Rabies Vaccine : रेबीज वैक्सीन या इंजेक्शन का उपयोग ,लाभ, साइड इफेक्ट्स, टाइम पीरियड और कैसे काम करता है?

Rabies Vaccine : रेबीज वैक्सीन या इंजेक्शन का उपयोग ,लाभ, साइड इफेक्ट्स, टाइम पीरियड और कैसे काम करता है?
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Rabies Vaccine in Hindi |  रेबीज वैक्सीन के बारे में:-

rabies vaccine: रेबीज को खतरनाक बीमारी देखते हुए इस आर्टिकल में हमने आपके जरूरत के हिसाब से सारी जानकारी दी है जैसे रेबीज के टीकाकारण से लेकर, रेबीज टीके की खुराक, रेबीज इंजेक्शन की कीमत, रेबीज इंजेक्शन के साइड इफेक्ट, रेबीज इंजेक्शन किसे नहीं दिया जाना चाहिए और रेबीज के टीका कैसे बनाया जाता है, आदि विषयों को भी विस्तृत रूप से बताने का प्रयास किया गया है।

rabies vaccine की खोज लुई पास्चर नामक फ्रांसीसी वैज्ञानिक ने की। rabies vaccine काफी प्रभावशाली तथा सस्ती है।रेबीज एक गंभीर संक्रामक रोग है, जो रेबीज नामक वायरस के कारण होता है। ये वायरस मुख्य रूप से जानवरों में पाया जाता है। जिस जानवर को रेबीज की बीमारी लगी हो और वो जानवर द्वारा किसी व्यक्ति को काट लेने से रेबीज रोग हो जाता है। शुरुआती दौर में इसके कुछ लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। एक सप्ताह बाद थोड़ा बहुत लक्षण दिखने लगता है जैसे घाव में दर्द होने लगता है और व्यक्ति को थकान, सिरदर्द, बुखार और चिड़चिड़ापन महसूस होने लगता है। इन लक्षणों के साथ ही संक्रमित व्यक्ति को दौरे, मतिभ्रम (Hallucination) और पैरालिसिस भी हो सकता है। यदि समय रहते इसका इलाज ना किया गया तो रेबीज व्यक्ति के लिए बहुत ही खतरनाक साबित हो सकता है।

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rabies vaccine कैसे बनता है।

rabies vaccine कुछ इस प्रकार से बनता है इसकी जानकारी प्राप्त करने के लिए आइए नीचे की आर्टिकल पढ़ते है तो, इसे  यानी rabies vaccine प्राप्त करने के लिए रेबीज वायरस को मानव के अतिरिक्त अन्य जंतुओं की कोशाओ ( नॉन ह्यूमन सेल्स ) की सहायता से कल्चर किया जाता है, फिर इस कल्चर लाइन द्वारा प्राप्त वायरस को रसायन बीटा propiolactone द्वारा inactivate किया जाता है। फिर वायरस को माल्टोस ह्यूमन एल्ब्यूमिन तथा 0.4 % नॉर्मल सैलाइन के साथ उपयुक्त मात्रा में मिलाकर विलयन तैयार किया जाता है। तब वैक्सीन बनकर तैयार हो जाती है और उसे उपयोग में लाया जा सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा rabies vaccine को मान्यता दी गई है तथा मानव कोशिकाओं की  सहायता से निर्मित वैक्सीन के बजाय इसके उपयोग की सिफारिश की गई है।

रेबीज वैक्सीन का उपयोग और लाभ । rabies vaccine benefits in Hindi :–

रेबीज़ रोग संक्रमित जानवरों की लार से फैलता है। रेबीज इन्जेक्शन ऐसे लोगों को दिया जाता है जिन्हें रेबिस वायरस जैसे पशु चिकित्सकों, पशु रखनेवाले, शिकारी, कसाई, रेबिस अनुसंधान प्रयोगशाला में कर्मचारी आदि के संपर्क में आने का उच्च जोखिम रहता है। Vaccine एंटीबॉडी बनाकर इम्युनिटी को अच्छा बनाने में मदद करता है, जो वायरस के कारण होने वाले इन्फेक्शन से सुरक्षित रखता है.. बिमारी हो जाने के बाद भी टीकाकरण करने से उस बिमारी से बचा जा सकता है। किंतु सही समय पर डॉक्टर से मिलकर इलाज करवाना जरुरी होता है।

