P-LCR test in Hindi | P-LCR test क्या होता है?
Table of Contents
- 1 P-LCR test in Hindi | P-LCR test क्या होता है?
- 2 प्लेटलेट्स क्या हैं? | जानिए स्वस्थ शरीर में कितनी होनी चाहिए P-LCR?
- 3 P-LCR test के बारे में जानकारी
- 4 P-LCR का full form
- 5 प्लेटलेट काउंट टेस्ट क्या होता है? What is P-LCR Test
- 6 प्लेटलेट काउंट क्यों किया जाता है
- 7 P-LCR यानी प्लेटलेट कम होने के क्या कारण है?
- 8 प्लेटलेट कम होने से क्या होता है?
- 9 अधिक प्लेटलेट्स होने के क्या कारण है?
- 10 P-LCR test के लिए पहले क्या तैयारी करनी चाहिए?
- 11 P-LCR test के दौरान क्या होता है? | What happens during a P-LCR test
- 12 P-LCR के क्या जोखिम यानी की दुष्प्रभाव होते हैं? | side effects of P-LCR
- 13 P-LCR के परिणाम और नॉर्मल रेंज | P-LCR test Normal Range
- 14 Conclusion :
- 15 Related
हेलो दोस्तो आज P-LCR test in Hindi आर्टिकल में इस टेस्ट के बारे में पूरी जानकारी पढेंगे, P-LCR test in Hindi इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि P-LCR test क्या होता है? | और P-LCR test क्यों करवाया जाता है? | P-LCR test की तैयारी किस प्रकार करे P-LCR test में कौन कौन सी टेस्ट होती है, Platelet Count test के फायदे (P-LCR test) क्या है अर्थात इससे जुड़ी हुई अन्य डिटेल्स के बारे में भी पढेंगे।
नोट :– दोस्तों P-LCR test जानने से पहले आपको प्लेटलेट्स के बारे में जानकारी होना जरूरी है तभी आपको P-LCR test के बारे में समझ आएगी। तो चलिए सबसे पहले जानते हैं कि प्लेटलेट्स क्या है? और प्लेटलेट्स का नॉर्मल स्तर कितना है?
प्लेटलेट्स क्या हैं? | जानिए स्वस्थ शरीर में कितनी होनी चाहिए P-LCR?
प्लेटलेट्स काउंट का पता CBC यानि Complete Blood Count Test से चलता है। दरअसल प्लेटलेट्स खून का एक हिस्सा है जो खून को थक्का बनाने में मदद करता है। यह रक्त का ही एक भाग है जो खून का थक्का बनाने में सहायक हैं। अर्थात कोई चोट लगने पर होने वाले रक्तस्त्राव को प्लेटलेट्स ही रोकती हैं। किसी कारण से यदि प्लेटलेट्स 50 हजार से कम हो जाएं तो चिंता की बात नहीं। लेकिन प्लेटलेट्स इससे भी कम हो जाए तो रक्तस्त्राव होता है। जब ब्लड में प्लेटलेट्स की संख्या कम हो जाती है तो उस स्थिति को मेडिकल साइंस की भाषा में थ्रोबोसाइटोपेनिया कहते हैं। अगर प्लेटलेट्स की संख्या 10,000 से कम हो जाए तो ब्लीडिंग यानी रक्तस्राव की आशंका बढ़ जाती है।
- प्लेटलेट्स क्या है ?
- प्लेटलेट्स रक्त का ही एक भाग है जो खून का थक्का बनाने में सहायक हैं। कोई चोट लगने पर होने वाले रक्तस्त्राव को ये रोकती हैं। शरीर में इनकी पर्याप्त संख्या होनी चाहिए। शरीर में इनकी संख्या बहुत कम होने पर मौत भी हो सकती है।
- कितनी प्लेटलेट्स होनी चाहिए ?
