hypertension : उच्च रक्तचाप के डाइट चार्ट, लक्षण, कारण, घरेलू और आयुर्वेदिक उपचार क्या है?

hypertension : उच्च रक्तचाप के डाइट चार्ट, लक्षण, कारण, घरेलू और आयुर्वेदिक उपचार क्या है?
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उच्च रक्तचाप | hypertension। hypertension Hindi meaning :-

उच्च रक्तचाप को हाई ब्लड प्रेशर और अति रक्तदाब के नामों से भी जाना जाता है। W.H.O ( विश्व स्वास्थ संगठन ) के अनुसार यदि किसी व्यस्क व्यक्ति में ब्लड प्रेशर 160/95 mm Hg अथवा उससे अधिक हो, तो उसको हाई ब्लड प्रेशर मानना चाहिए। नॉर्मल ब्लड प्रेशर बच्चों में 100/60 mm Hg तथा वयस्क पुरुषो में 120/90 mm Hg माना जाता है।हाइपरटेंशन यानी हाई ब्लड प्रेशर (उच्च रक्तचाप) एक खतरनाक बीमारी है।

दरअसल, यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें धमनियों में रक्त का दबाव काफी बढ़ जाता है और इसके कारण रक्त की धमनियों में रक्त का प्रवाह बनाए रखने के लिए हृदय को सामान्य से अधिक काम करने की जरूरत पड़ती है। हार्ट अटैक यानी दिल का दौरा पड़ने की बड़ी वजह हाइपरटेंशन ही होती है। इसके अलावा इससे मस्तिष्क, किडनी और अन्य बीमारियों का खतरा भी बढ़ सकता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि यह दुनियाभर में समय से पहले मौत का एक प्रमुख कारण है। इस समय पूरी दुनिया में 100 करोड़ से भी अधिक लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं। हालांकि इससे पीड़ित बहुत से लोग इसके लक्षणों पर ध्यान नहीं देते और इस वजह से यह समस्या गंभीर हो जाती है। यही वजह है कि हाइपरटेंशन को ‘साइलेंट किलर’ भी कहा जाता है।

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उच्च रक्तचाप | hypertension in Hindi :–

  यह दवाब, जिससे ब्लड धमनियों में प्रवाह करता है, उसको ही ब्लड प्रेशर कहा जाता है। यह संसार के प्रत्येक व्यक्ति में, प्रत्येक आयु में अलग अलग होता है। यह कोई स्थिर रहने वाली चीज नहीं है। यदि स्वस्थ व्यक्ति की एक दिन में 100 विभिन्न अवस्थाओं जैसे :– लेटने, बैठने, परिश्रम आदि करने पर को मापा जाता है,

तो प्रत्येक बार अलग मिलता है, यानी वह समय के साथ कम अथवा अधिक रहता है। ब्लड प्रेशर चिंता, डर, बैठने, अथवा लेटने पर व्यायाम करने, विभिन्न मानसिक अवस्था, दर्द अथवा अन्य कारणो से कम अथवा अधिक हो सकता है।

कुछ विद्वानों चिकित्सकों की राय के अनुसार स्वस्थ मनुष्यों में औसत 110 से 140 मिलीमीटर पारा सिस्टोलिक और 60 से 100 mm Hg डायस्टोलिक होता है । उपरोक्त सीमाओं के ऊपर उच्च रक्तचाप एवं नीचे अल्प रक्तचाप होता है। रक्तचाप मापने वाले चिकित्सीय यंत्र को Sphygmomanometer के नाम से जाना जाता है।

किसी भी कारण से उत्पन्न बढ़े हुए रक्तचाप को उच्च रक्तचाप अथवा हाइपरटेंशन कहा जाता है। जब किसी युवा व्यक्ति में बैठी हुई अवस्था में धमनीगत दाब आर्टीरियल प्रेशर 160/95 MM अथवा उससे अधिक मिले, तब उस व्यक्ति को उच्च रक्तचाप से पीड़ित मानना चाहिए। स्मरण रहे कि स्वस्थ व्यक्ति में प्रकुंचनीय दवाब (सिस्टोलिक प्रेशर) 100/90 mm hg सामान्य माने जाते हैं।

