Dysfunctional Uterine Bleeding का कारण, लक्षण और इलाज क्या हो सकती है असामान्य ब्लीडिंग की समस्या?

Dysfunctional Uterine Bleeding का कारण, लक्षण और इलाज क्या हो सकती है असामान्य ब्लीडिंग की समस्या?
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Dysfunctional Uterine Bleeding in Hindi। Dysfunctional Uterine Bleeding meaning in Hindi :–

हेलो! दोस्तो आज के Dysfunctional Uterine Bleeding in Hindi के आर्टिकल में Dysfunctional Uterine Bleeding के बारे में पूरी जानकारी पढेंगे,Dysfunctional Uterine Bleeding के इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि Dysfunctional Uterine Bleeding का क्या नुकसान होता है? Dysfunctional Uterine Bleeding क्या है । Dysfunctional Uterine Bleeding के होने से और कौन कौन सी बीमारी हो सकती है, साथ ही Dysfunctional Uterine Bleeding होने के कारण,प्रकार, लक्षण, बचाव साथ ही Dysfunctional Uterine Bleeding के बेस्ट मेडिसिन और घरेलू इलाज आदि के बारे में जानेंगे।

Dysfunctional Uterine Bleeding in Hindi । Dysfunctional Uterine Bleeding के बारे में जानकारी :–

Table of Contents

मह‍िलाओं में ऐसे कई शारीर‍िक समस्‍याएं ऐसी होती हैं, ज‍िनका समय पर इलाज न किया जाए, तो आगे चलकर गंभीर बीमारियों या स्वास्थ्य समस्याओं का रूप ले लेती हैं। ऐसी ही एक समस्‍या है अक्रियाशील गर्भाशय रक्तस्राव ज‍िसे हम डिसफंक्शनल यूटेरिन ब्लीडिंग (Dysfunctional Uterine Bleeding) के नाम से भी जानते हैं।

इस ड‍िसऑर्डर में इरेगुलर ब्‍लीड‍िंग होती है। मह‍िलाओं में सामान्‍य मास‍िक धर्म चक्र 21 से 36 द‍िनों का होता है। अक्रियाशील गर्भाशय रक्तस्राव यानी D U B होने पर ब्‍लीड‍िंग 21 द‍िनों से कम या 36 द‍िनों से ज्‍यादा हो सकती है। इस ड‍िसऑर्डर के कारण एनीम‍िया की समस्‍या भी हो सकती है इसल‍िए समय पर इलाज करवाएं।

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डिसफंक्शनल यूटेरिन ब्लीडिंग क्या होता है। डिसफंक्शनल यूटेरिन ब्लीडिंग परिभाषा । What is Dysfunctional Uterine Bleeding in Hindi। Definition Dysfunctional Uterine Bleeding :–

Dysfunctional Uterine Bleeding को अक्र‍ियाशील गर्भाशय रक्तस्राव के नाम से जाना जाता है। डिसफंक्शनल यूटेरिन ब्लीडिंग को आप हार्मोन्‍स में होने वाला एक असंतुलन भी कह सकते हैं। ये एक तरह का ड‍िसऑर्डर है, ज‍िसमें यूटरेस से अन‍ियम‍ित ब्‍लीड‍िंंग की समस्‍या होती है। ज‍िन मह‍िलाओं को डिसफंक्शनल यूटेरिन ब्लीडिंग होती है, उनके मास‍िक धर्म चक्र में अनियमितता नजर आने लगती हैं। इस ड‍िसऑर्डर के कारण ब्‍लीड‍िंग बहुत कम या ज्‍यादा होने लगती है।

इस रोग में कोई स्थानीय कारण अथवा सार्वदेहिक कारण अथवा अंतः स्त्रावी विकृति नहीं मिलती है, किंतु मासिक धर्म के समय रक्त स्राव काफी अधिक मात्रा में होती है। यदि इस रोग को जांच की जाए तो उसके बच्चेदानी तथा palvic appendages सभी नॉर्मल पाए जाते है। यह D.U.B (Dysfunctional Uterine Bleeding) की स्थिति कहलाती है। इसमें ब्लीडिंग का स्वरूप कई प्रकार का मिलता है, जैसे :– Amenorrhea, रक्त प्रदर, Polymenorrhagia  प्रकार का हो सकता है। कभी कभी ऐसा होता है की पिछले रोगी को Amenorrhea की कंडिशन रहती है। और एकाएक मेनोरेजिया की निरंतर रहने वाली स्थिती हो जाती है।

