Prolactin Test in Hindi । प्रोलैक्टिन टेस्ट क्या है?, क्यों किया जाता है? और इसका सामान्य स्तर क्या है सम्पूर्ण जानकारी?

Prolactin Test in Hindi । प्रोलैक्टिन टेस्ट क्या है?, क्यों किया जाता है? और इसका सामान्य स्तर क्या है सम्पूर्ण जानकारी?
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Prolactin Test in Hindi। Prolactin Test। Prolactin test meaning in Hindi। Prolactin test के फायदे और नुकसान:–

दोस्तो आज के Prolactin Test in Hindi आर्टिकल में यानि Prolactin Test टेस्ट के बारे में पूरी जानकारी पढेंगे,Prolactin Test in Hindi इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि Prolactin Test क्या होता है? और Prolactin Test क्यों करवाया जाता है। Prolactin Test की तैयारी किस प्रकार करे Prolactin Test में कौन कौन सी टेस्ट होती है, Prolactin Test के फायदे (Benefits of Prolactin Test in Hindi) क्या है आदि इसके बारे में भी पढेंगे।

Prolactin Test के बारें में । About Prolactin Test in Hindi :–

Table of Contents

Prolactin Test एक महत्वपूर्ण हार्मोन है जो किसी व्यक्ति की फर्टिलिटी को निर्धारित करता है। हार्मोन मुख्य रूप से पुरुष और महिला दोनों में बनता है। ब्लड स्ट्रीम में प्रोलैक्टिन का बढ़ा हुआ या कम लेवल एक अंडरलाइंग डिसऑर्डर का संकेत देता है। आम तौर पर, गर्भावस्था और ब्रेस्टफीडिंग के दौरान प्रोलैक्टिन का लेवल बढ़ जाता है और फिर धीरे-धीरे सामान्य सुरक्षित वैल्यू पर वापस आ जाता है। प्रोलैक्टिन टेस्ट खून में प्रोलैक्टिन की मात्रा जानने के लिए किया जाता है। यह हार्मोन पिट्यूटरी ग्रंथि में बनता है, जो मस्तिष्क के ठीक नीचे स्थित होता है। और इसका आकार मटर के दाने के जैसा होता है।

ब्लड में प्रोलैक्टिन हार्मोन की कमी होने से प्रजनन क्षमता कम हो सकती है। डॉक्टर प्रोलैक्टिन टेस्ट तब लिखते हैं जब आपके ब्लड में प्रोलैक्टिन लेवल जानना होता है या फिर प्रजनन से जुड़ी कोई समस्या हो।

मुख्य रूप से जब कोई महिला प्रेग्नेंट होती है या शिशु को जन्म देती है तो उनके खून में प्रोलैक्टिन का स्तर बढ़ जाता है, जिससे उनके स्तन में दूध का विकास होता है। लेकिन अगर कोई महिला गर्भवती नहीं है तो उनके प्रोलैक्टिन स्तर में वृद्धि हो सकती है। यह समस्या पुरुषों के साथ भी देखी जाती है। तो इन सब रीजन को पता करने के लिए डॉक्टर प्रोलेक्टिन टेस्ट लिखते हैं।

दोस्तो हमने प्रोलैक्टिन टेस्ट के बारे में शॉर्ट में जान लिए अब हम जानेंगे कि यह टेस्ट क्यों होता है यह टेस्ट क्या इसका परिणाम क्या हो सकता आदि के बारे में तो बने रहे इस आर्टिकल के साथ।

Prolactin Test क्या होता है? |  What is Prolactin Test in Hindi :-

प्रोलैक्टिन एक महत्वपूर्ण हार्मोन है जो किसी व्यक्ति की फर्टिलिटी को निर्धारित करता है। हार्मोन मुख्य रूप से पुरुष और महिला दोनों में बनता है। ब्लड स्ट्रीम में प्रोलैक्टिन का बढ़ा हुआ या कम लेवल एक अंडरलाइंग डिसऑर्डर का संकेत देता है। आम तौर पर, गर्भावस्था और ब्रेस्टफीडिंग के दौरान प्रोलैक्टिन का लेवल बढ़ जाता है और फिर धीरे-धीरे सामान्य सुरक्षित वैल्यू पर वापस आ जाता है।

