ESR test in Hindi | ESR level को कम करने के घरेलू उपाय? – medicin.org.in

ESR test in Hindi | ESR level को कम करने के घरेलू उपाय? - medicin.org.in
Rate this post

ESR test in Hindi। ईएसआर टेस्ट के फायदे और नुकसान :–

दोस्तो आज के ESR test in Hindi में हम जानेंगे कि ESR test क्या होता है? और ESR test क्यों करवाया जाता है? ESR test की तैयारी किस प्रकार करे? ESR test में कौन कौन सी टेस्ट होती है? ESR test के फायदे (Benefits of ESR test in Hindi) क्या है आदि इसके बारे में भी पढेंगे। साथ ही इस ESR test in Hindi में, पुरुषों और महिलाओं में इसकी सामान्य सीमा, और ईएसआर के असामान्य स्तरों से निकाले जा सकने वाले  इनफरेंस (inference) के बारे में जानकारी प्राप्त करें।

ESR test का full form क्या है?

Table of Contents

ESR का full form= erythrocyte sedimentation rate ( एरिथ्रोसाइट सेडीमेंटेशन रेट ) होता है। और कई लोग वेस्टरग्रेन टेस्ट भी कहते हैं।

ESR test in Hindi। ESR test क्या होता है?

ESR test ब्लड टेस्ट का एक जरूरी पैरामीटर है जो मुख्य रूप से आपके डॉक्टर द्वारा रिकोमेंडेड किया जाता है यदि उसे आपके शरीर में किसी प्रकार की सूजन या इन्फेक्शन का संभावना होती है। ई.एस.आर. टेस्ट में लाल रक्त कोशिकाओं (Red Blood Cells) का टेस्ट किया जाता है इस टेस्ट से रक्त कोशिकाओं में मिले मैल (Sediment) का पता चलता है।

ईएसआर टेस्ट क्या है? What is an ESR test in Hindi :–

ईएसआर एक प्रकार का ब्लड टेस्ट ही होता है जो उस रेट को मापने के लिए किया जाता है । ईएसआर वात और पित्त दोष के असंतुलित या बढ़ने के कारण अधिक होता है। इस टेस्ट से पता किया जाता है कि जो रक्त जाँच यानी की ब्लड सैंपल (Blood sample) लिया गया है उसके जो टेस्ट ट्यूब होते है उसके नीचे कितने देर में लाल रक्त कोशिकाएँ जम जाती हैं। एक घण्टे के बाद लगभग जितनी कोशिकाएँ ट्यूब के नीचे जम जाती हैं समझ लीजिए कि उतना ही सेडिमेंटेशन रेट बढ़ा हुआ है। टेस्ट रिपोर्ट के बाद पता चलता है कि मरीज का सेडिमेंटेशन रेट कितना है। इस टेस्ट की नॉर्मल रिपोर्ट को रेफेरेंस रेंज कहते हैं। यह टेस्ट आम तौर पर किसी भी स्थिति का डायग्नोसिस करने के लिए किया जाता है जिससे सूजन हो सकती है।

महिलाओं में ईएसआर की सामान्य सीमा क्या है? | What is the normal range of ESR in females :–

ईएसआर की नार्मल रेंज की गणना वेस्टरग्रेन मेथड (Westergren method) का उपयोग करके की जाती है, जिसे ईएसआर को मापने के लिए एक gold standard माना जाता है। इस विधि में, ब्लड के सैंपल को Westergren-Katz tub में सोडियम साइट्रेट (sodium citrate) के साथ मिलाया जाता है और कमरे के नॉर्मल तापमान एक घंटे के बाद,  रेड ब्लड सैल्स  कितने सैटल हुए, इसे मापा जाता है।अब जब हम इसकी नॉर्मल रेंज देखते हैं तो,

  • महिलाओं के लिए लगभग 1 – 20 mm/h है। वेस्टरग्रेन मेथड का उपयोग करके विभिन्न आयु समूहों की महिलाओं में ईएसआर की सामान्य सीमा कुछ इस प्रकार से होती है
  • क्र.सं.ऐज  ग्रुप (साल)  नार्मल  ईएसआर रेंज (mm/h)
  1. < 200 – 10
  2. 20 – 500 – 20
  3. 500 – 30

