Widal test in Hindi | विडाल टेस्ट क्या है क्यों किया जाता है? सम्पूर्ण जानकारी?

Widal test in Hindi | विडाल टेस्ट क्या है क्यों किया जाता है? सम्पूर्ण जानकारी?
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Widal Test in Hindi। विडाल टेस्ट के फायदे और नुकसान :–

दोस्तो आज के इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि Widal Test क्या होता है? और Widal Test क्यों करवाया जाता है। Widal Test की तैयारी किस प्रकार करे | Widal Test में कौन कौन सी टेस्ट होती है, | Widal Test के फायदे क्या है आदि इसके बारे में भी पढेंगे।

विडाल टेस्ट । Widal Test in Hindi :–

widal test से लगभग 100 साल पहले शुरू हुआ था। वैसे यह जांच टायफायड की पहचान के लिए कई जगहों पर अब भी इस्तेमाल की जाती है, हालांकि वर्तमान समय में अच्छी लैबों में इससे बेहतर टेस्ट भी आ गए हैं। टाइफाइड एक बैक्टीरियल संक्रमण होता है, जो तेज बुखार, दस्त और उल्टी आदि जैसी समस्याएं पैदा कर देता है। टाइफाइड का कारण बनने वाले बैक्टीरिया को साल्मोनेला टाइफी (Salmonella typhi) के नाम से जाना जाता है। कुछ मामलों में हमारे देश में टाइफाइड बुखार को एक मुख्य सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या के रूप में जाना जाता है। यह बैक्टीरिया किसी संक्रमित व्यक्ति द्वारा पानी या भोजन में मिल जाता है, जिससे ये दूसरे स्वस्थ व्यक्ति में फैल जाता है। यह संक्रमण उन क्षेत्रों में और तेजी से फैलता है, जहां पर साफ-सफाई का कम ध्यान रखा जाता है।

विडाल टेस्ट में जिस रोगी के खून का नमूना लिया गया है, उससे पहले सीरम अलग कर लिया जाता है। अब अगर रोगी के खून से निकाले इस सीरम में एंटीजन एच व एंटीजन ओ के खिलाफ ऐंटीबॉडी (widal test normal range) होती हैं, तो फिर ऐंटीबॉडियों का स्तर नापा जाता है। और इन्हीं स्तरों के आधार पर रोगी का विडाल पॉजिटिव या नेगेटिव बताया जाता है।

दोस्तो हमने विडाल टेस्ट के बारे में शॉर्ट में जान लिए अब हम जानेंगे कि यह टेस्ट क्यों होता है यह टेस्ट क्या इसका परिणाम क्या हो सकता आदि के बारे में तो बने रहे इस आर्टिकल के साथ।

विडाल टेस्ट क्या होता है? | What is Widal Test in Hindi :-

widal test एक ऐसा तरीका होता है, जिसकी मदद से आंतों में बुखार का एक अनुमानित टेस्ट किया जाता है। आंतों में बुखार को टाइफाइड बुखार के नाम से भी जाना जाता है। विडाल टेस्ट साधारण और कम खर्चीला टेस्ट होता है। टाइफाइड बुखार के परीक्षण के लिए यह एक प्राथमिक टेस्ट के रूप में अच्छा टेस्ट होता है,

डॉक्टर आपके लक्षणों और मेडिकल हिस्ट्री के आधार पर टाइफाइड बुखार होने का संदेह कर सकते हैं। टाइफाइड बुखार का टेस्ट तब होता है, जब मल, पेशाब या खून आदि की जांच में साल्मोनेला बैक्टीरिया पाया जाता है। लेकिन जांच की पुष्टी तब होती है, जब बैक्टीरिया खून या शरीर के अन्य द्रवों या ऊतकों में पाया जाता है। जैसा कि भारत में टाइफाइड एक आम समस्या बन गई है, वैसे ही विडाल टेस्ट भी एक आम लैब टेस्ट बन गया है, भले ही इससे बेहतर अन्य टेस्ट उपलब्ध हों।

विडाल टेस्ट कैसे काम करता है? | Widal Test in Hindi :-

विडाल टेस्ट निम्नानुसार काम करता है

  • widal test करने के लिए व्यक्ति के खून को बैक्टीरियल साइट, जिसे एंटीजन भी कहा जाता है, उसमें मिलाया जाता है।अगर इस घोल में गांठें बनने लगते हैं, तो उस व्यक्ति के खून में एंटीबॉडीज है जिनकी विशेष रूप से बैक्टीरियम की जगह पर पहचान कर ली जाती है।
  • साल्मोनेला बैक्टीरिया के संपर्क में आने से प्रतिक्रिया के रूप में सीरम में एंटीबॉडी का उत्पादन होने लगता है और ऑर्जेनिज्म गांठें में बदलने लगते हैं। इसी प्रकार से विडाल टेस्ट का आधार होता है।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, ऐसे कई कारक हैं, जो विडाल टेस्ट के रिजल्ट को प्रभावित कर सकते हैं। इस टेस्ट पर बहुत अधिक भरोसा ना करना ही बेहतर माना जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन, जब संभव हो तो विडाल टेस्ट की बजाय कल्चर (Cultures) टेस्ट के इस्तेमाल की सलाह देता है।

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विडाल टेस्ट क्यों किया जाता है | What is the purpose of Widal Test in Hindi :-
विडाल टेस्ट क्यों किया जाता है?