मेनली ब्लड में प्रोलैक्टिन के स्तर को निर्धारित करने के लिए प्रोलैक्टिन टेस्ट (Prolactin Test) किया जाता है। मस्तिष्क के आधार पर एक मटर दाने के समान ग्लैंड (ग्रंथि) उपस्थित होता है, जिसका नाम पिट्यूटरी ग्रंथि (pituitary gland) होती है और यह ग्लैंड prolactine हार्मोन निर्मित करता है, जो की यह हार्मोन मेटाबोलिज्म, विकास और यौन विकास में मदद करता है। मुख्य रूप से प्रोलैक्टिन गर्भावस्था के दौरान दूध उत्पादन को उत्तेजित करता है, और स्तनपान के दौरान दूध को पूर्ति को बनाए रखने में मदद करता है जैसे की जब बच्चा मां के स्तनों को चूसता है, तो अधिक दूध पैदा करने के लिए पिट्यूटरी ग्रंथि को संकेत भेजे जाते हैं। जिससे दूध प्रोड्यूस होने लगती है जैसे ही यदि महिला बच्चे को स्तनपान नहीं कराती है, तो प्रोलैक्टिन का स्तर सामान्य हो जाता है और दूध प्रोड्यूस होना बंद हो जाता है। गैर-गर्भवती महिलाओं में, प्रोलैक्टिन मासिक धर्म चक्र को बनाए रखने में मदद करता है। और प्रोलैक्टिन पुरुषों में शुक्राणु उत्पादन से जुड़ा होता है।

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प्रोलैक्टिन टेस्ट के लिए नॉर्मल रेंज क्या होता है । Normal values prolactine test in Hindi :-

  • पुरुष में प्रोलैक्टिन टेस्ट का नॉर्मल रेंज :– 2 से 18 नैनोग्राम प्रति मिलीलीटर (एनजी/एमएल)
  • गैर-गर्भवती महिला में प्रोलैक्टिन टेस्ट का नॉर्मल रेंज :– 2 से 29 एनजी/एमएल।
  • गर्भवती महिला में प्रोलैक्टिन टेस्ट का नॉर्मल रेंज :– 10 से 209 एनजी/एमएल।

सामान्य से अधिक प्रोलैक्टिन का उच्च स्तर क्या दर्शाता है । What do high levels of Prolactin indicate in Hindi :-

सामान्य से अधिक प्रोलैक्टिन का स्तर (high level of prolactin in women) हमेशा स्वास्थ्य की स्थिति का संकेत नहीं देता है। कुछ मामलों में, खाने के बाद या परीक्षण के समय तनाव के कारण प्रोलैक्टिन का स्तर बढ़ सकता है। (prolactine test in Hindi)

महिलाओं में प्रोलैक्टिन का उच्च स्तर अंडाशय में एस्ट्रोजन उत्पादन को कम कर सकता है।

प्रोलैक्टिन का निम्न स्तर क्या दर्शाता है । What do low levels of Prolactin indicate in Hindi :-

  • महिलाओं में कम प्रोलैक्टिन का स्तर (low level of prolactin in women) अनियमित पीरियड्स का कारण बन सकता है या पीरियड्स को पूरी तरह से रुक सकता है और यौन इच्छा को कम कर सकता है, जिससे योनि में सूखापन हो सकता है। हालांकि, यदि प्रोलैक्टिन का मान सामान्य से लगभग 1000 गुना अधिक है,(prolactine test in Hindi) तो यह प्रोलैक्टिनोमा (prolactinoma) का संकेत हो सकता है, और निदान की पुष्टि के लिए अतिरिक्त परीक्षणों की आवश्यकता होती है।
  • प्रोलैक्टिन का निम्न स्तर डोपामाइन (dopamine), लेवोडोपा (levodopa) या एर्गोट डेरिवेटिव (ergot derivatives) के कारण हो सकता है और आमतौर पर उपचार की आवश्यकता नहीं होती है।
  • प्रोलैक्टिन टेस्ट (Prolactin Test) क्यों किया जाता है प्रोलैक्टिन टेस्ट कब जरूरी है यानी प्रोलैक्टिन टेस्ट कब यानी किस परिस्थिति में करवाना चाहिए।
  • निम्नलिखित लक्षणों के होने पर डॉक्टर प्रोलैक्टिन टेस्ट की ऑर्डर कर सकते हैः