Dysfunctional Uterine Bleeding के कारण । Dysfunctional Uterine Bleeding causes in Hindi :–

अक्रियाशील गर्भाशय रक्तस्राव (Dysfunctional uterine bleeding) होने के कारण निम्न हो सकते हैं;

  • बर्थ कंट्रोल पिल्स और दूसरी दवाएं लेना।
  • बहुत तेजी से वजन घटना या बढ़ना।
  • मानसिक या शारीरिक तनाव।
  • अंतर्गर्भाशयी डिवाइस (IUD)।

असामान्य ब्लीडिंग के अन्य कारणों में :–

  • यूटेरस में प्रॉब्लम भी हैं। कई महिलाओं को फाइब्रॉइड हो जाती हैं, ये नॉन-कैंसर ट्यूमर होती हैं जो यूटेरस में या यूटेरस की दीवारों की मसल्स में बढ़ती हैं। पॉलिप भी इसी तरह यूटेरस में बढ़ जाता है, जो यूटेरस की लाइन में अपनी जगह बनाता जाता है।
  • इसके अलावा एडिनोमायोसिस (Adenomyosis) ऐसी स्थिति है, जिसमें कोशिकाएं यूटेरस की लाइन में बढ़ने वाली कोशिकाओं के जैसी होती हैं और यूटेरस की मसल्स के हिस्से में ही विकसित होती हैं।
  • Ovarinan dysfunction नामक अवस्था के कारण ( हार्मोनल असंतुलन ) यह प्रग्नेंसी की क्रिया में हुए विकार से उत्पन्न ब्लीडिंग रोग है।

Dysfunctional Uterine Bleeding के प्रकार । Types of Dysfunctional Uterine Bleeding in Hindi :–

Dysfunctional Uterine Bleeding तीन types की होती है जो की निम्न है :-

  1. रोगी को मासिक चक्र अपने नियत समय पर ही आता है लेकिन आने वाला स्राव की मात्रा अधिक होती है। यह प्रायः 30 वर्ष से आधी आयु वाली महिलाओं में मिलता है, जिनके कई बच्चे हो चुके होते हैं।
  2. मासिक चक्र सामान्य होता है लेकिन मासिक चक्र का समय काम हो जाने से रोगी को मासिक धर्म जल्द जल्द आने लगता है।
  3. मासिक स्राव काफी लंबे समय तक रहता है, इसलिए रोगी को लगता है मासिक धर्म समाप्त होते ही पुनः आरंभ हो गया है।

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Dysfunctional Uterine Bleeding के लक्षण । Dysfunctional Uterine Bleeding symptoms in Hindi :–

  • शरीर के किसी भी भाग में बाहरी विकृति कोई नहीं।
  • मासिक स्राव ठीक 4 सप्ताह के बाद, तुरंत ब्लड की मात्रा अधिक।
  • पीर‍ियड्स के दौरान हैवी ब्‍लीड‍िंग होना।
  • 7 द‍िनों से ज्‍यादा ब्‍लीड‍िंग होना।
  • 21 द‍िनों से पहले ब्‍लीड‍िंग होना।
  • ब्‍लीड‍िंग में खून के थक्‍के होना।
  • पेल्विक एरिया में सूजन, दर्द या दबाव महसूस होना।
  • चक्‍कर आना या लो बीपी की समस्‍या।
  • हार्ट रेट बढ़ना।
  • कमजोरी या तेज दर्द महसूस होना।
  • ऐसा ब्लीडिंग यौवन आरंभ एवं राजोनावर्ती के समय अधिक।
  • मनोरेजिया के समय ब्लीडिंग की मात्रा बहुत अधिक, but किसी भी प्रकार के कोई विकृति नहीं। ( जबकि अत्यावर्त रोग से पीड़ित रोगी के शरीर में कही न कही कोई विकृति जरूर मिलती है।

अन्य सामान्य लक्षण जो अक्रियाशील गर्भाशय रक्तस्राव (Dysfunctional Uterine bleeding) में दिखाई दे सकते हैं :-

  • सूजन।
  • पैल्विक दर्द या दबाव।

यदि नीचे दिए गए लक्षण अनुभव हो तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें :-

  • चक्कर आना।
  • बेहोशी।
  • कमजोरी।
  • लो ब्लड प्रेशर।
  • हार्ट रेट का बढ़ना।
  • पीली स्किन।
  • दर्द।
  • खून के बड़े थक्के आना।
  • हर घंटे एक पैड का इस्तेमाल करना।
  • मानसिक एवं भावनात्मक अस्त व्यस्तता का होना।