  • widal test टाइफाइड बुखार का पता लगाने के लिए विडाल टेस्ट का इस्तेमाल किया जाता है।
  • टाइफाइड बुखार के शुरूआत में ही उसका पता करना थोड़ा कठिन होता है।
  • उन व्यक्तियों की पहचान करने के लिए जो संभावित रूप से बैक्टीरिया के वाहक (Carriers) हो सकते हैं।
  • इसके अतिरिक्त क्लिनिकल आधारों पर टाइफाइड का परीक्षण करना कठिन हो सकता है, क्योंकि इसमें मौजूद लक्षण विविध प्रकार के हो सकते हैं या अन्य ज्वर-संबंधी बीमारियों से मिलते-झुलते भी हो सकते हैं। यही कारण है कि विडाल टेस्ट को महत्वपूर्ण माना जाता है।

Widal Test कब जरूरी है | विडाल टेस्ट किस परिस्थिति में करवाना चाहिए?

  • बुखार
  • थकान,
  • दस्त,
  • कब्ज,
  • पेट दर्द,
  • सूखी खांसी
  • अगर किसी व्यक्ति को तेज बुखार बार बार आना,
  • और सिरदर्द की शिकायत रहती है लगातार तो ऐसे में डॉक्टरों द्वारा विडाल टेस्ट (widal test results) करवाने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इस स्थिति में व्यक्ति को टाइफाइड बुखार होने की संभावना होती है।
विडाल टेस्ट का पहचान कैसे करेंगे? | विडाल टेस्ट रिपोर्ट कैसे देखे |widal test normal range chart in hindi :-
  • विडाल टेस्ट रिपोर्ट को मुख्य रूप से टाइफाइड टेस्ट रिपोर्ट के रूप में जाना जाता है। यदि एंटीजन O और एंटीजन H के लिए विडाल टेस्ट रेंज 1:160 टाइटेनियम से अधिक या बराबर है, तो यह टाइफाइड संक्रमण का संकेत देता है।
  • वही जब विडाल ब्लड टेस्ट के जांच के लिए टाइफाइड टेस्ट रिपोर्ट देखने के लिए 1:20, 1:40, 1:60, 1:80, 1:160, और 1:200 टिट्स को डायग्नोसिस में शामिल करना होगा।
  • जब परीक्षण रिपोर्ट विडाल टेस्ट नॉर्मल रेंज चार्ट में निहित होती है, तो यह टाइफाइड बुखार के नेगेटिव है। यदि टेस्ट रिपोर्ट में टाइट्रे वैल्यू 1:20, 1:40, 1:80 और 1:160 से कम या बराबर है, तो टाइफाइड टेस्ट का परिणाम विडाल टेस्ट नार्मल वैल्यू है।
  • तो रिपोर्ट पर लिखे कुछ इस प्रकार से विडाल टेस्ट के बारे में जान सकेंगे।
विडाल टेस्ट के दौरान क्या होता है? | What happens during widal test in Hindi? :-

widal test के दौरान, डॉक्टर द्वारा सबसे पहले आपके ब्लड का सैंपल (Blood sample) लिया जाता हैं। जिसके लिए आइए देखते है क्या क्या करना होता है?

  1. दोस्तो सबसे पहले बॉडी से ब्लड निकालने के लिए ब्लड फ्लो (Blood flow) को रोकने के लिए सबसे पहले हाथ में बैंड लगाया जाता है, जिससे नसें साफ-साफ दिखाई देने लगती हैं।
  2. उसके बाद रूई में एल्कोहॉल लगाकर डॉक्टर नसों को साफ करते हैं, जिससे सूई लगाने में आसानी होती है।
  3. इसके बाद डॉक्टर आपकी नस में सूई लगाते हैं।
  4. सूई से डॉक्टर खून निकालते हैं और फिर उसे एक सिरिंच में डाल देते हैं।
  5. फिर बैंड को हटा देते हैं।
  6. इसके बाद नसों पर रूई लगाते हैं।
  7. फिर एक बैंडेज को चिपका देते हैं।
  8. सुई अंदर या बाहर जाने पर आपको थोड़ा सा डंक लग सकता है। इसमें आमतौर पर पांच मिनट से भी कम समय लगता है।
  9. ऊपर बताई गई प्रक्रिया जो है विडाल टेस्ट ( विडाल टेस्ट ) के दौरान की जाती है।

