डिप्थीरिया या रोहिणी एक गंभीर संक्रामक बीमारी होता है जो नाक वा गले की म्यूकस मेंब्रेन को प्रभावित करता है यह आसानी से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलती है।
डिप्थीरिया इस ग्राम पॉजिटिव जीवाणु द्वारा एक शक्तिशाली exotoxin की उत्पति की जाती है । मनुष्य में डिप्थीरिया बैसिलस के तीन रूप पाए जाती है । 1 ) ग्रेविस फॉर्म 2) इंटरमेडियस फॉर्म 3) mitis फॉर्म ।
डिप्थीरिया 3 तरह के होता है :– 1) faucial Diphtheria 2) nasal Diphtheria 3) laryngeal Diphtheria
यह डिप्थीरिया की सर्वाधिक common तथा several प्रकार है symptoms :– * देखने में बच्चा रोगी प्रतीत होता है हल्का ज्वर गले में दर्द वा खराशे भी हो सकती है * नाड़ी का तेज चलना * श्वसन में कच्ची शराब भांति गंध आना
यह अत्यंत माइल्ड होता है । इसमें टॉक्सीमिया बहुत कम होता है । symptoms:– • नाक तथा ऊपरी होठ की स्किन फटने लगती है • नाक की examine करने पर membrane ka दिखाई देना
यह 5 वर्ष तक के बच्चे इसका अधिक शिकार बनते है । इसमें membrane vocal cards के भीतर बनती है तथा laryngeal obstruction हो जाया करता है । यह भयंकर अवस्था होती है Sign & symptoms * आवाज भारी हो जाती है * croupy cough , inflammation , spasm , harshness , डीस्पोनिया आदि समूहों में पाया जाता है * laryngeal obstruction होने पर डीस्पोनिया स्वाभाविक तथा गंभीर होता है * स्यनोसिस तथा restlessness होता है
1कारण 2लक्षण 3रोग का निदान 4चिकित्सा 5प्रतिषेध (रोकथाम) 6सन्दर्भ 7बाहरी कड़ियाँ