Dysfunctional Uterine Bleeding के निदान । Dysfunctional Uterine Bleeding diagnosis in Hindi :–

इसकी जांच करने के लिए डॉक्टर आपकी मेडिकल हिस्ट्री के बारे में पूछ सकते हैं। इससे प्रजनन से जुड़े डिसऑर्डर का पता लगाने में मदद मिलती हैं जैसे कि पीसीओएस (Polycystic ovary syndrome) औ एंडोमेट्रियोसिस।

1.अल्ट्रासाउंड (Ultrasound)

डॉक्टर reproductive organ को देखने के बाद अल्ट्रासाउंड करने का कह सकते हैं। इस टेस्ट से पॉलिप्स और फाइब्रॉइड की ग्रोथ की जानकारी मिलती है।

2.ब्लड टेस्ट (Blood test)

ब्लड टेस्ट के जरिए हार्मोन का स्तर और कंपलीट ब्लड काउंट का पता लगाया जाता है। लाल रक्त कणिकाएं कम होने पर एनीमिया हो सकता है।

3.एंडोमेट्रियल बायोप्सी (Endometrial biopsy)

अगर यूटेरस से ब्लीडिंग का कारण किसी तरह की एब्नॉर्मल ग्रोथ है या यूटेरस लाइन मोटी है तो डॉक्टर टेस्ट के लिए यूटेरस का टिश्यू लेकर जांच कर सकते हैं। अथवा,

  • रोगी से ब्लीडिंग की मात्रा, प्रकृति, समय तथा इसके चक्र के संबंध में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करें।
  • रोगी का पूर्ण परीक्षण करें। हालांकि रोगी के शरीर की किसी भी भाग में कोई विकृति नहीं पाई जाती है।
  • ऐसा ब्लीडिंग यौवन आरंभ वा राजोनिवर्ती के समय अधिक होता है।
  • रोगी की पूर्ण रक्त जांच कराए।
  • डायग्नोस्टिक क्यूरेटाज से निदान संभव है।

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Dysfunctional Uterine Bleeding की उपचार रोकथाम । Dysfunctional Uterine Bleeding best medicine and treatment in Hindi :–

चिकित्सा दो रूप में की जाती है और दोनो ही आवश्यक है–

1.) दवाइयों के जरिए अक्रियाशील गर्भाशय रक्तस्राव का इलाज :–

हार्मोन थैरेपी :- डॉक्टर इसमें बर्थ कंट्रोल पिल्स और हार्मोन ट्रीटमेंट दे सकते हैं।

रिलीजिंग हार्मोन एगोनिस्ट (GnRHa) :- इस थेरेपी के जरिए कुछ खास हार्मोन के बनने को रोका जाता है, जिससे फाइब्रॉइड का साइज सिकुड़ जाता है और फाइब्रॉइड के कारण होने वाली ब्लीडिंग में राहत मिलती हैं।

NSAIDS :- इसमें आइबुप्रोफेन या नेप्रोक्सन जैसी एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाई दी जाती हैं जो ब्लीडिंग को रोकने में मदद कर सकती हैं।

ट्रानेक्सामिक एसिड (Tranexamic acid) :- इस दवाई के जरिए हैवी ब्लीडिंग को कंट्रोल किया जाता है, इस मेडिसिन से ब्लड क्लॉट भी कम होने में मदद मिलती है। कुछ महिलाओं के इलाज के लिए आईयूडी का इस्तेमाल किया जाता हैं। आईयूडी प्रोजेस्टिन हार्मोन जारी करता है जो हैवी ब्लीडिंग को रोकने में मदद करता है।

A) पूर्ण चिकित्सा :–

  • रोगी को पूर्ण विश्राम, संतावना, शामक ओषधि व्यवस्था करे। रक्तल्पता यानी एनीमिया की चिकित्सा करे नीचे लिखी मेडिसिन में से कोई सी एक गोली सिरप दे–
  • Haemup liquid, इसका निर्माता: कैडिला। 1–2 चम्मच दिन में दो बार सुबह शाम भोजन से पहले।
  • Globifex syrup, निर्माता – मैप्रा लैब । 1–2 चम्मच दिन में दो बार सुबह शाम भोजन से पहले या बाद।
  • Hemfast कैप्सूल, निर्माता – मैप्रा लैब । 1–1 कैप्सूल दिन में दो बार सुबह शाम भोजन के बाद।
  • Globac कैप्सूल/लिक्विड निर्माता– कैडिला
  • एच बी रिच kit वा लिक्विड, निर्माता वाकहर्टस/ मैरिंड। एक दो चम्मच दवा दिन में दो बार सुबह शाम भोजन से पहले सेवन कराएं। रोगी को अगर मुख द्वारा दवा लेने पर आराम न हो तो इंजेक्शन दे।
  • इंजेक्शन jectofer plus, निर्माता ब्रिटिश ड्रग हाउस। 1–2 मिलिलिटर का इंजेक्शन प्रतिदिन अथवा एक दिन का बीच में छोड़कर मांसअंतर्गत दे।