- स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में डेढ़ से चार लाख प्लेटलेट्स होती हैं। किसी कारण से यदि ये 50 हजार से कम हो जाएं तो चिंता की बात नहीं। लेकिन इससे भी कम होने पर रक्तस्त्राव होता है। यदि 10-20 हजार की संख्या रहे तो यह स्थिति इमरजेंसी की है।
दोस्तो हमने ये समझ लिया की प्लेटलेट्स क्या है? और कितना होना चाहिए? तो अब देखेंगे की प्लेटलेट्स का टेस्ट कब कराना चाहिए
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P-LCR test के बारे में जानकारी
- प्लेटलेट काउंट (Platelet count) एक प्रकार का लैब में टेस्ट होता है, जिसकी मदद से ब्लड में उपस्थित प्लेटलेट्स की मात्रा को मापा जाता है। प्लेटलेट्स खून का ही हिस्सा होती है, जो खून के थक्के बनने में मदद करती है। प्लेटलेट्स की गिनती की मदद से कई ऐसी स्थितियों को बारीकी से देखा जाता है, जो खून के प्रभावी थक्के (Efficient clotting) बनाने की क्रिया को प्रभावित कर सकती हैं, जैसे खून बहने से संबधित विकार, संक्रमण, रक्त कैंसर आदि।
P-LCR का full form
P-LCR full form | platelet large cell ratio |
P-LCR full form in Hindi | बिंबाणु बड़े कोशिका अनुपात |
प्लेटलेट काउंट टेस्ट क्या होता है? What is P-LCR Test
P-LCR test एक Platelet Count टेस्ट होता है, जिसमें ब्लड सैम्पल की मदद से किसी व्यक्ति में प्लेटलेट्स की गिनती की जाती है। एक स्वस्थ व्यक्ति में प्लेटलेट्स की गिनती प्रति माइक्रोलीटर खून में 150,000 से 450,000 तक होती है। शरीर में प्लेटलेट्स की मात्रा 450,000 से ज्यादा होने पर थ्रोम्बोसाइटोसिस (Thrombocytosis) नामक समस्या उत्पन्न हो जाती है और 150,000 से कम होने पर थ्रोम्बोसाइटोपेनिया (Thrombocytopenia) नामक स्थिति हो पैदा हो जाती है। प्लेटलेट्स की संख्या की टेस्ट एक सामान्य CBC से की जाती है।
ब्लड टेस्ट में समान्य P-LCR क्या है?
- ब्लड टेस्ट में नॉर्मल P-LCR को प्रतिशत में मापा जाता है इसलिए इसका नॉर्मल रेंज भी प्रतिशत में ही होता है जो की 15 से 35% होता है। यदि कम या ज्यादा होता है तो कई तरह की बीमारियां हो सकती है।
प्लेटलेट काउंट क्यों किया जाता है
इस टेस्ट की माध्यम से डॉक्टरों को ब्लड में उपस्थित प्लेटलेट्स की संख्या जानने में मदद मिलती है। इस टेस्ट की मदद से डॉक्टरों को अस्थि मज्जा (Bone marrow) (यानी की जहां ब्लड बनती है) से जुड़ी समस्याओं और अन्य समस्याएं जैसे की अत्यधिक मात्रा में प्लेटलेट्स नष्ट होती हैं, इसकी जाँच करने में सहायता मिलती है।
P-LCR यानी प्लेटलेट कम होने के क्या कारण है?
कम प्लेटलेट्स निर्माण होने में निम्नलिखित कारण है :–
- प्लेटलेट कम होने की स्थिति के मुख्य तीन कारण होते हैं:
- अस्थिमज्जा में पर्याप्त मात्रा में प्लेटलेट्स ना बन पाना,
- ब्लडस्ट्रीम (रक्तधारा) में प्लेटलेट्स नष्ट होना,
- लिवर या स्पलीन में प्लेटलेट्स नष्ट होना।
- अप्लास्टिक एनीमिया (Aplastic anemia),
- विटामिन बी 12 की कमी, (और पढ़ें – विटामिन बी 12 कमी के उपाय)
- फोलेट की कमी,
- लोहे की कमी,
- वायरल संक्रमण,
- कीमोथेरेपी या विकिरण थेरेपी आदि के संपर्क में आना,
- बहुत ज्यादा शराब पीना
- सिरोसिस,
- ल्यूकेमिया (रक्त कैंसर), इत्यादि।
- शरीर द्वारा अधिक प्लेटलेट नष्ट करने के परिणाम से भी प्लेटलेट्स कम हो सकती हैं। ऐसा कुछ प्रकार की दवाओं के साइड इफेक्ट होने के कारण हो सकता है, जिनमें ड्यूरेटिक्स (Diuretics) व मिर्गी की रोकथाम करने वाली दवाएं (Anti-seizure medications) आदि शामिल हैं।
प्लेटलेट कम होने से क्या होता है?
- स्व – प्रतिरक्षित विकार (ऑटोइम्यून डिसऑर्डर),
- गर्भावस्था,
- खून में बैक्टीरियल संक्रमण,
- आईडियोपैथिक थ्रोम्बोसाइटोपेनिक पुरपुरा (ITP),
- थ्रॉमबोटिक थ्रॉम्बोसाइटोपेनिक परपुरा (TTP),
- डिसैमिनेटिड इंट्रावैस्कुलर कॉग्युलेशन (DIC), इत्यादि।
अधिक प्लेटलेट्स होने के क्या कारण है?
