कब्ज के कारण, लक्षण, उपचार, परहेज और बचाव? | Constipation meaning in Hindi

Constipation meaning in Hindi । कब्ज के कारण, लक्षण, उपचार, परहेज और बचाव?
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constipation meaning in hindi :–

constipation को हिंदी में कब्ज के नाम से जाना जाता है। यह एक बीमारी है।

कब्ज । constipation :–

वैज्ञानिक के अनुसार प्राचीन समय से ही यह माना गया है कि शरीर में जितने भी रोग होते हैं उन सब की जड़ कब्ज में रहती है वैसे भी पुरानी कब्ज (constipation) रोगियों में प्रायः बाबासीर, फिशर, कमर दर्द, वृषणों में दर्द और पेट में दर्द इत्यादि के लक्षण देखे जाते हैं।

कुछ लोग का यह भी मानना है कि कब्ज की परेशानी झेल रहे लोग में पेट संबंधित परेशानियां भी अधिक देखी जाती है जैसे :– अमाशय अल्सर (पेप्टिक अल्सर) , आमाशय कैंसर , मलाशय कैंसर , गुर्दा द्वार पर घाव बनने की संभावना , और डायबिटीज जैसे रोग भी हो सकता है।

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कब्ज क्या है । what is constipation in hindi :–

कब्ज एक ऐसी समस्या है जिसमें लोग समय पर शौच नही करने से उत्पन होता है। अधिकतर लोग दिन भर (24 घंटा) में केवल एक से दो बार मलत्याग के लिए जाते हैं। कुछ लोग ऐसे भी हैं जो 3 से 4 दिन में एक बार भी नहीं जाते है। उसके बाद भी वह पूर्णतः स्वस्थ रहते हैं। लेकिन 24 घंटा मे एक बार भी शौच नही जाने पर यह समस्या उत्पन्न होती है।

जब किसी व्यक्ति को अत्यंत शुष्क माल कठोर और कठिनाई से कम मात्रा में बहार आये, पेट में मंद मंद दर्द बना रहे, मल त्याग के लिए बार-बार किसी ना किसी दवाई का सहारा लेना पड़े यह सब कब्ज रोग का स्पष्ट लक्षण माना जाता है।

कब्ज क्यों होती है । why is constipation :–

constipation के बारे मे एक स्वास्थ्य विशेषज्ञ ने बताया आंत में फंसा माल तेजी से सड़ता है तो उस कारण वहां अनेक तरह के जीवाणु तेजी से फलते फूलते हैं। और जो जीवाणु पहले से आंत रहता है जो की शरीर में विटामिन और अन्य उपयोगी पदार्थ निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं उसे भी नस्ट कर देती है। और अनेक प्रकार के रसायन पैदा कर देते हैं। यही सभी कारणों से कब्ज रोग होने लगता है।

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कब्ज होने के प्रमुख कारण । main causes of Constipation in Hindi :–

कब्ज होने के निम्न कारण है जैसे:–

  1. आहार में जैसे डिब्बा बंद आहार का अधिक उपयोग करने से तथा प्रोसेस्ड फूड जैसे ब्रेड, बिस्कुट, केक, चॉकलेट, मांस, मछली, अंडे , शराब और पोलिश वाले चावल का सेवन, आहार में मिर्च मसाले तथा वसा का मात्रा अधिक रहना तथा आहार में तरल का अभाव बने रहना आदि कब्ज के प्रमुख कारण है
  2. बार-बार कोई भी दवाइयों का सेवन करना कम शारीरिक परिश्रम करना तथा एक ही स्थान पर लंबे समय तक बैठे रहना आदि भी कब्ज का कारण है।
  3. यह सब के अलावा लंबे समय से मानसिक तनाव, अवसाद आदि में प्रयोग किए जाने वाली दवाइयां के कारण, पाचक रस कम मात्रा में स्रावित होना।और पित्त का कम मात्रा में स्रावित भी कब्ज का कारण है।
  4. तीव्र पसीना, गुर्दा , अधिक मात्रा में शरीक तरल निकलना , पाचक एंजाइम का अभाव और धूम्रपान आदि का सेवन करना भी कब्ज के लिए जिम्मेदार है।
  5. रक्त में कैल्शियम की अधिक मात्रा के कारण उत्पन्न शिथिलता, थायराइड ग्रंथि स्राव में कमी के कारण भी मल शुष्क कठोर होने लगता है यह भी कब्ज का एक प्रमुख कारण है लेकिन इस प्रकार के रोगी बहुत कम देखने को मिलते हैं।
  6. अनेक तरह की दवाई जो विभिन्न रोगों के उपचार में प्रयोग होती है परंतु उनका कुछ साइड इफेक्ट के कारण कब्ज के रूप में सामने आती है।
  7. कब्ज मैदे से बने और तले हुए मिर्च मसालेदार भोजन का सेवन करना से भी होता है।
  8. कम पीना या तरल पदार्थों का सेवन कम करना से भी कब्ज होता है। क्योंकि मल में नमी की मात्रा सुख जाती है।
  9. समय पर भोजन ना करना से भी कब्ज हो सकता है।
  10. रात में देर से भोजन करना और देर रात तक जागे रहने से भी इसका कारण है।