महिलाओं के लिए निम्न लक्षण होने पर डॉक्टर प्रोलैक्टिन टेस्ट लिखते है :–

  • अनियमित मासिकधर्म
  • पीरियड्स नहीं होना
  • बांझपन
  • बिना प्रेग्नेंसी या नर्सिंग के स्तनों में दूध आना
  • स्तनों का अत्यधिक कोमल होना
  • योनि का सूखापन
  • प्रोलैक्टिनोमा नामक पिट्यूटरी ग्रंथि की वृद्धि के लक्षण नजर आने पर किसी पिट्यूटरी डिसऑर्डर के चलते।
  • सिरदर्द
  • नजरों की समस्या

पुरुषों के लिए लक्षण होने पर डॉक्टर प्रोलैक्टिन टेस्ट लिखते है :–

  • सेक्स की इच्छा में कमी
  • इरेक्शन होने में कठिनाई
  • स्तन की कोमलता या वृद्धि
  • स्तन में दूध आना
  • सिरदर्द
  • नजरों की समस्या
  • यदि आप लंबे समय से उपरोक्त लक्षणों में से किसी एक का अनुभव कर रहे हैं, तो हमेशा सलाह दी जाती है कि पूरी तरह से मेडिकल एग्जामिनेशन के लिए डॉक्टर से परामर्श लें और स्थिति के पीछे के कारण का पता लगाएं।

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प्रोलैक्टिन टेस्ट की आवश्यकता कब है? | When do need a Prolactin Test :-

  • डॉक्टर इस टेस्ट के लिए सबसे अधिक सलाह देगा जब:
  • पिट्यूटरी ग्लैंड में ट्यूमर का डायग्नोसिस किया गया हो, जिसे प्रोलैक्टिनोमा(prolactinoma) भी कहा जाता है।
  • इर्रेगुलर मेंस्ट्रुअल साइकल्स के पीछे के कारण जानने के लिए ।
  • पुरुषों में इरेक्टाइल डिसफंक्शन के पीछे कारण जानने के लिए ।
  • इसके अलावा, कुछ संकेत और लक्षण जो प्रोलैक्टिन टेस्ट का सुझाव देते हैं, उनमें शामिल हैं:
  • गंभीर सिरदर्द(Severe headaches)
  • अचानक निप्पल डिस्चार्ज(Sudden nipple discharge)
  • धुंधली दृष्टि(Blurred vision)
  • ब्रैस्ट से मिल्क प्रोडक्शन होना (गर्भवती या ब्रेस्टफीडिंग के बिना)

प्रोलैक्टिन टेस्ट की तैयारी कैसे करना चाहिए? | How do prepare for the Prolactin Test :-

  • प्रोलैक्टिन के लेवल को नियमित ब्लड टेस्ट से मापा जाता है। डॉक्टर टेस्ट से लगभग 30 मिनट पहले शांत रहने और आराम करने की सलाह देगा। शरीर पर तनाव और परिश्रम प्रोलैक्टिन के लेवल को बढ़ा सकता है और टेस्ट के परिणामों को बदल सकता है।
  • आपको टेस्ट से पहले 8 घंटे फ़ास्ट करने के लिए कहा जाएगा और परिणामों को खराब करने के रिस्क से बचने के लिए निपल्स को स्टिमुलेट करने से भी बचें।
  • इसके अलावा, प्रोलैक्टिन का लेवल पूरे दिन स्थिर नहीं रहता है। यह आमतौर पर रात में बढ़ता है और सुबह के समय अपने चरम पर होता है। इसलिए, आपको सुबह उठने के लगभग 3 घंटे बाद अपने ब्लड का सैंपल देने के लिए कहा जाएगा।
  • आपके डॉक्टर को आपके प्रोलैक्टिन test की तैयारी के लिए सटीक निर्देश देना चाहिए। आपको कुछ दवाओं को लेना बंद करने के लिए कहा जा सकता है जो परिणामों को प्रभावित कर सकते हैं, इसलिए अपने चिकित्सक को उन सभी दवाओं और पूरक आहारों के बारे में सूचित करें।
  • आपके हाथ की नस से ब्लड का सैंपल लिया जाता है, फिर आगे के इवैल्यूएशन के लिए भेजा जाता है।