- प्लेटलेट्स की संख्या 400,000 या उससे ऊपर होने पर उनको सामान्य से अधिक प्लेटलेट मान लिया जाता है।सामान्य संख्या से अधिक प्लेटलेट्स की स्थिति को थ्रोम्बोसाइटिस कहा जाता है। इसका मतलब होता है कि शरीर सामान्य मात्रा से अधिक प्लेटलेट्स का निर्माण कर रहा है, इसके कारणों यानी causes में निम्न शामिल हो सकते हैं:
- एक प्रकार का एनीमिया, जो लाल रक्त कोशिकाओं को सामान्य समय से पहले नष्ट कर देता है। (Hemolytic anemia)
- आयरन की कमी या सिकल सेल रोग के कारण होने वाला एनीमिया।
- किसी मुख्य सर्जरी, चोट या संक्रमण आदि के बाद की स्थिति।
- कैंसर।
- कुछ प्रकार की दवाएं।
- अस्थि मज्जा के रोग।
- अस्थि मज्जा द्वारा अधिक मात्रा में प्लेटलेट्स का निर्माण करना, जिसके कारण का पता ना हो। (Primary thrombocythemia)।
- जिन लोगों में प्लेटलेट्स की संख्या अधिक होती है, ऊनमें खून का थक्का बनने के जोखिम हो सकते हैं। खून के थक्के गंभीर मेडिकल स्थितियां पैदा कर सकती हैं।
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P-LCR test के लिए पहले क्या तैयारी करनी चाहिए?
वैसे तो दोस्तो P-LCR ( Platelet Count ) के लिए कोई विशेष तैयारी नहीं होती है, लेकिन अगर आप कुछ दवाओं का सेवन कर रहे हैं,या अन्य एक्टिविटी तो अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें। जैसा की आपको पता है आम तौर पर P-LCR ( Platelet Count ) Test के लिए किसी विशेष तैयारी की आवश्यकता नहीं है। यदि आपके डॉक्टर ने और भी प्लेटलेट टेस्ट कराने का आदेश दिया है, तो आपको टेस्ट से पहले कई घंटों तक खाली पेट की आवश्यकता हो सकती है।
आपके डॉक्टर को आपके P-LCR ( Platelet Count ) परीक्षण की तैयारी के लिए सटीक निर्देश देना चाहिए। आपको कुछ दवाओं को लेना बंद करने के लिए कहा जा सकता है जो परिणामों को प्रभावित कर सकते हैं, इसलिए अपने चिकित्सक को उन सभी दवाओं और पूरक आहारों के बारे में सूचित करें।
P-LCR test के दौरान क्या होता है? | What happens during a P-LCR test
P-LCR test (Platelet Count test) के दौरान, डॉक्टर द्वारा सबसे पहले आपके ब्लड का सैंपल (Blood sample) लिया जाता हैं। जिसके लिए आइए देखते है क्या क्या करना होता है–
- दोस्तो सबसे पहले बॉडी से ब्लड निकालने के लिए ब्लड फ्लो (Blood flow) को रोकने के लिए सबसे पहले हाथ में बैंड लगाया जाता है, जिससे नसें साफ-साफ दिखाई देने लगती हैं।
- उसके बाद रूई में एल्कोहॉल लगाकर डॉक्टर नसों को साफ करते हैं, जिससे सूई लगाने में आसानी होती है।
- इसके बाद डॉक्टर आपकी नस में सूई लगाते हैं।
- सूई से डॉक्टर खून निकालते हैं और फिर उसे एक सिरिंच में डाल देते हैं।
- फिर बैंड को हटा देते हैं।
- इसके बाद नसों पर रूई लगाते हैं।
- फिर एक बैंडेज को चिपका देते हैं।
- सुई अंदर या बाहर जाने पर आपको थोड़ा सा डंक लग सकता है। इसमें आमतौर पर पांच मिनट से भी कम समय लगता है।
- ऊपर बताई गई प्रक्रिया जो है P-LCR test (Platelet Count test) के दौरान की जाती है।
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P-LCR के क्या जोखिम यानी की दुष्प्रभाव होते हैं? | side effects of P-LCR
P-LCR test (Platelet Count test) होने का जोखिम बहुत कम होता है। जहां सुई लगाई गई थी, वहां आपको हल्का दर्द या चोट लग सकती है, लेकिन ज्यादातर लक्षण जल्दी दूर हो जाते हैं। या फिर थोड़ा बहुत कॉमन साइड इफेक्ट्स दिख सकता है जो की निम्न है–
- दस्त (Diarrhea)
- कब्ज (constipation)
- बुखार (Fever)
- नींद आना (sleeping)
- चक्कर आना (dizziness)
- जोड़ो में दर्द (Joint Pain)
- मत्तली और उल्टी (Nausea Or Vomiting)
- आक्षेप (Convulsions)
- भोजन के स्वाद में बदलाव (Altered Sense Of Taste
- त्वचा का पीला पड़ना (Skin Yellowing)
P-LCR के परिणाम और नॉर्मल रेंज | P-LCR test Normal Range
प्लेटलेट्स गिनती के रिजल्ट का क्या मतलब होता है?