विडाल टेस्ट के लिए क्या तैयारी करनी चाहिए? | How to prepare for widal test in Hindi :-

  • वैसे तो दोस्तो विडाल टेस्ट ( widal test ) के लिए कोई विशेष तैयारी नहीं होती है, लेकिन अगर आप कुछ दवाओं का सेवन कर रहे हैं, या अन्य एक्टिविटी तो अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें। जैसा की आपको पता है आम तौर पर widal test के लिए किसी विशेष तैयारी की आवश्यकता नहीं है। यदि आपके डॉक्टर ने और भी ब्लड टेस्ट कराने का आदेश दिया है, तो आपको टेस्ट से पहले कई घंटों तक खाली पेट की आवश्यकता हो सकती है।
  • आपके डॉक्टर को आपके widal test की तैयारी के लिए सटीक निर्देश देना चाहिए। आपको कुछ दवाओं को लेना बंद करने के लिए कहा जा सकता है जो परिणामों को प्रभावित कर सकते हैं, इसलिए अपने चिकित्सक को उन सभी दवाओं और पूरक आहारों के बारे में सूचित करें।
विडाल टेस्ट के परिणाम का क्या मतलब होता है :–

विडाल टेस्ट के रिजल्ट का क्या मतलब होता है?

नॉर्मल रिजल्ट :– यह टेस्ट और इसका स्कोर टेस्ट कराने वाले व्यक्ति के एंटीबॉडीज और test solutions के बीच कितना reaction हुआ है इस कंडिशन को दर्शाता है। नीचे दी गई लिस्ट टेस्ट स्कोर और रिजल्ट के बीच संबंध को दर्शाती है। जैसा की :–

  • 0 – मतलब रिएक्शन नहीं है
  • 1+ मतलब 25% रिएक्शन
  • 2+ मतलब 50% रिएक्शन
  • 3+ मतलब 75% रिएक्शन
  • 4+ मतलब 100% रिएक्शन
  • यदि स्कोर शून्य है तो इसका मतलब है कि आपका रिजल्ट नॉर्मल है। इसका मतलब यह भी है कि आपको टयफॉइड बुखार नहीं है।

विडाल टेस्ट का पॉजिटिव रिजल्ट होने पर क्या बीमारी हो सकता है?

  1. टाइफाइड के साथ संक्रमण,
  2. टाइफाइड के खिलाफ टीकाकरण,
  3. आंतों का बुखार या टाइफाइड बुखार, अगर संबंधित लक्षण मौजूद हों।
  4. अगर किसी व्यक्ति का टीकाकरण किया गया है, तो उसमें टाइफाइड बैक्टीरिया के खिलाफ एंटीबॉडी शामिल होंगे, जिससे विडाल टेस्ट का नकली या झूठा रिजल्ट प्राप्त हो सकता है। यह टेस्ट वर्तमान संक्रमण और पिछले संक्रमण के बीच अंतर स्पष्ट नहीं कर पाता और साल्मोनेला की विभिन्न प्रजातियों में साथ क्रॉस रिएक्ट भी कर सकता है।

विडाल टेस्ट के झूठे पॉजिटिव रिजल्ट निम्न स्थितियो में होने के लिए भी जाने जाते हैं

  • टायफस
  • मलेरिया खासकर बच्चों में
  • दीर्घकालिक लिवर रोग,
  • रूमेटाइड अर्थराइटिस (Rheumatoid arthritis),
  • नेफ्रॉटिक सिंड्रोम (Nephrotic syndrome) इत्यादि।
  • अकेले टेस्ट के रूप में लैब टेस्ट के रिजल्ट की explain नहीं की जाती है। उपयुक्त क्लीनिकल ​​निष्कर्षों और अतिरिक्त सूचना आदि इसके साथ जुड़ने के बाद टेस्ट के रिजल्ट की explain की जाती है। क्लीनिकल सीनारिओ (Clinical scenario) के आधार पर डॉक्टर आपको आपके टेस्ट के रिजल्ट के बारे में समझाएंगे।
विडाल टेस्ट के क्या नुकसान या  दुष्प्रभाव होते हैं? | side effects of widal test in Hindi :–

विडाल टेस्ट होने का जोखिम बहुत कम होता है। जहां सुई लगाई गई थी, वहां आपको हल्का दर्द या चोट लग सकती है, लेकिन ज्यादातर लक्षण जल्दी दूर हो जाते हैं। या फिर थोड़ा बहुत कॉमन साइड इफेक्ट्स दिख सकता है जो की निम्न है–