B) हार्मोन चिकित्सा :–

  • टेबलेट lynoral, निर्माता– इंफार। 0.05 mg दिन में तीन बार ब्लीडिंग नही रुकने तक, उसके बाद 0.25 mg मात्रा की एक गोली 21 दिनों तक। आटिवार के 10 दिनों में टेबलेट primolut N, निर्माता– जर्मन
  • रेमेडीज। 10 mg की एक टेबलेट भी दे।
  • यह चिकित्सा अवशयक्तानुसार 3 से 6 माह तक दे।
  • टेबलेट primolut N 5 mg की टेबलेट एक दिन में दो से तीन बार। दो दिन के बाद 5 mg की एक एक टेबलेट प्रतिदिन 21 दिनों तक। दूसरा कोर्स 5 mg की एक गोली मासिक के 5 वें दिन से शुरू करके 20 दिनों तक दे। इस चिकित्सा को आवश्यकतानुसार 3 से 6 माह तक दे।

2.) सर्जरी के जरिए अक्रियाशील गर्भाशय रक्तस्राव का इलाज :-
कभी-कभी ब्लीडिंग को रोकने के लिए दवाई के बजाय सर्जरी के जरिए भी इलाज करना पड़ता है:

एंडोमेट्रियल एब्लेशन (Endometrial ablation) :- इसमें यूटेरस लाइन को खत्म करने के लिए लेजर का इस्तेमाल करते है। ऐसा करने से पीरियड्स होना बंद हो जाते है इसके साथ ही भविष्य में प्रेग्नेंसी भी नही होती है। कुछ खास ही केस में इस तरीके से इलाज किया जाता है। जो महिलाएं भविष्य में बच्चे चाहती हैं, उनके लिए किसी दूसरे विकल्प के जरिए इलाज किया जाता है।

मायोमेक्टॉमी (Myomectomy):- फाइब्रॉइड के कारण अगर अक्रियाशील गर्भाशय रक्तस्राव हो रहा है तो डॉक्टर मायोमेक्टॉमी सर्जरी की भी सलाह दे सकते हैं, इसमें डॉक्टर उन वेसल्स को काट देते हैं, जो फाइब्रॉइड को ब्लड सप्लाय करती हैं। इससे प्रेग्नेंसी में दिक्कत नहीं आती।

हिस्टेरेक्टॉमी (Hysterectomy ):- इस सर्जरी में यूटेरस को सर्जरी के जरिए बाहर निकाल दिया जाता है। डॉक्टर यह सर्जरी तब ही करते हैं जब फाइब्रॉइड बहुत बड़ी हो या एंडोमेट्रियल या यूटेरस का कैंसर है।

Dysfunctional Uterine Bleeding इलाज कैसे किया जाता है ?
  • अक्रियाशील गर्भाशय रक्तस्राव का इलाज उसके कारण पर निर्भर करता है। किसी ब्लड डिसऑर्डर के कारण अक्रियाशील गर्भाशय रक्तस्राव (dysfunctional uterine bleeding) की समस्या है तो इलाज मुमकिन है। इलाज के समय बच्चों की प्लानिंग है या नहीं इस पहलु पर भी गौर किया जाता है। इस कारण भी इलाज के तरीके को बदल दिया जाता है। इन निम्न तरीकों से अक्रियाशील गर्भाशय रक्तस्त्राव का इलाज किया जाता है।
Dysfunctional Uterine Bleeding उपचार के बाद दिशानिर्देश (guidelines) क्या हैं?
  • एक महिला आमतौर पर एक हफ्ते के भीतर एंडोमेट्रियल ablation के प्रभाव से ठीक हो जाती। वैसे डॉक्टर उसे किसी भी कठोर गतिविधियों (strenuous activities) से बचने की सलाह दे सकता है। वह सेक्स होने और उस समय के लिए सैनिटरी नैपकिन (sanitary napkins) का उपयोग बंद करवा देगी।
  • एक व्यक्ति को हिस्टरेक्टॉमी (hysterectomy) से ठीक होने के लिए कम से कम 4-6 सप्ताह की आवश्यकता होती है। इस मामले में भी, व्यक्ति को सलाह दी जाती है कि वह किसी भी जबरदस्त गतिविधियों (strenuous activities) में शामिल न हो और किसी भी भार को उठाने से बचे।
  • असामान्य गर्भाशय रक्तस्राव (abnormal uterine bleeding) के लिए किए गए किसी भी प्रकार के उपचार के लिए डॉक्टर के अनुशंसित दिशानिर्देशों (guidelines) का अनुपालन करना जरूरी होता है।
Dysfunctional Uterine Bleeding ठीक होने में कितना समय लगता है?