उच्च रक्तचाप किन कारणों से होता है। hypertension causes in Hindi :–

हार्ट अटैक यानी दिल का दौरा पड़ने की बड़ी वजह हाइपरटेंशन ही होती है। इसके अलावा इससे मस्तिष्क, किडनी और अन्य बीमारियों का खतरा भी बढ़ सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि यह दुनियाभर में समय से पहले मौत का एक प्रमुख कारण है। इस समय पूरी दुनिया में 100 करोड़ से भी अधिक लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं। हालांकि इससे पीड़ित बहुत से लोग इसके लक्षणों पर ध्यान नहीं देते और इस वजह से यह समस्या गंभीर हो जाती है। यही वजह है कि हाइपरटेंशन को ‘साइलेंट किलर’ भी कहा जाता है।

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कारणों के आधार पर उच्च रक्तचाप को दो प्रकारों में वर्गीकृत किया गया है। :-

  • प्राथमिक उच्च रक्तचाप :– प्राथमिक उच्च रक्तचाप का कोई कारण नहीं है लेकिन अध्ययनों से पता चलता है कि यह वर्षों में विकसित होता है।
  • सेकेंडरी हाइपरटेंशन :– सेकेंडरी हाइपरटेंशन स्लीपिंग पैटर्न, किडनी की समस्या, एड्रेनल ग्लैंड ट्यूमर, थायरॉइड प्रॉब्लम, ब्लड वेसल्स में जन्मजात दोष, ओवर द काउंटर पेन किलर, कोल्ड रेमेडीज, डिकॉन्गेस्टेंट और बर्थ कंट्रोल पिल्स जैसी दवाओं के कारण हो सकता है।

उच्च रक्तचाप के लक्षण क्या हैं? | hypertension symptoms in Hindi :- 

hypertension : उच्च रक्तचाप के डाइट चार्ट, लक्षण, कारण, घरेलू और आयुर्वेदिक उपचार क्या है?

  • इसके लक्षण निम्न लिखित है डिटेल में जानने के लिए आइए नीचे देखते हैं :-
  • रक्त की मात्रा और गाढ़ापन जब मनुष्य के ब्लड थोड़ा थिक हो जाता है यानी की मोटा जिससे ब्लड को जितना fast काम करना चाहिए उतना फास्ट नही करता है।
  • धमनियों की लचक की वजह से भी हाइपरटेंशन हो सकता है।
  • कार्डियक आउटपुट में कमी और तेजी की वजह से भी हाइपरटेंशन हो सकता है।
  • पौष्टिक भोजन की प्रचुरता किन्तु शारीरिक परिश्रम, प्रोटीन युक्त आहार अधिक मात्रा में ग्रहण करना,चिंता, एवं अत्यधिक मानसिक परिश्रम, प्रोटीन युक्त आहार अधिक मात्रा मे ग्रहण करना, पाचन संबंधी गड़बड़ियां जैसे– कब्ज, यकृत विकार, अधिक भोजन का सेवन करना, अधिक सुरा सेवन, अति स्त्री प्रसंग, मधुमेह रोग, मोटापा, ह्रदय संबंधी रोग, गठिया की बीमारी, मूत्र ग्रंथि विकार , अचार , तेल, खटाई वा नमक का अधिक सेवन करना इत्यादि।
  • पुरुष एवं महिला में इस रोग के होने की संभावना समान रूप से होता है।
  • आनुवांशिकता एक अत्यंत महत्वपूर्ण कारक है, क्योंकि यदि किसी के माता पिता को उच्च रक्तचाप हो, तो उसको hypertension होने की संभावना 50% होता है।