- नॉर्मल रेंज :– प्रति माइक्रोलीटर खून में अगर प्लेटलेट्स की मात्रा 150,000 से 450,000 के बीच मिले तो रिजल्ट को नॉर्मल रेंज में माना जाता है
- असामान्य रिजल्ट का मतलब :– कम प्लेटलेट का होना। कम प्लेटलेट जब मानी जाती है जब उनकी संख्या 150,000 से नीचे गिर जाए। प्लेटलेट्स की संख्या 50,000 से भी नीचे गिरने के बाद खून बहने के जोखिम अत्याधिक हो जाते हैं और ऐसी स्थिति में रोजाना की गतिविधियों के कारण भी खून बह सकता है। प्लेटलेट की संख्या का स्तर सामान्य से नीचे गिरने की स्थिति को ‘थ्रॉम्बोसाइटोपेनिया’ कहा जाता है।
P-LCR कब करवाना चाहिए
प्लेटलेट्स काउंट टेस्ट कब किया जाता है?
अगर आपके डॉक्टर को संदेह हो रहा है कि आपकी प्लेटलेट कम है, तो वे सबसे पहले आपका शारीरिक परीक्षण करते हैं। परीक्षण के दौरान डॉक्टर शरीर पर निशान (Petechiae) आदि की जांच करते हैं, ये निशान चकत्तों जैसे होते हैं, जो अक्सर प्लेटलेट्स में कमी होने के कारण होते हैं। डॉक्टर पेट का भी परीक्षण करते हैं, जिसमें स्पलीन के आकार बढ़ने आदि की जांच की जाती है। स्पीलन का आकार बढ़ने के कारण प्लेटलेट्स में कमी होने लगती है।
इसके साथ ही साथ जब निम्नलिखित संकेत और लक्षणों में से एक या अधिक मौजूद हो :–
- शरीर पर कम या अधिक नीले निशान पड़ना (Bruising) जिससे त्वचा में चकत्ते जैसे छोटे-छोटे लाल-बैंगनी स्पॉट बनने लगते हैं। आमतौर पर ये टांगों के निचले हिस्से में ही दिखाई देते हैं।
- किसी चोट से या त्वचा में थोड़ा बहुत कट लगने से उसमें से लंबे समय तक खून बहना,
- मसूड़ों से खून आना या नाक से खून बहना,
- पेशाब में खून आना,
- मल में खून आना,
- मासिक धर्म में अधिक खून आना,
- थकान,
- सप्लीन (प्लीहा) का आकार बढ़ना,
- पीलिया।(और पढ़ें – पीलिया के घरेलू उपाय)
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P-LCR Test का Price कितना है?
- भारत देश में CBC Test का अलग-अलग शहरों में अलग-अलग प्राइस यानी कीमत होता है। कई laboratory में लगभग ₹300 से ₹600 तक CBC Test के लिए लग जाते हैं। और उसी के अंतर्गत P-LCR टेस्ट भी किया जाता है।
Conclusion :
तो दोस्तो आशा करती हूं की आपको हमारा P-LCR test in Hindi आर्टिकल पसंद आया होगा। और इससे जुड़ी हरेक जानकारी मिली होगी। जो की आपके काफी काम आ सकती हैं। अगर आपको ऊपर बताए गए कोई लक्षण नजर आते हैं तो आपका डॉक्टर आपको यह जांच कराने की सलाह दे सकता है। P-LCR test in Hindi से जुड़ी यदि आप अन्य जानकारी चाहते हैं तो आप हमसे कमेंट कर पूछ सकते हैं। या फिर डॉक्टर से सलाह ले सकते है।
Bsc Nursing ( 2 year Experience)