प्रोलैक्टिन टेस्ट कैसे किया जाता है? | How is a prolactin test done in Hindi :-

  • हाथ की नस से ब्लड का नमूना लिया जाता है। नेचुरल प्रोलैक्टिन का स्तर पूरे दिन बदलता रहता है।ब्लड खींचते समय सुई लगाने के कारण व्यक्तियों को हल्का दर्द हो सकता है।हल्की चोट लग सकती है, जो जल्दी ठीक हो जाती है।
  • प्रोलैक्टिन का स्तर रात में धीरे-धीरे बढ़ता है, और सुबह उच्चतम होता है. डॉक्टर आमतौर पर व्यक्ति के जागने के 3-4 घंटे बाद सैंपल लेने की सलाह देते हैं।
प्रोलैक्टिन टेस्ट के दौरान क्या होता है? | What happens during prolactin test in Hindi :-

prolactin test के दौरान, डॉक्टर द्वारा सबसे पहले आपके ब्लड का सैंपल (Blood sample) लिया जाता हैं। जिसके लिए आइए देखते है क्या क्या करना होता है–

  • दोस्तो सबसे पहले बॉडी से ब्लड निकालने के लिए ब्लड फ्लो (Blood flow) को रोकने के लिए सबसे पहले हाथ में बैंड लगाया जाता है, जिससे नसें साफ-साफ दिखाई देने लगती हैं।
  • उसके बाद रूई में एल्कोहॉल लगाकर डॉक्टर नसों को साफ करते हैं, जिससे सूई लगाने में आसानी होती है।
  • इसके बाद डॉक्टर आपकी नस में सूई लगाते हैं।
  • सूई से डॉक्टर खून निकालते हैं और फिर उसे एक सिरिंच में डाल देते हैं।
  • फिर बैंड को हटा देते हैं।
  • इसके बाद नसों पर रूई लगाते हैं।
  • फिर एक बैंडेज को चिपका देते हैं।
  • सुई अंदर या बाहर जाने पर आपको थोड़ा सा डंक लग सकता है। इसमें आमतौर पर पांच मिनट से भी कम समय लगता है।
  • ऊपर बताई गई प्रक्रिया जो है prolactin test के दौरान की जाती है।

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Prolactin टेस्ट के परिणाम का क्या मतलब होता है । What do the results of Prolactin Test mean in Hindi :–

Prolactin टेस्ट के रिजल्ट का क्या मतलब होता है?

  • प्रोलैक्टिन टेस्ट के परिणामों को कैसे समझूं?(How do I interpret the Prolactin Test Results?)
  • महिलाओं और पुरुषों में नार्मल प्रोलैक्टिन रेंज क्रमशः 17 ng/ml से कम और 25 ng/ml से कम है।
  • तो, उपरोक्त वैल्यू से बड़ा हुआ कुछ भी ब्लडस्ट्रीम में हार्मोन के बड़े हुए और असामान्य लेवल को इंडिकेटेड करता है।
  • दूसरी ओर, प्रोलैक्टिन के बेहद निचले लेवल, जिसे हाइपोप्रोलैक्टिनीमिया(Hypoprolactinemia) भी कहा जाता है, बहुत दुर्लभ (rare)हैं। तो, प्रोलैक्टिन के लेवल की असामान्यताएं ब्लडस्ट्रीम में इसके ऊंचे लेवल से जुड़ी होती हैं।
  • आम तौर पर, 50-100 ng/ml के बीच की सीमा को मध्यम उच्च (moderately high)माना जाता है, और 200 ng/ml से ऊपर की सीमा को अत्यधिक उच्च ( extremely high)माना जाता है।
  • यदि लेवल 50,000 ng/ml है, तो यह पिट्यूटरी ग्लैंड में एक ट्यूमर का इंडिकेशन देता है जिसे इमीडियेट इंटरवेंशन ( immediate intervention) की आवश्यकता होती है।
  • पिट्यूटरी ग्लैंड के प्रोब्लम के अलावा, ब्लड में प्रोलैक्टिन का एक उच्च लेवल। (prolactine test in Hindi)
  • हाइपोथायरायडिज्म(hypothyroidism), लिवर की बीमारी या हाइपोथैलेमिक फंक्शन्स के साथ समस्याओं की संभावनाओं को भी इंडीकेट कर सकता है।
प्रोलैक्टिन टेस्ट (प्रोलैक्टिन की जांच) के क्या जोखिम यानी की दुष्प्रभाव होते हैं? | side effects Prolactin test in Hindi :–