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उच्च रक्तचाप के प्रमुख लक्षण क्या है। hypertension symptoms in Hindi :–

हालांकि इस रोग से पीड़ित रोगियों में अलग अलग लक्षण पाए जाते है।बहुत से रोगियों में तो इसके लक्षण भी नही मिलते हैं, बल्कि ऐसे रोगी तो किसी अन्य रोग से पीड़ित होकर चिकित्सा हेतु चिकित्सक के पास जाते है, किंतु चिकित्सक द्वारा जांच/ परीक्षण करने पर ब्लड प्रेशर अधिक मिलता है। इसको यूं भी कहा जा सकता है की जब तक इस रोग को शरीर में जमे हुए लगभग 10 वर्ष व्यतीत हो चुके होते हैं।

सिरदर्द :– यह इस रोग का मुख्य लक्षण माना जाता है रोगी की सिर भरी और कनपटी के पास चब चब सी लगती है सुबह के समय सिर दर्द अधिक होता है और उल्टी, जी मचलना, वमन, थकान, बैचेनी, दुर्बलता आदि होते रहता है।

  • ब्लड प्रेशर अधिक होने पर कनपटी की नसें और केरोटिड धमनी ( Arteries ) स्पष्ट रूप से देखी जा सकती हैं तथा नाड़ी ( Pulse ) की तीव्र गति भी अनुभव की जा सकती है ।
  • उच्च रक्तचाप ( हाईपरटेंशन ) रहने पर हृदय का बायां निलय बढ़ जाता है तथा धड़कन वृद्धि भी हो जाती है । हृदय की सामान्य आवाज लुप – डुप ( Lup Dup ) में भी परिवर्तन आ जाता है ।
  • इस रोग से पीड़ित रोगी की दृष्टिपटल की जांच करना भी अत्यावश्यक है ; क्योंकि बहुत दिनों से रोगी को उच्च रक्तचाप रहने से आंखों की ज्योति कम हो जाती है । बहुत से रोगियों में उच्च रक्तचाप से दृष्टिपटल में परिवर्तन आ जाते हैं , जो हमेशा ( सम्पूर्ण जीवन – भर ) के लिए होते हैं । अक्षिबिम्ब शोफ ( पेपिलोयडीया ) उच्च रक्तचाप की एडवान्स दशा है ।
  • लंबे समय तक रोगी को उच्च रक्तचाप रहने से उसके शरीर में परिवर्तन आ जाते हैं तथा ‘ धमनी काठिन्य ‘ ( Arteriosclerosis ) नामक रोग उत्पन्न होता है इस रोग विकार में धमनियां मोटी हो जाती है और धमनियों के दीवार के लचक नष्ट हो जाती है जिस कारण से धमनी का जो रास्ता है छोटा हो जाता है। यह पेरीफेरल resistance को बढ़ा देता है जिससे रक्तचाप और अधिक हो जाता है।
  • रोगी को सिर में विशेष कर सिर के पिछले हिस्से में दर्द होता है।
  • रोगी के मस्तिष्क को धमनी के फट जाने का डर रहता है। अतः बेहोशी, पक्षाघात, एवं मरने की आशंका रहती है।
  • रोगी की मस्तिष्क भारी भारी रहता है।
  • रोगी का निरंतर दुर्बल होते जाना और काम करने की शक्ति में कमी ।
  • आंखो के सामने अंधेरा छा जाना अथवा दृष्टि नष्ट हो जाना।
  • नेत्रों के अंतरिये पटल में रक्तस्राव के लक्षण।
  • रात्रि के समय अधिक मात्रा में बार बार मूत्र त्याग।

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उच्च रक्तचाप से और कौन कौन सी बीमारी हो सकती है | hypertension Complication in Hindi :–