पुरुषों में ईएसआर की सामान्य सीमा क्या है | What is the normal range of ESR in males :–

  • औसतन, पुरुषों के लिए ईएसआर के लिए नार्मल रिफरेन्स रेंज लगभग 1 – 13  mm/h है। वेस्टरग्रेन मेथड का उपयोग करके, विभिन्न आयु समूहों के पुरुषों में ईएसआर की सामान्य सीमा कुछ इस प्रकार से होता है–
  • क्र.सं.ऐज  ग्रुप (साल)  नार्मल  ईएसआर रेंज (mm/h)
  1. 200 – 10
  2. 20 – 500 – 15
  3. 500 – 20

ईएसआर के बढ़ने के कारण । Reasons for High ESR in Hindi :–

ईएसआर का असामान्य स्तर विभिन्न बीमारियों का संकेत दे सकता है जो इस बात पर निर्भर करता है कि रिफरेन्स रेंज से कितनी अलग है।

जब यह रेट बढ़ता या घटता है तो बहुत से संकेत मिलते है। जैसे कुछ प्रकार की बीमारियां होने लग जाती है।

ईएसआर घटने के संकेत :-

  • क्रैनियल धमनी
  • क्रोनिक फैटिग्यू सिन्ड्रोम
  • सिक्कल सेल एनिमिया हो जाता है
  • कन्जेस्टिव हार्ट फ्लोयर
  • हड्डियों में संक्रमण होता है
  • लॉ प्लाज्मा प्रोटीन
  • टेम्पोरल आर्थेराइटिस
  • ट्यूबर क्लोसिस
  • एलर्जी होने लगती है
  • प्रोटीन फिबरिनोजन

ईएसआर बढ़ने के संकेत :-

  • थॉयराइड का होना
  • किडनी की बीमारी हो जाती है
  • हाई कोलेस्ट्राल हो जाना
  • एनिमिया की बीमारी

इसे भी पढ़े :-

ईएसआर रेट बढ़ने के लक्षण । High ESR Symptoms in Hindi :–

  • अगर ईएसआर रेट बढ़ जाता है तो कुछ इस प्रकार के लक्षण दिखाई देते है।
  • सिर दर्द बने रहना
  • डायरिया होना
  • बुखार आ जाता है
  • जोड़ों में दर्द होता है
  • गर्दन में व कन्धों में दर्द
  • जकडन
  • मल में खून आता है
  • हड्डियों में संक्रमण होना
  • शरीर में संक्रमण
  • अचानक पेट में दर्द
  • सूजन का आना
  • बेचैनी सी होना
  • शरीर का तापमान बढ़ने लगता है

ईएसआर के निम्न स्तर होने के लक्षण | Low Levels of ESR symptoms in Hindi :–

ESR का लेवल नीचे होने से क्या होता है?
यदि ईएसआर का रिफरेन्स रेंज समान्य सीमा से कम है, तो यह निम्न हेल्थ कंडिशन में से किसी एक का संकेतक हो सकता है।

  • कंजेस्टिव हार्ट फेलियर ।
  • ल्यूकिमिया (Leukaemia ) ।
  • सिकल  सेल  एनीमिया ।
  • उच्च  रेड ब्लड सेल और सफेद ब्लड सेल काउंट।
  • इंक्रीसड ब्लड थिकनेस ।
  • प्रोटीन फाइब्रिनोजेन का निम्न स्तर हो सकता है।

जैसे की अगर आपकी टेस्ट रिपोर्ट में ईएसआर का स्तर यानी की 100 mm/h से अधिक है, तो यह निम्न में से किसी भी विकार (disorders)का संकेत हो सकता है

  • श्वेत ब्लड सैल्स कैंसर (वाल्डेनस्ट्रॉम का मैक्रोग्लोबुलिनमिया।
  • प्लाज्मा सेल कैंसर (मल्टीपल मायलोमा) ।
  • ब्लड वाहिका सूजन (अतिसंवेदनशीलता वास्कुलिटिस) ।
  • अस्थायी धमनीशोथ ।
ESR टेस्ट से पहले क्या करे | What to do before ESR test :-

अगर आप यह टेस्ट करवा रहे है तो टेस्ट कराने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक है।