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कब्ज के प्रमुख लक्षण । constipation symptoms in Hindi :–

  1. अध्ययनों से पता चला है कि शहर आबादी में 70–80 फीसदी से ज्यादा वयस्क और ग्रामीण क्षेत्र से 20–25 फीसदी तक वयस्को को दैनिक शौच के लिए दवाई लेनी पड़ती है।
  2. शुरूआत में कब्ज की वजह से सिर्फ पेट खराब रहता है। और भूख घटने लगती है। और आगे चलाकर अन्य परेशनी भी पैदा होती हैं।
  3. कब्ज के कारण कुछ लोगों में मुंह का स्वाद बदलने लगाता है।
  4. शरीर मैं आलसीपन और पेट में भारीपन बना रहता है।
  5. कब्ज के कुछ प्रमुख लक्षण हैं जैसे मुंह में छाले एवं गला व जीव के जोखिम से लेकर खून की कमी, यकृत यानी लीवर संबंधित रोग, बाल झड़ना, आंखों से दिखाई नहीं देना, पित्ताशय में पथरी बनना, हृदय रोग इत्यादि लक्षण दिखाई देते हैं।
  6. कब्ज के कारण बवासीर जैसी समस्या उत्पन्न होती है एवं छाती में जलन भी होती है।
  7. त्वचा संबंधित बीमारियां भी कब्ज के कारण प्राय: देखने को मिलती है जैसे एलर्जी, ल्यूकोडर्मा एक्जिमा आदि।
  8. अधिक समय तक मलबंध की शिकायत रहने पर रोगी मे जी मिचलाने की शिकायत होती है
  9. पेट में दर्द और भारीपन रहना।
  10. पेट में बार बार गैस बनना।
  11. मल को कठोर और सूखा होना।
  12. बिना काम किए ही आलस्य बने रहना।
  13. पिण्डिलियों में दर्द रहना, मुंह से दुर्गन्ध आना।
  14. कब्ज के कारण मुँह में छाले होना भी एक प्रमुख समस्या है।

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कब्ज से बचाव । Prevention of Constipation in Hindi :-

  1. अगर आप कब्ज का बचाव करना चाहते हैं तो निम्न बातों का पालन करना चाहिए:-
  2. सबसे पहले तो अपना दिनचर्या को बना कर उनके अनुसार ही चले।
  3. रेशे से भरपूर भोजन करें
  4. चाय और कॉफी के अत्यधिक सेवन से बचें
  5. पानी और अन्य तरल पदार्थों का सेवन करें जिससे मल नरम रहे।
  6. दूध को पीना कम कर दें, यह भी कब्ज का कारण हो सकता है
  7. अपने दिनचर्या के अनुसार से व्यायाम करें
  8. जब प्रेशर बने तो उसे रोकने के बजाय मल त्याग करें
घरेलू और रामबाण इलाज । constipation treatment at home :–

कब्ज संबंधित घरेलू उपचार के लिए नीचे दिए गए जानकारी को ध्यान से पढ़ें।

  • कब्ज वाले रोगी को सर्वप्रथम मल उत्पत्ति के लिए ऐसा आहार लेना चाहिए जिसमें रेशे की मात्रा भरपूर हो जैसे: हरी साग सब्जी, छिलका सहित फल, अनाज, बिना पॉलिश वाला चावल तथा छिलके वाली दाल इत्यादि।
  • इसके साथ-साथ माल को नरम रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी या अन्य तरल पदार्थ का सेवन करना चाहिए। यह पानी उसे नरम बनाये रखता है।
  • मल त्याग के लिए जितना हो सके (अधिक से अधिक) उतनी समय देनी चाहिए।
  • मल का त्याग समय पर करें नहीं तो गुर्दे के कार्य में बाधा आती है और मल त्याग की प्रवृत्ति गड़बड़ाने लगती है।
  • मांसपेशियों का व्यायाम भी कब्ज रोग के ईलाज में बहुत सहायक होता है।
  • आगे अब हम बात करने वाले है कि कब्ज को दवाई से किस प्रकार से ईलाज किया जाता है।

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कब्ज का उपचार । treatment of constipation in hindi