  • ह्रदय के बाई ओर के निलय की गति रुक जाना।
  • एंजाइना पेक्टोरिस शुरू होना।
  • उच्च रक्तचाप में मूत्र में प्रोटीन आना शुरू हो जाता है।
  • 10 से 20% रोगियों में रिनल फेलियर हो जाता है।
  • मस्तिष्क से रक्तस्राव
  • रेटीना की छोटी धमनियां मोटी हो जाती है।
  • उच्च रक्तचाप अधिक होने पर ब्लीडिंग हो जाता है।

उच्च रक्तचाप में कौन कौन सी जांच होती है। hypertension diagnosis in Hindi :–

  • रक्त परीक्षण :– ब्लड यूरिया, ब्लड शुगर, सीरम लिपिडाम, सीरम प्रोटीनेस , सीरम क्रियेटेनिन और सिरम पोटेशियम
  • यूरीन टेस्ट:– प्रोटीन, रक्त और शुगर की जांच की जाती है इसके आलावा हार्मोन्स की मात्रा देखी जाती है।
  • छाती का एक्स रे – ह्रदय के बढ़ने तथा ह्रदय आकार को दर्शाता है।
  • ई सी जी :– अधिकांश रोगियों में यह सामान्य आता है बल्कि जिन रोगियों में हार्ट फेलियर अथवा लेफ्ट वेंट्रिकल हाइपरट्रोफी हो, वह समस्त परिवर्तन ई सी जी से पता लग सकता है।
  • इंट्रा वीनस पाइलोग्राफी :– किडनी की रोगी को पता लगाने के लिए यह जांच जरूरी है। इस जांच से रोग के किडनी ठीक से काम कर रहे है अथवा नहीं अथवा उनमें कोई जन्मजात रोग या किडनी के बनावट में कोई खराबी तो नही है यह आसानी से पता लग जाता है।
  • चिकित्सा आरंभ करने से पहले यह निश्चित करना आवश्यक होता है उच्च रक्तचाप किस कारण से है यानी यह रिनल है अथवा इंजेशियल है।

उच्च रक्तचाप रोगी की पहचान :–

  • स्वस्थ व्यक्ति का विश्राम की अवस्था में 125 से 135 रक्तदाव होता है किंतु इसमें 150 से 300 तक रक्तदाब हो जाता है।
  • उच्च रक्तचाप की पहचान पूर्ण रूप से रक्तदांब या ब्लड प्रेशर के मापन द्वारा हो जाती हैं। इस हेतु लगातार तीन दिनो तक विविध आवस्थाओ में रक्तदाब बढ़ा हुआ मिले, तभी उस व्यक्ति को उच्च रक्तचाप से पीड़ित समझना चाहिए।
उच्च रक्तचाप के घरेलू और आयुर्वेदिक उपचार | Treatment of hypertension  :–
  • आंवला :- आंवला ब्लड प्रेशर को कंट्रोल के लिए बहुत ही उपयोगी आयुर्वेदिक दवा है। क्योंकि आंवला में विटामिन सी होता है जो रक्त कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता है। रोज सुबह खाली पेट आंवले का जूस पीने से हाई ब्लड प्रेशर के साथ साथ।और अन्य बीमारियों को भी नियंत्रित कर सकता है।
  • गोटू कोला :- कई वर्षो से ही गोटू कोला का इस्तेमाल एक औषधि के रूप में किया जा रहा है।यह कम मात्रा में ली जाने वाली और कड़वी स्वाद वाली जड़ी बूटी ब्लड सर्कुलेशन और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है।
  • अश्वगंधा :- अश्वगंधा एक प्राकृतिक जड़ी बूटी है। इस चाय में कम मात्रा में मिला सकते हैं। शोध के अनुसार अश्वगंधा ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने और ब्लड शुगर के स्तर को कम करता है।
  • लहसुन :- लहसुन आपके ब्लड प्रेशर को कम यानी नियंत्रित करने में मदद करता है। ये कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है. आप सुबह लहसुन की एक कली का सेवन करने की कोशिश कर सकते हैं। इसके सेवन करने के कई अन्य स्वास्थ्य लाभ भी हैं.
  • शहद :- अगर आप रोज सुबह गर्म पानी के साथ दो चम्मच शहद का सेवन करते हैं तो ये आपकी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है। ब्लड प्रेशर के स्तर को नियंत्रित करने के लिए शहद एक बेहतरीन उपाय है।
  • तुलसी :- तुलसी के पत्तों में यूजेनॉल होता है। ये हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के लिए जाना जाता है।तुलसी एक सांस्कृतिक, धार्मिक और आयुर्वेदिक दोनों में ही महत्वपूर्ण होता है। थोड़ी तीखी स्वाद वाली हरी पत्तियों में बहुत शक्तिशाली तत्व गुण पाए जाते है। ये ब्लड प्रेशर, सर्दी, फ्लू, गठिया और अन्य कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के इलाज में प्रभावी माने जाते हैं। तुलसी की चाय पीने और तुलसी के कच्चे पत्तों को चबाने दोनों के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है।
  • अर्जुन के पेड़ की छाल :- ये आयुर्वेदिक जड़ी बूटी हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के लिए जानी जाती । इस पेड़ के छाल में  एंटीऑक्सीडेंट, एंटीप्लेटलेट, हाइपोलिपिडेमिक, एंटीथेरोजेनिक और एंटी हाइपरट्रॉफिक सहित कई औषधीय गुण है। ये पाउडर के रूप में उपलब्ध होता है। इसका सेवन खाली पेट भी कर सकते है।
  • चुकंदर :- यह क्रिमसन जड़ वाली सब्जी नाइट्रेट से भरपूर होता है, जिसे रक्त वाहिकाओं को आराम देने और रक्त प्रवाह को बेहतर बनाने के लिए माना जाता है।
  • संतरे :- यह सुपर रिच विटामिन फल  एक और भोजन है जिसे आपको अपने रक्तचाप को कम करने के लिए लेना चाहिए।