Prolactin टेस्ट होने का जोखिम बहुत कम होता है। जहां सुई लगाई गई थी, वहां आपको हल्का दर्द या चोट लग सकती है, लेकिन ज्यादातर लक्षण जल्दी दूर हो जाते हैं। या फिर थोड़ा बहुत कॉमन साइड इफेक्ट्स दिख सकता है जो की निम्न है–

  • अत्याधिक खून बहना,
  • बेहोश होना या सिर घूमना,
  • हेमाटोमा (त्वचा के अंदर खून जमना),
  • संक्रमण (सुई के छेद में संक्रमण होने के कुछ मामूली जोखिम)
  • दस्त (Diarrhea)
  • कब्ज (constipation)
  • बुखार (Fever)
  • नींद आना (sleeping)
  • चक्कर आना (dizziness)
  • जोड़ो में दर्द (Joint Pain)
  • मत्तली और उल्टी (Nausea Or Vomiting)
  • आक्षेप (Convulsions)
  • भोजन के स्वाद में बदलाव (Altered Sense Of Taste
  • त्वचा का पीला पड़ना (Skin Yellowing)
  • ये सभी ऐसे लक्षण है जो symptoms उत्पन्न होने के बाद तुरंत अपने आप ठीक हो जाता है अगर लक्षण गंभीर दिखे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

Prolactin टेस्ट करवाने का कितना खर्चा लगता है? | Prolactin test price in Hindi :–

Prolactin टेस्ट करवाने के लिए आपको बहुत अधिक पैसे खर्च करने की आवश्यकता नहीं है। आमतौर पर इसकी कीमत 250 रुपये से लेकर 1000 रुपये के बीच भारत में होती है। वैसे हरेक जगह पर अलग अलग कीमत होती है।

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FAQ : प्रोलैक्टिन टेस्ट (prolactine test) से जुड़ी सवाल जवाब

Q) प्रोलैक्टिन टेस्ट और सीरम प्रोलैक्टिन टेस्ट में क्या अंतर है?
Ans :- सीरम प्रोलैक्टिन टेस्ट, प्रोलैक्टिन टेस्ट दोनो एक ही है। (prolactine test in Hindi)

Q) सीरम प्रोलैक्टिन टेस्ट क्या है?
Ans :- सीरम प्रोलैक्टिन टेस्ट, प्रोलैक्टिन टेस्ट ही है। (prolactine test in Hindi)

निष्कर्ष :– दोस्तो आशा करती हूं की आपको हमारा prolactin test in Hindi आर्टिकल पसंद आया होगा। और इससे जुड़ी हरेक जानकारी मिली होगी। जो की आपके काफी काम आ सकती हैं। अगर आपको ऊपर बताए गए कोई लक्षण नजर आते हैं तो आपका डॉक्टर आपको यह जांच कराने की सलाह दे सकता है। prolactin test in Hindi से जुड़ी यदि आप अन्य जानकारी चाहते हैं तो आप हमसे कमेंट कर पूछ सकते हैं। या फिर डॉक्टर से सलाह ले सकते है।

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