कब्ज संबंधित दवाई की जानकारी नीच दिए गए हैं।

कब्ज की इलाज मे दो तरह की दवाई का प्रयोग होता है।

  1. Soft laxative drugs
  2. Strong laxative drugs

1.Soft laxative drugs :– ये दवाएं मल के आयतन को बढ़ाती है। इनके दुष्प्रभाव भी कम रहते है। Soft laxative दवाई भी दो प्रकार की होती है :–
A) मल की मात्रा को बढ़ाने वाली दवाएं (bulk forming drugs) :– ये दवाएं मल का आयतन तथा उसके तरल अंश को बढ़ाने का काम करती है इस प्रकार ये दवाएं मल त्याग की तीव्रता को जन्म देती है और कब्ज को ठीक करती है। इस प्रकार की दवाओं के अंतर्गत प्रायः निम्न दवाएं आती है।
• अगर अगर
• मिथाइल सेल्यूलोज
• dietary fibers, psyllium and ispagulla आदि

B) मल को मुलायम बनाने वाली दवाएं (stool softners) :– ये दवाएं सख्त और कठोर मल को तोड़कर मुलायम बनाने का कार्य करती है। इस तरह ये मल त्याग की भावना जगाने का कारण बनती है।

इस समूह के अंतर अधिकतर paraffin liquid, डाई आकटाईल, सोडियम साल्फोरस आदि।

2) strong laxative drugs :– ये दवाएं आंतो को पूरी तरह खाली करने का कार्य करती है। यधपी इनके दीर्घकालीन उपयोग से आंत संस्थान अशक्त हो जाती है। इससे इनके उपयोग से पुनः कब्ज होने की सम्भावना बनी रहती है इसलिए कब्ज उपचार में इस दवाई की जरूरत पड़ती है।

इन दवाओं का प्रयोग प्रायः कृमि संक्रमण और कृमिनाशक दवाई के साथ यकृत शोध युक्त पीलिया और शल्य क्रिया से पहले आंत को खाली करने के इस दवाई का उपयोग किया जाता है। ये दवाएं भी दो तरह को रहती है। यह दवाई ए प्रोग्रेसिव प्रकार की दवाएं कहलाती है। जैसे–

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A)सलाइन प्रोग्रेसिव या ओस्मेटिक पार्गेटिव ड्रग्स :–
इसके अंतर्गत निम्न दवाई आती है,

  • लैक्टोस
  • मैग्नेशियम हाइड्रोक्साइड,
  • मैग्नेशियम कार्बोनेट, सल्फेट।

B) इरिटेंट पार्गेटिव्स :–
ये दवाएं आंत गति को तेज करके मल त्याग की तीव्र भावना को जन्म देती है। इन दवाओं के अंतर्गत निम्न दवाएं आती है।

  • Phenolpthalein
  • bisacodyl and sodium Picosulfate।
  • Senna।
  • castor oil।
  • cascara, Sagrada आदि।

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FAQ : कब्ज (constipation) से जुड़े सवाल जवाब?

Q) पेट में कब्ज होने से कौन सी बीमारी होती है?

Ans:– कब्ज के कारण पाचन क्रिया बिगड़ जाती है। इसके अलावा सिरदर्द होना, गैस बनना, पेट में गैस बनना, भूख कम होना, कमजोरी महसूस होना और जी-मिचलाना आदि समस्याएं उत्पन्न होती हैं। इसी तरह चेहरे पर मुंहासे निकलना, काले दाग उत्पन्न होना, शौच के बाद भी ऐसा महसूस होना कि मानो पेट साफ नहीं हुआ हो।

Q) कब्ज की समस्या से निजात पाने के लिए अपनाएं ये घरेलू उपाय क्या है?

Ans:– अरंडी का तेल और दूध, अदरक की चाय पिएं, अंजीर पानी पिएं, दूध और घी का सेवन करें,

Q) 5 मिनट में पेट साफ कैसे करें?

Ans:– अंजीर का करें सेवन अंजीर कब्ज की समस्या को दूर करने में कारगर है।

सेब का सिरका सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है।

सौंफ और जीरा पाउडर सौंफ और जीरा पाउडर सेवन करने के कई फायदे हैं।

मुलेठी का करें सेवन मुलेठी पाचन शक्ति को ठीक करने के लिए एक प्रभावी आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है।

Q) कब्ज की सबसे अच्छी दवा कौन सी है?

Ans:– डुल्कोलैक्स 10mg टैबलेट, कब्ज के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवा है। यह एक लैक्सेटिव है और बाउल (आंतों) को साफ करने में आपकी मदद करता है।

निष्कर्ष :– तो दोस्तों आज हमने इस पोस्ट में आपको constipation meaning in Hindi से संबंधित सारी जानकारी दी। मैं आशा करता हुआ आपको ये लेख पसंद आया होगा अगर पसंद आया हो तो इसे शेयर करना न भूले।

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