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hypertension | उच्च रक्तचाप का डाइट चार्ट :–
तो आइए जानते है जब उच्च रक्तचाप की बीमारी हो तो कैसे रूटीन के साथ खाना खाने से स्वास्थ की कंडिशन नॉर्मल रहे इसके लिए नीचे की चार्ट को ध्यान से देखे।

hypertension : उच्च रक्तचाप के डाइट चार्ट, लक्षण, कारण, घरेलू और आयुर्वेदिक उपचार क्या है?

Sunday :–

  • Breakfast (8:00-8:30AM) :- 1 कप दूध + वेज ऑमलेट (2 एग वाइट) + 4-5 बादाम
  • Mid-Meal (11:00-11:30AM) :– 1 सेब
  • Lunch (2:00-2:30PM) :- 1 कप उबले चावल + दाल (1/2 कप) + मछली करी (1/2 कप) + सलाद (1 सर्विंग) + 1/4 ताज़ा नींबू पानी
  • Evening (4:00-4:30PM) :– 1 कप सब्जी सूप
  • Dinner (8:00-8:30PM) :- 2 रोटी + दम आलू (1 कप) + सलाद (1 सर्विंग) 1/4 ताज़े नींबू के साथ

Monday :–

  • Breakfast (8:00-8:30AM) :- 1/2 कप वेज पोहा + 3-4 अखरोट
  • Mid-Meal (11:00-11:30AM) :- 1 कप तरबूज
  • Lunch (2:00-2:30PM) :- 1 कप राजमा + 1/2 कप गोभी और आलू + 1/2 कप खीरे का रायता + 1 कप चावल + प्याज का सलाद + 1 / 4 ताजा नीम्बू पानी
  • Evening (4:00-4:30PM) :- 1 कप स्प्राउट्स सलाद
  • Dinner (8:00-8:30PM) :- 2 रोटी + सरहजन और आलू करी (1 कप) + सलाद (1 सर्विंग) + 1/4 ताज़ी नींबू पानी