  • पशु अस्पताल में कार्य करने वाले लोगों का टीकाकरण।
  • जंगली शिकारी।
  • पशु प्रयोगशाला में काम करने वाले लोग।
  • कुत्ता, बिल्ली, बंदर, लोमड़ी, जैकाल आदि के काट लेने के पश्चात् । निषेध– Hypersensitivity, Streptomycin, और neomycin से एलर्जी का हिस्ट्री । उपलब्धता इंजेक्शन या वायल के रूप में प्राप्त।

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रेबीज वैक्सीन के डोज यानी खुराक । rabies vaccine time period and dose in Hindi :–

व्यस्क तथा बच्चो सभी को प्रत्येक मात्रा बराबर। 1 ml injection intramuscular or सबक्यूटोनिस मे। 2.5 I.U ml medicine vaccine मांस पेशीगर्त अथवा सब्क्यूटोनियस इंजेक्शन द्वारा दिया जाता है। एक बार किसी जानवर कुत्ते, बंदर, लोमड़ी आदि किसी के भी द्वारा काटे जाने के पश्चात् टीकाकरण का कार्यक्रम निम्न प्रकार है। Post exposure prophylaxis– Rabies vaccine टीकाकरण का उद्देश्य यह रहता है की  रोगी को रेबीज से बचाया जा सके। 0,3,7,14,30 वा 90वें दिन।

रेबीज वैक्सीन और रेबीज इंजेक्शन के टाइम पीरियड की जानकारी :-

  • प्रथम मात्रा :– प्रथम मात्रा में कोशिश यह होना चाहिए कि व्यक्ति को जानवर के काटे जाने के बाद पहला इंजेक्शन उसी दिन शीघ्रता से लगाया जाए, क्योंकि एक बार वायरस के central तथा peripheral तंत्र तक पहुंचते ही रोग अपनी गंभीर अवस्था ले लेता है और फिर मृत्यु निश्चित होती है । वैक्सीन बहुत प्रभावी होती है समय से दी गई vaccine व्यक्ति की जान बचा सकती है। टाइम से न लेने के बाद वैक्सीन बेकार साबित होता है।
  • दूसरी मात्रा :– पहली मात्रा देने के ठीक 3 दिन बाद दें।
  • तीसरी मात्रा :– पहली मात्रा देने के ठीक 7 दिन बाद दें।
  • चतुर्थ मात्रा :– पहली मात्रा देने के ठीक 14 दिन बाद दें।
  • पांचवी मात्रा :– पहली मात्रा देने के ठीक 30 दिन बाद दें।
  • छठी मात्रा :– पहली मात्रा देने के 90 दिन बाद दी जा सकती है। छठी मात्रा को चिकित्सक रोग की गंभीरता के आधार पर निर्धारित करते है। रोग की गंभीरता के आधार पर ही इन व्यक्तियों एंटी रेबीज सीरम भी दिया जाता है। इसे शरीर भारानुसार देते है। यह दो प्रकार का होता है। इसका विस्तृत वर्णन आगे किया गया है। व्यक्तियों को किसी जानवर के कटने से पहले भी रेबीज से बचाव हेतु टीकाकरण किया जाता है। ( Per exposure prophylaxis or primary pro phylaxis ) रेबीज टीकाकरण का उपचार उन लोगो को दिया जाता है, जो लगातार जानवरों के संपर्क में बने रहता हैं अथवा किसी न किसी प्रकार से रेबीज वायरस की हैंडलिंग करते है। इसका वर्णन इस वैक्सीन के उपयोग में ही किया जा चुका है। यह टीकाकरण कार्यक्रम ( primary prophylactic immunization ) निम्न प्रकार से है– 0 , 7, 28 वें दिन।

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रेबीज वैक्सीन और रेबीज इंजेक्शन का साइड इफेक्ट्स यानी दुष्प्रभाव । rabies vaccine side effects in Hindi :–