  • अत्याधिक खून बहना,
  • बेहोश होना या सिर घूमना,
  • हेमाटोमा (त्वचा के अंदर खून जमना),
  • संक्रमण (सुई के छेद में संक्रमण होने के कुछ मामूली जोखिम)
  • दस्त (Diarrhea)
  • कब्ज (constipation)
  • बुखार (Fever)
  • नींद आना (sleeping)
  • चक्कर आना (dizziness)
  • जोड़ो में दर्द (Joint Pain)
  • मत्तली और उल्टी (Nausea Or Vomiting)
  • आक्षेप (Convulsions)
  • भोजन के स्वाद में बदलाव (Altered Sense Of Taste
  • त्वचा का पीला पड़ना (Skin Yellowing)
  • ये सभी ऐसे लक्षण है जो symptoms उत्पन्न होने के बाद तुरंत अपने आप ठीक हो जाता है अगर लक्षण गंभीर दिखे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
वाइडल टेस्ट की नार्मल रेंज क्या है?
  • विडाल टेस्ट के मामले में, सामान्य श्रेणी के लिए आधारभूत मान BH को छोड़कर सभी एंटीजन (TO, TH, AO, AH, BO, BH) के लिए 1:20 – 1:80 पाया गया, जिसके लिए यह 1:20-1:40 था

विडाल टेस्ट करवाने में कितना खर्चा लगता है? | widal test price in Hindi :–

  • विडाल टेस्ट करवाने के लिए आपको बहुत अधिक पैसे खर्च करने की आवश्यकता नहीं है। आमतौर पर इसकी कीमत 100 रु. से 300 रूपए के बीच भारत में होती है। वैसे हरेक जगह पर अलग अलग कीमत होती है।

टाइफाइड से बचाव । Typhoid prevention in Hindi :–

टाइफाइड से बचाव के उपाय निम्न (widal test for typhoid) सकते है जिसे अपनाकर आप टायफाइड से बच सकते है।

  • सबसे पहला और सबसे जरूरी है की आप अपने हाथों की साफ-सफाई का ख्याल रखें।
  • हमेशा कोशिश करे ताजा खाना बनाकर खाने का फ्रिज में स्टोर किया हुआ खाना न खाएं।
  • स्ट्रीट फूड से परहेज करें करे।
  • दूषित यानी गंदगी पानी पीने से बचें।
  • अपने आसपास साफ़ सफाई का ध्यान रखें।
  • ज्यादा तैलीय चीजों का सेवन न करें।
  • एक्सरसाइज पर ध्यान रखें।

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FAQ : विडाल टेस्ट से जुड़ी सवाल जवाब?

Q) विडाल टेस्ट पॉजिटिव क्या होता है?
Ans :– वैसे तो विडाल टेस्ट पर न रहें निर्भर क्योंकि डॉक्टर के अनुसार विडाल टायफायड में बुखार के तकरीबन एक सप्ताह के बाद ही पॉजिटिव आता है। कारण कि जब तक ऐंटीबॉडी नहीं बनेंगी, विडाल पॉजिटिव आ नहीं सकता। फिर यह मलेरिया-गठिया-रोग-हेपेटाइटिस इत्यादि में भी

Q) टाइफाइड रिपोर्ट कैसे देखते हैं?
Ans :– इसके बारे में इस पोस्ट में एक्सप्लेन किया गया है।

Q) टाइफाइड की जांच कैसे होती है?
Ans :– शुरुआती स्टेज में रोगी के ब्लड सैंपल की जांच करके उसका इलाज शुरू किया जाता है। इसके अलावा रोगी का स्टूल टेस्ट करके उसके शरीर में टाइफाइड के बैक्टीरिया की मौजूदगी का पता लगाया जाता है। अधिक जानकारी के लिए आर्टिकल को इस पढ़े।

Q) विडाल टेस्ट के लिए नॉर्मल रेंज क्या है?
Ans :– विडाल टेस्ट के मामले में, सामान्य श्रेणी के लिए आधारभूत मान bh को छोड़कर सभी एंटीजन (TO, TH, AO, AH, BO, BH) के लिए 1:20 – 1:80 पाया गया, जिसके लिए यह 1:20-1:40 था

निष्कर्ष :– दोस्तो मैं आशा करती हूं की आपको हमारा widal test in Hindi आर्टिकल पसंद आया होगा। और इससे जुड़ी हरेक जानकारी मिली होगी। जो की आपके काफी काम आ सकती हैं। अगर आपको ऊपर बताए गए कोई लक्षण नजर आते हैं तो आपका डॉक्टर आपको यह जांच कराने की सलाह दे सकता है। Widal test in Hindi से जुड़ी यदि आप अन्य जानकारी चाहते हैं तो आप हमसे कमेंट कर पूछ सकते हैं। या फिर डॉक्टर से सलाह ले सकते है।

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