आप किसी तरह की दवा या उपचार ले रहे है तो यह जानकारी डॉक्टर को जरूर बताये। बहुत सी दवाओं से इस टेस्ट की रिपोर्ट गलत आती है या अगर आप गर्भवती है और मासिक धर्म से गुजर रहे है तो भी रिपोर्ट गलत आने की ही सम्भावना रहती है।

दवाएं जो ईएसआर टेस्ट का रिजल्ट गलत बताती है उनमें शामिल है।

  • टेस्टोस्टेरोन
  • एस्ट्रोजन
  • फिनीटोइन
  • हेरोइन
  • प्रेडनिसोन
  • डिवैलप्रोक्स
  • मेथाडोन
  • फेनाथायज़िन्स
ESR test के दौरान क्या होता है? | What happens during a ESR test in Hindi :-

ESR test के दौरान, डॉक्टर द्वारा सबसे पहले आपके ब्लड का सैंपल (Blood sample) लिया जाता हैं। जिसके लिए आइए देखते है क्या क्या करना होता है

  • दोस्तो सबसे पहले बॉडी से ब्लड निकालने के लिए ब्लड फ्लो (Blood flow) को रोकने के लिए सबसे पहले हाथ में बैंड लगाया जाता है, जिससे नसें साफ-साफ दिखाई देने लगती हैं।
  • उसके बाद रूई में एल्कोहॉल लगाकर डॉक्टर नसों को साफ करते हैं, जिससे सूई लगाने में आसानी होती है।
  • इसके बाद डॉक्टर आपकी नस में सूई लगाते हैं।
  • सूई से डॉक्टर खून निकालते हैं और फिर उसे एक सिरिंच में डाल देते हैं।
  • फिर बैंड को हटा देते हैं।
  • इसके बाद नसों पर रूई लगाते हैं।
  • फिर एक बैंडेज को चिपका देते हैं।
  • सुई अंदर या बाहर जाने पर आपको थोड़ा सा डंक लग सकता है। इसमें आमतौर पर पांच मिनट से भी कम समय लगता है।
  • ऊपर बताई गई प्रक्रिया जो है ESR test के दौरान की जाती है।
ESR test के लिए क्या तैयारी करनी चाहिए? | How to prepare for ESR test in Hindi :-

वैसे तो दोस्तो ESR test के लिए कोई विशेष तैयारी नहीं होती है, लेकिन अगर आप कुछ दवाओं का सेवन कर रहे हैं,या अन्य एक्टिविटी तो अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें। जैसा की आपको पता है आम तौर पर ESR test के लिए किसी विशेष तैयारी की आवश्यकता नहीं है। यदि आपके डॉक्टर ने और भी ब्लड टेस्ट कराने का आदेश दिया है, तो आपको टेस्ट से पहले कई घंटों तक खाली पेट की आवश्यकता हो सकती है।

आपके डॉक्टर को आपके ESR test की तैयारी के लिए सटीक निर्देश देना चाहिए। आपको कुछ दवाओं को लेना बंद करने के लिए कहा जा सकता है जो परिणामों को प्रभावित कर सकते हैं, इसलिए अपने चिकित्सक को उन सभी दवाओं और पूरक आहारों के बारे में सूचित करें।

ईएसआर टेस्ट किन किन परिस्थितियों में करवाना चाहिए | ESR test कौन सी बीमारी में किया जाता है। ESR test causes in Hindi :–
  • जोड़ों में दर्द (Joint Pain) या जकड़न (Stiffness)।
  • सूजन (swelling)।
  • सिर दर्द (head ache) के साथ-साथ कंधों में दर्द (Pain in Shoulder)।
  • गर्दन में लगातार दर्द रहना।
  • डायरिया (Diarrhea)।
  • बुखार (Fever)।
  • मल में खून आना (Blood Comes in your Stool)।
  • अचानक पेट में दर्द होना आदि।
  • शरीर में संक्रमण (Infection) और सूजन (Swelling) का बढ़ना।
  • हड्डियों में संक्रमण ।
  • शरीर का तापमान बढ़ना।
  • किडनी की बिमारी (Kidney disease)।
  • बेचैनी (Restlessness)।

अतः इन सभी परिस्थिति में या कारणों में आपको ESR test करवाना चाहिए या डॉक्टर आपको रिकमेंड कर सकती है।