Tuesday :–

  • Breakfast (8:00-8:30AM) :- 2 मूंग दाल चीला + छाछ (1 गिलास) + 4-5 बादाम
  • Mid-Meal (11:00-11:30AM) :- 1 कप अनार
  • Lunch (2:00-2:30PM) :- 2-3 रोटी + चना दाल (1/2 कप) + मछली करी (1/2 कप) + सलाद (1 सर्विंगं) + 1/4 ताजा नींबू पानी
  • Evening (4:00-4:30PM) :- 1 कप आलू चाट
  • Dinner (8:00-8:30PM) :- 2 रोटी + पकी कद्दू (1/2 कप) + तली भिंडी (1/2 कप) + सलाद (1 सर्विंग) + 1 / 4 ताजा नींबू पानी।

Wednesday :–

  • Breakfast(8:00-8:30AM) :- 1 कप सब्जी सूजी + 3-4 अखरोट
  • Mid-Meal (11:00-11:30AM) :- 1 कप ऑरेंज
  • Lunch (2:00-2:30PM) :- 2-3 रोटी + 1 कप पालक पनीर + सलाद (1 सर्विंग) + 1 भुना हुआ पापड़ + 1/4 ताज़ा नींबू पानी + रायता (1/2 कप)
  • Evening (4:00-4:30PM) :- 1/2 कप गर्म सोय टमाटर और प्याज के साथ मिलाते हैं
  • Dinner (8:00-8:30PM) :- 2 रोटी + कंदुरू करी (1 कप) + सलाद (1 सर्विंग) + 1 / 4 ताज़ा नींबू पानी।

Thursday :–

  • Breakfast– (8:00-8:30AM) :- 1 कप सब्जी उपमा + 4-5 बादाम
  • Mid-Meal (11:00-11:30AM) :- 1 कप पपीता
  • Lunch (2:00-2:30PM) :- आधा पके हुए चावल (1 कप) + मसूर दाल (1/2 कप) + फूलगोभी और आलू की सब्जी (1/2 कप) + सलाद (1 सर्विंग) + 1/4 ताज़ा नींबू पानी
  • Evening (4:00-4:30PM) :- 1 कप सब्जी सूप
  • Dinner (8:00-8:30PM) :- 2 रोटी + नुकीली लौकी करी (1 कप) + सलाद (1 सर्विंग) + 1 / 4 ताज़ा नींबू पानी

Friday :–

  • Breakfast (8:00-8:30AM) :- 1 कप दूध और कॉर्नफ्लैक्स + 3-4 अखरोट
  • Mid-Meal (11:00-11:30AM) :- 1 कप कैंटालूप
  • Lunch (2:00-2:30PM) :- 2-3 रोटी + मूंग दाल (1/2 कप) + 1 भुना हुआ पापड़ + मछली करी (1/2 कप) + सलाद (1 सर्विंग) + 1/4 ताज़ा नींबू पानी
  • Evening (4:00-4:30PM) :- 1 वेज ऑमलेट
  • Dinner (8:00-8:30PM) :- 2 रोटी + मिक्स सब्जी करी (1 कप) + सलाद (1 सर्विंग) + 1 / 4 ताज़ा नींबू पानी।

Saturday :–

  • Breakfast(8:00-8:30AM) :- 3 सब्जी इडली + 1 कप सांभर + 4-5 बादाम
  • Mid-Meal (11:00-11:30AM) :- 1 केला
  • Lunch (2:00-2:30PM) :- उबले चावल (1 कप) + चिकन करी (1 कप) + आलू और सरहज फली करी (1/2 कप) + 1 / 4 ताज़ा नींबू पानी + गाजर और खीरा सलाद (1 सर्विंग)
  • Evening (4:00-4:30PM) :- 1 कप स्प्राउट्स सलाद
  • Dinner (8:00-8:30PM) :- 2 रोटी + मेथी आलू करी (1 कप) + सलाद (1 सर्विंग) + 1 / 4 ताज़ा नींबू पानी

hypertension | उच्च रक्तचाप की होम्योपैथिक दवाएं या इलाज :- 

इन दवाओं के अपने अलग अलग संकेत हैं और ये दवाएं तभी काम करती हैं जब उनके संकेत मरीज के संकेत से मिलते हैं। इस लिए एक अनुभवी डॉक्टर ही यह संकेतों का मिलान  ठीक प्रकार से कर सकता है।