  • दवा से होने वाले अधिकांश साइड इफेक्ट नॉर्मल होती है वैसे  डॉक्टर की सलाह लेने की ज़रूरत नहीं पड़ती है और नियमित रूप से दवा का सेवन करने से साइट इफेक्ट अपने आप समाप्त हो जाते हैं। अगर साइड इफ़ेक्ट बने रहते हैं या लक्षण बिगड़ने लगते हैं तो अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
    रेबिस के नॉर्मल साइड इफेक्ट्स–
  • दर्द।
  • जोड़ों का दर्द।
  •  इंजेक्शन वाली जगह पर लाल निशान ।
  • इंजेक्शन वाली जगह पर सूजन ।
  • लिम्फ नोड्स में सूजन ।
  • hypersensitivity ।
  • injection के स्थान पर सूजन तथा लाल पड़ जाना ।
  • Oedema and erythema at the site of injection।
  • इंजेक्शन के स्थान पर दर्द होना।

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रेबीज वैक्सीन या रेबीज इंजेक्शन कैसे काम करते है?

Rabies injection  निष्क्रिय वैक्सिन या टीका होता है। यह एंटीबॉडी बनाकर इम्युनिटी डेवलप करने में मदद करता है, एंटीबॉडी वे प्रोटीन होते हैं। जो वाइरस के कारण होने वाले इन्फेक्शन से सुरक्षा प्रदान करते हैं।

रेबीज से बचाव के उपाय क्या है? 

  • rabies vaccine से जानवरों के बाइट्स और रेबीज के जोखिम को कम करने के सामान्य तरीके इस प्रकार हैं। तो आइए इसके बारे में कुछ डिटेल में जानते है।
  • बच्चे को कभी भी पालतू जानवर के साथ अकेले में न छोड़ें।
  • अपने पालतू जानवरों को अन्य जंगली जानवरों के पास में ना आने दें।
  • बच्चों को मरे हुए जानवरों से छूने न दे ।
  • पालतू जानवरों की पहले ही सभी वैक्सीन्स लगवा दे।
  • अपने बच्चों को एनिमल सेफ्टी के बारे में सिखाएं ।
  • एनिमल बाइट्स से बचने का उपाय बताए। जैसे जानवरों को कभी खाते हुए न छेड़ें। किसी भी जंगली जानवरों से अपने बच्चों को न खेलने दें।
  • बच्चे को ये बता के रख कि अगर कभी भी गलती से भी  पालतू जानवर काट लेता है या खरोंच देता  है तो तुरंत  बताएं। नहीं तो संक्रमण बढ़ सकता है।

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रेबीज वैक्सीन या रेबीज इंजेक्शन का विशेष सावधानियां । rabies vaccine prevention in Hindi :–

  • गर्भावस्था में यह वैक्सीन अति आवश्यक होने पर ही दे।
  • Vaccination के बाद कम से कम दो महीने तक मदिरा पान नहीं करना चाहिए।
  • अत्यधिक मानसिक एवं शारीरिक काम एक से दो माह तक न करे।
  • वैक्सीन की निर्देशित पूर्ण मात्रा व्यक्ति को देनी चाहिए। कम मात्रा देने पर उसे रेबीज हो सकता है।
  • वैक्सीन देने के समय आस पास रोगी की प्रतिरक्षा को कम करने वाले दवाई नहीं देना चाहिए।
एंटी रेबीज इंजेक्शन की कीमत । Anti rabies vaccine price in Hindi :–
NAME ML PRICE
ABHAYRAB (human biological institute) injection vial 298.0
FAVIRAB Ranbaxy ( each ml contain 200+400 I u of equine derived anti rabies immunoglobulins )  injection  5 ml vial 1780.0
THYMOGLOBULIN Sanofi (immunoglobin, rabbit anti human Thymocyte ) 1 injection 25 mg 13800.00
VEROVAX–R Aventis Pasteur 0.5 ml 281.00
VERORAB Ranbaxy ( inactivated rabies vaccine prepared on Vero cells. Wister rabies PM/WI 38–1–503–3M strain, obtained from culture on Vero continuous cell lines ) – injection vial 345.00

Anti rabies serum ( एंटीरेबीज सीरम ) के बारे में विस्तृत विवरण :–

यह रेबीज वायरस को विभिन्न जानवरो के उतकों में कल्चर कर उसे बिल्कुल निष्क्रय कर इस वैक्सीन का निर्माण किया जाता है । इसमें मिलावट 120 I.U/ml होता है।