एक महिला को हिस्टरेक्टॉमी (hysterectomy) के बाद अपनी सामान्य गतिविधियों (normal activities) के साथ फिर से शुरू करने में लगभग 4-6 सप्ताह लगते हैं।

एंडोमेट्रियल ablation (endometrial ablation) से गुज़रने वाले व्यक्ति को ठीक होने में एक सप्ताह लगेंगे। अगर व्यक्ति को फैलाव और इलाज के उपचार में पड़ गया है तो उसे ठीक करने में कुछ समय लगेगा। चिकित्सक उसे सेक्स करने से बचने, या डच या टैम्पन (sex, douche or tampons) का उपयोग न करने की सलाह दे सकता है।

भारत में Dysfunctional Uterine Bleeding इलाज की कीमत क्या है?

भारत में हिस्टरेक्टॉमी (hysterectomy) की लागत 1, 80,000 से 2,20,000 रुपये तक होती है। लेकिन जब से इंट्रायूटरिन डिवाइस (intrauterine device) स्थापित हुआ है तब से हमारे देश में लगभग 10000 रुपये खर्च हो सकते हैं। एंडोमेट्रियल फैलाव (Endometrial dilation) महंगा है और प्रक्रिया की औसत कीमत 2, 00,000 रुपये के करीब है।

असामान्य गर्भाशय रक्तस्राव (Abnormal Uterine Bleeding) पीड़ित व्यक्ति को क्या खाना होता हैं?

असामान्य गर्भाशय रक्तस्राव (Abnormal Uterine Bleeding) से पीड़ित व्यक्ति को अनाज, ताजे पके हुए फल और ताजा सब्जियों और सार्डिन और ट्यूना जैसे मछली शामिल करना चाहिए ताकि उसके शरीर को आवश्यक पोषण प्राप्त हो।

लोहे में समृद्ध खाद्य पदार्थों (foods rich) की पर्याप्त मात्रा में इस स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक है। अदरक के पास जाने-माने उपचार गुण होते हैं और गर्भाशय (uterus) से अत्यधिक रक्तस्राव (excessive bleeding) से निपटने में मदद करते हैं। इसके अलावा, हेमोस्टेट एजेंट थेरेपी (hemostat agent therapy) का उपयोग निष्क्रिय गर्भाशय रक्तस्राव (dysfunctional uterine bleeding) से पीड़ित लोगों के इलाज के लिए किया जा सकता है।

Dysfunctional Uterine Bleeding के रोगियों के लिए सबसे अच्छा आहार क्या है? | Best Diet for Dysfunctional Uterine Bleeding Patients in Hindi :–

चमकीले रंग के फलों या सब्जियों में विटामिन ए होता है जो वायु मार्ग में श्लेष्मा झिल्ली को बनाए रखने के लिए आवश्यक होता है। खट्टे फलों में विटामिन सी होता है जो सूजन को कम करता है, इसलिए अपने दैनिक आहार में नींबू को शामिल करना एक अच्छा विचार है।

ग्लूटेन, सोया, नट और अंडे खाद्य एलर्जी का कारण बन सकते हैं जो अस्थमा के हमलों के लिए एक ट्रिगर के रूप में कार्य कर सकते हैं। तो आपको पता होना चाहिए कि कौन से खाद्य पदार्थ एलर्जी का कारण बन सकते हैं और उनसे बचें।

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निष्कर्ष :– दोस्तो आशा करती हूं की आपको हमारा Dysfunctional Uterine Bleeding in Hindi आर्टिकल पसंद आया होगा। और इससे जुड़ी हरेक जानकारी मिली होगी। Dysfunctional Uterine Bleeding in Hindi यदि आप अन्य जानकारी चाहते हैं तो आप हमसे कमेंट कर पूछ सकते

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