इस लिए स्वयं उपचार करने की चेष्टा ना करें।

ग्लोनाइन :– चेहरे पे लाली के साथ होने वाले उच्च रक्तचाप के लिए सर्वोत्तम होम्योपैथिक दवा।

रवोल्फिआ :– हाई ब्लड प्रेशर या उच्च रक्तचाप के लिए सर्वोत्तम होम्योपैथिक दवा।

बेलाडोना :– सरदर्द के साथ होने वाले उच्च रक्तचाप के लिए सर्वोत्तम होम्योपैथिक दवा।

नक्स वोमिका :– आधुनिक जीवन शैली तथा खान पान से होने वाले रक्तचाप के लिए सर्वोत्तम दवा।

नैट्रम मयूर :– अधिक मात्रा में नमक खाने की वजह से होने वाले उच्च रक्तचाप के लिए सर्वोत्तम होम्योपैथिक दवा।

यहां हेमोपेथिक के इलाज में पेशंस रखना पड़ता है।  जहां यह हाई ब्लड प्रेशर बहुत पुराना है वहां इसे ठीक होने में समय लगता है।  इसलिए दवा को लगातार लेते रहना पड़ता है।  जो लोग बहुत समय से एलोपैथिक दवा ले रहे होते हैं, उन्हें पहले तो दोनों दवाएं साथ लेनी पड़ती हैं।  धीरे धीरे एलोपैथिक दवाएं बंद  कर दी जाती हैं।

FAQ : Hypertension | उच्च रक्तचाप से जुड़ें सवाल और जबाब ?

Q. उच्च रक्तचाप को कितने चरण में वाटा गया है, और कौन कौन से चरण हैं?

Stages of Hypertension in Hindi :-

  • सामान्य :- जब सिस्टोलिक 120 mm hg से नीचे होता है और डायस्टोलिक 80 mm hg से नीचे होता है, तो सीमा को सामान्य माना जाता है। दवाओं की कोई आवश्यकता नहीं है, जबकि आपको हमेशा अपने बीपी की निगरानी करने की आवश्यकता होती है।
  • प्री-हाइपरटेंशन :- यदि सिस्टोलिक 120 और 139 mm hg के बीच है और डायस्टोलिक 80 और 89 mm hg के बीच है, तो आप उच्च रक्तचाप की सीमा में हैं। इस स्थिति के लिए किसी दवा की जरूरत नहीं है, जबकि जीवनशैली में बदलाव पर विचार करना होगा।
  • स्टेज 1 :- जब आपका सिस्टोलिक 140-159 mm hg  और डायस्टोलिक 90-99 mm hg के बीच होता है, तो आप उच्च रक्तचाप के सीमा जोखिम में होते हैं। आपको एंटी-हाइपरटेंशन दवाओं जैसे बीटा-ब्लॉकर्स, कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स, मूत्रवर्धक आदि के साथ-साथ जीवनशैली में बदलाव करना चाइये।
  • स्टेज 2 :- यदि सिस्टोलिक 160 mm hg से आगे निकल जाता है और डायस्टोलिक 100 mm hg से पार हो जाता है, तो इसे बहुत गंभीर माना जाता है। डॉक्टर दो-दवा उपचार की सिफारिश करेंगे हृदय और स्ट्रोक के मुद्दों को दूर करने के लिए एक सख्त आहार (strict diet) अपनाने के साथ साथ जीवनशैली में बदलाव के लिए सलाह दी जाएगी
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