एंटीरेबीज सीरम का उपयोग । Anti rabies serum use in Hindi :–
इसका उपयोग ऐसे व्यक्तियों में किया जाता है जिन्हे जानवर ने इस प्रकार कटा हो की उन्हे घातक रेबीज होने की संभावना हो। ऐक्टिव वैक्सीन का पूर्ण प्रभाव आने में लगभग दो सप्ताह का समय लग जाता है। तब तक यह वैक्सीन प्रतिरक्षण क्षमता बनाए रखती है। इसलिए इसका उपयोग ऐक्टिव वैक्सीन के साथ ही किया जाता है इसका उपयोग करने वाले रोगी मुखयतः श्रेणी सैकंड वा थर्ड होता है।Antirabies serum का निषेध–अतिसंवेदिता, anaphylactive आदि।

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Anti rabies serum का खुराक यानी मात्रा के बारे में :–

व्यस्क तथा बच्चो में 40 I.u / kg शरीर भारानुसार केवल एक बार एक आधी मात्रा intramuscular इंजेक्शन द्वारा ऐक्टिव वैक्सीन के स्थान से थोड़ी दूर पर लगा दे। बची हुई आधी मात्रा घाव के चारो ओर infiltration द्वारा देते है।

Anti rabies serum साइड इफेक्ट्स :–

  • हाइपरसेंसिटिवि,
  • अति रंजित प्रतिक्रिया,
  • सीरम सिकनेस।

Anti rabies serum का विशेष सावधानियां :

वैक्सीन को पूर्ण मात्रा देने से पूर्व बहुत कम मात्रा देकर सेंसिटिविटी जांच कर लेना चाहिए क्योंकि काफी लोगों में इसका रिएक्शन होता है। वैक्सीन शरीर के भारानुसार निर्धारित मात्रा में देना चाहिए।

ह्यूमन रेबीज इम्यूनोग्लोबुलिन ( human rabies immunoglobulin ) के बारे में।

ये भी एंटीरेबिज सीरम के भांति ही अक्रिय होता है। इसमें केवल एंटीबॉडीज होते है जो, जानवर की लार के साथ आए हुए रेबीज वायरस के विरूद्ध कार्य करते है और रोगी को उनसे रक्षा करते हैं।

ह्यूमन रेबीज इम्यूनोग्लोबुलिन ( human rabies immunoglobulin ) का उपयोग :–
इसका उपयोग भी ऐक्टिव रेबीज वैक्सीन के साथ ही जानवर द्वारा काटे गए दूसरा या तीसरा श्रेणी के रोगियों में किया जाता है। निषेध :– अतिसंवेदिता, anaphylactive आदि।

Anti rabies serum साइड इफेक्ट्स :–

  • हाइपरसेंसिटिवि,
  • अति रंजित प्रतिक्रिया,
  • सीरम सिकनेस आदि।

ह्यूमन रेबीज इम्यूनोग्लोबुलिन ( human rabies immunoglobulin ) की खुराक या मात्रा के बारे में :–
व्यस्क तथा बच्चो में 20 I. u / kg शरीर भारानुसार केवल एक बार एक आधी मात्रा intramuscular इंजेक्शन द्वारा ऐक्टिव वैक्सीन के स्थान से थोड़ी दूर पर लगा दे। बची हुई आधी मात्रा घाव के चारो ओर infiltration द्वारा देते है।

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FAQ : रेबीज वैक्सीन या रेबीज इंजेक्शन से जुड़े सवाल जवाब :–

Q रेबीज इंजेक्शन कब लगता है?

एंटी रेबीज वैक्सी उस स्थिति में दिया जाता है जब किसी व्यक्ति को रेबीज इंफेक्टेड कुत्ता , गीदड़, भेड़िया काट लेता है। उसमे भी रोगी को 72 घंटे के अंदर वैक्सीन लगवाना आवश्यक है। वैक्सीन न लगवाने की स्थिति में रेबीज़ रोग होने का खतरा रहता है।

Q रेबीज के टीके का असर कितने साल रहता है?

एक एंटी रेबीज टीका का असर 3 वर्ष तक रहता है। अगर टीका लगवाने के 3 वर्ष तक कोई कुत्ता काट लेता है तो रेबीज संक्रमण को कोई असर नहीं होगा। जो लोग ऐसे जगह पड़ रहते है उन्हे टाइम से वैक्सीन लगवाना जरूरी रहता है।

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