, normal saline सहित
– diazepam /ketamine
दबी हुई भावनाओ को विद्युत आपेक्षी चिकित्सा ( इलैक्ट्रो convulsive therapy ) द्वारा भी बाहर निकाला जाता है।

• Social case work and Counselling

Anxiety सामाजिक कार्य तथा प्रमर्श द्वारा भी ठीक करते है । Anxiety का कारण पर्यावरण होने पर यह उपचार अधिक लाभदायक होता है व्यक्ति के परिवारिक तथा कार्यस्थल के पर्यावरण में इस उपचार द्वारा परिवर्तन लाया जा सकता हैं ।

• Psycho physiological therapy

मनोशरीरिक उपचार द्वारा शारीरिक व्यायाम , अनेक प्रकार के योग जैसे– गहरी सांस ग्रहण करना , कसरत करना, ध्यान लगाना आदि से मानसिक तनाव दूर करके anxiety के अनेक शारीरिक लक्षणों को दूर किया जा सकता है

• Semi narcosis therapy

panic anxiety
को लक्षणों को अर्धमदकता उपचार द्वारा ठीक करते है इसमें रोगी को नारकोटिक औषधीय द्वारा 16 से 20 घंटे हेतु निंद्रावस्था में पहुंचा दिया जाता है

Anxiety disorder का नर्सिंग प्रबंधन।Anxiety disorder nursing Management in Hindi

 

• सबसे पहले नर्स को मनोचिकित्सक द्वारा प्रदत चिकित्सा को तथा anxiety ke रोगी को सही से समझकर नर्सिंग योजना तैयार करना चाहिए इसमें

• रोगी को औषधियां लेने हेतु तैयार करना

• यदि anxiety की उग्र अवस्था हो जाए तो रोगी को दूसरे की सहायता से पकड़ना तथा औषधियां देना

• anxiety ग्रस्त व्यक्ति को दीर्घ अवधि तथा स्लीप की अवस्था में रखे होने की कंडिशन में नर्स को उसके समीप सदैव रहना चाहिए तथा उसके vital sign यानी जैविक चिन्ह की निरन्तर जांच की जानी चाहिए नारकोटिक से होने वाले दुष्प्रभावों को ध्यान में रखा जाना चाहिए । किसी abnormality के दिखाई देने पर उसकी तुरंत चिकित्सा करके चिकित्सक को सूचित किया जाना चाहिए।

• चेतनावस्था में रोगी के साथ नॉर्मल व्यवहार करना चाहिए , शांत वातावरण रखना चाहिए , कम बोलना चाहिए , रोगी के समीप से उत्तेजक कारकों को हटा देना चाहिए ऐसे प्रश्नों को पूछना चाहिए , जिनका उत्तर देना वह उचित समझता हो

• मनोचिकित्सा के समय रोगी के साथ रहना चाहिए

• रोगी तथा चिकित्सक के बीच पूर्ण सामंजस्य बनाए रखना चाहिए

• रोगी के साथ ऐसा व्यवहार करना चाहिए कि वह अपनी दबी कल्पनाओं, घटनाओं, आशय, भय आदि को कहने में संकोच न करें ।

Anxiety disorder test कैसे करे। Anxiety disorder diagnosis in Hindi।।

• Physical examination
• clinical examination
• blood test
• urine test
• GAD–7 test
• other टेस्ट medication कंडीशन पर डिपेन्ड करता है।

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QNA :–

Q 1.) Anxiety कौन सी बीमारी है?
Ans :–anxiety यानी चिंता या घबराहट एक ऐसी विकार होती है जो आने वाले समय में कुछ समस्या उत्पन्न होने की आशंका होना है ।

Q2.) Anxiety को ठीक कैसे करे ?

Ans :– anxiety से रिलैक्स पाने के लिए ,गिनती करे , हल्के व्यायाम करे , मंत्र जाप करे , घूमने के लिए जाए ,gअकेलापन से दूर रहे , तनाव वाली बातो से दूर रहे

Q3.) घबराहट या बैचनी क्यो होती है ?
Ans:– यह ऐसे कंडिशन में होती है जब व्यक्ति लंबे समय से दवाओं का सेवन, नशे का लती होने से मानसिक विकार जैसे ADAHD की समस्या से ग्रसित होता है तो लोगों को घबराहट या बैचैनी होती है ।

Q4.) Anxiety का घरेलू उपचार क्या है?
Ans :–इससे बचने के लिए टहलने जाए और योग का सहारा ले सकते है । घबराहट होने पर धीरे धीरे सांस लेते रहे इनके साथ ही उन बातो को न सोचे जिससे आपका तनाव बढ़ता हो ,ध्यान भटकाने के लिए संगीत,फिल्म, या स्वच्छ आहार ले पर्याप्त नींद ले ये सब के वाबजूद भी अगर anxiety attack रहे तो डॉक्टर से मिलें ।

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