ESR test के क्या जोखिम यानी की दुष्प्रभाव होते हैं? | side effects ESR test in Hindi :–

ESR test होने का जोखिम बहुत कम होता है। जहां सुई लगाई गई थी, वहां आपको हल्का दर्द या चोट लग सकती है, लेकिन ज्यादातर लक्षण जल्दी दूर हो जाते हैं। या फिर थोड़ा बहुत कॉमन साइड इफेक्ट्स दिख सकता है जो की निम्न है–

  • अत्याधिक खून बहना
  • बेहोश होना या सिर घूमना
  • हेमाटोमा (त्वचा के अंदर खून जमना)
  • संक्रमण (सुई के छेद में संक्रमण होने के कुछ मामूली जोखिम)
  • दस्त (Diarrhea)
  • कब्ज (constipation)
  • बुखार (Fever)
  • नींद आना (sleeping)
  • चक्कर आना (dizziness)
  • जोड़ो में दर्द (Joint Pain)
  • मत्तली और उल्टी (Nausea Or Vomiting)
  • आक्षेप (Convulsions)
  • भोजन के स्वाद में बदलाव (Altered Sense Of Taste
  • त्वचा का पीला पड़ना (Skin Yellowing)
  • ये सभी ऐसे लक्षण है जो symptoms उत्पन्न होने के बाद तुरंत अपने आप ठीक हो जाता है अगर लक्षण गंभीर दिखे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
ईएसआर रेट बढ़ने से बचने के घरेलू उपाय । Prevent high ESR level in Hindi :–

अपने जीवनशैली और खानपान में बदलाव कर ESR रेट को बढ़ने से रोका जा सकता है, जैसे-

तेल मिर्च मसाले वाले और मीठा आहार न ले – क्येंकि इस तरह के आहार का सेवन करने से कोलेस्ट्रोल बढ़ जाने की संभावना अधिक होती है। जिसके कारण शरीर में सूजन हो जाती है। जो ई.एस.आर के स्तर को बढ़ा सकती है।

हरी पत्तेदार सब्जी, फल खाए और हैल्थी ऑयल्स का सेवन करे जैसे–टमाटर (Tomato), स्ट्राबेरी, ब्लूबेरी, चेरी और संतरे,ओलिव ऑयल (Olive Oil),फैटी फिश

व्यायाम :- ई.एस.आर रेट को कम करने के लिए रोज व्यायाम करना चाहिए ताकि आपके शरीर में ज्यादा से ज्यादा पसीना आ सके। आपको कम से कम 30 मिनट के लिए रोज व्यायाम आदि करना चाहिए। जैसे; टहलना, स्वीमिंग, एरोबिक आदि रोज व्यायाम करने से शरीर की सूजन कम हो जाती है।

योगा :- योग निद्रा भी एक प्रकार का योगा जिसको रोज 30 मिनट करने से ई.एस.आर का रेट कम किया जा सकता है।
सबसे पहले चटाई या गद्दे पर आराम से लेट जाए।Bफिर सांसों को अन्दर और बाहर करें और खासकर इस योगा के दौरान शरीर को हिलाए नहीं।

ESR रेट को कम करने के घरेलू उपाय । Home remedies for high ESR :–

ESR रेट को low करने के लिए लोग जैसा की सबसे पहले हरेक बीमारी में घरेलू नुस्खें आजमाते हैं। तो इसलिए इसमें भी देखते है घरेलू नुस्खों की तो,

  • हल्दी का सेवन करने से :– जैसा की आप सभी को पता है हल्दी में एंटी बायोटिक गुण होते हैं जो ई.एस.आर को कम करने में बहुत ही लाभदायक होती है। 1 छोटा चम्मच हल्दी को 1 गिलास दूध में मिलाकर लेने से हड्डियों के संक्रमण में आराम मिलता है और शरीर में हुई सूजन को भी कम करने का काम करता है।
  • मेथी ईएसआर बढ़ने के इलाज में :– शरीर में  मौजूद किसी भी इन्फेक्शन को हटाने और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए मेथी बहुत उपयोगी है। आप एक छोटा चम्मच मेथी को 1 गिलास पानी में उबाले, जब पानी एक कप जितना हो जाये तो उसे छानकर ठंडा करे और पियें। ऐसा रोजाना 15 दिन तक पिएं, ऐसा करने से शरीर में आई सूजन में आराम मिलता है और इन्फेक्शन भी बहुत जल्दी दूर हो जाता है।
  • नीम ईएसआर को कम करके दिलाये राहत :– एक चम्मच नीम के पत्तों का जूस खाना खाने के बाद लेना चाहिए क्योंकि यह शरीर में मौजूद संक्रमण को खत्म कर शरीर के गंदे खून को साफ करने का काम करती है।

ESR test के लिए कौन सी कंडिशन में डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए?

यदि आपको आपके शरीर में कुछ परिवर्तन दिखाई दे रहे है जिसकी वजह से आपको ज्यादा समस्या आ रही है तो ऐसी स्थिति में समय पर डॉक्टर को दिखा देना चाहिए।

अगर आपके शरीर में दर्द और सूजन ज्यादा है और आपको बुखार एक हफ्ते से ज्यादा हो रहा है तो आपको तुरन्त डॉक्टर से सम्पर्क करना चाहिए।

ईएसआर टेस्ट की कीमत कितनी होगी । How much will the ESR test cost me :–

ईएसआर टेस्ट कीमत 840/ रुपये तक होती है। हालाँकि, आप यह टेस्ट पूरे भारत में 299/- रुपये में विशेष छूट (special discount) के तहत करवा सकते हैं।

Note :– एरिथ्रोसाइट सेडीमेंटशन रेट (ESR) उस  रेट  को बताती है जिस पर आपके  रेड ब्लड सैल्स को कमरे के तापमान पर रखा जाता है। ESR का असामान्य स्तर कुछ चिन्ह हेल्थ डिसऑर्डर्स  का संकेत हो सकता है। अब जब आप जानते हैं कि ESR की रेफरेन्स रेंज क्या है और ईएसआर के असामान्य स्तर क्या संकेत दे सकते हैं, तो आप अपनी टेस्ट  रिपोर्ट का बेहतर अध्ययन और एनालिसिस  कर सकते हैं।

इसे भी पढ़े :-

FAQ : ESR test से जुड़े सवाल जवाब?

Q.) डॉक्टर ईएसआर टेस्ट रिकमेंड कब कर सकते हैं?

Ans :– यदि आपको निम्न में से एक या अधिक लक्षण हैं तो आपका डॉक्टर आपको ईएसआर टेस्ट रेकमेंड  कर सकता है

  • बुखार(Fever)
  • सिरदर्द(headache)
  • खून की कमी(Anemias)
  • भूख में कमी(Loss of appetite)
  • कंधे या गर्दन में दर्द(Shoulder or neck pain)
  • जोड़ो का अकड़ जाना(Joint stiffness)
  • वजन घटना(Weight loss)

Q.) ईएसआर रेट बढ़ने के लक्षण High ESR Symptoms in Hindi :–

Ans :– अचानक पेट में दर्द होना आदि। -शरीर में संक्रमण (Infection) और सूजन (Swelling) का बढ़ना।

Q.) महिलाओं में ईएसआर ज्यादा क्यों होता है?

Ans :– ईएसआर की पैथोलॉजिकल ऊंचाई फाइब्रिनोजेन स्तर की ऊंचाई के कारण हो सकती है। स्वस्थ विषयों में, पुरुषों की तुलना में महिलाओं में एरिथ्रोसाइट अवसादन दर (ईएसआर) अधिक होती है, और दोनों लिंगों में, उम्र के साथ वृद्धि होती है।

निष्कर्ष :– दोस्तो मैं आशा करती हूं की आपको हमारा ESR test in Hindi आर्टिकल पसंद आया होगा। और इससे जुड़ी हरेक जानकारी मिली होगी। जो की आपके काफी काम आ सकती हैं। अगर आपको ऊपर बताए गए कोई लक्षण नजर आते हैं तो आपका डॉक्टर आपको यह जांच कराने की सलाह दे सकता है। ESR test in Hindi से जुड़ी यदि आप अन्य जानकारी चाहते हैं तो आप हमसे कमेंट कर पूछ सकते हैं। या फिर डॉक्टर से सलाह ले सकते है।

Spread the love

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *