Heat stroke in Hindi
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Heat stroke या लू रोग को हाइपरथरमिया, थार्मोप्लीजिया, हीट हाइपरथेरेक्सिया तथा ऊष्माघात आदि नामों से भी जाना जाता है। Heat stroke या लू अधिकतर तेज कड़ी धूप में कठिन मेहनत करने से होता है। इसका उपचार तत्काल ही जरूरी में हो तो ठीक रहता है अन्यथा रोगी की मृत्यु भी हो सकती है। Heat stroke या लू लगने में होता है बॉडी के तापमान को नियंत्रित रखने वाली शारीरिक प्रक्रिया अधिक तापमान के कारण खराब हो जाती है , जिससे शरीर से पसीना आना बंद हो जाता है। लू (Heat stroke) तब लगती है जब हवा में इतनी गर्मी आ जाती है कि लोगो के शरीर का तापमान बढ़ जाता है तापमान बढ़कर 102 डिग्री से ऊपर हो जाता है ज्यादातर बाइक, साइकिल चलाने वाले लोगों में होता है या धूप में देर तक काम करने से भी लू लग सकती है ऐसे में लोगो को सुबह 10 बजे तक काम खत्म फिर शाम को 3 बजे से शुरू करनी चाहिए।
heat stroke
अगर मान लिजिए रोगी बेहोश हो चुका हो लू (Heat stroke) लगने से , तो तुरंत उसके मुंह पर ठंडे पानी के छीटें मारे। ठंडे पानी के पट्टी से आंख धोए,सिर पर पानी डाले,पंखा से हवा करे, आसपास लोगो को जमा न होने दे। इस तरह से बचा जा सकता है।
लू लगने का कारण क्या है | Causes of Heat stroke in Hindi
लू लगने के कारण कुछ इस प्रकार है
- पानी की कमी के कारण बॉडी डिहाइड्रेट हो जाती है जिससे थोड़ी सी भी धूप लगने पर लू लगने की शंका हो सकती है।
- एयर फ्लो की कमी से भी लू लग सकती है।
- गर्म जगह होने पर लोगो को बैचैनी के साथ लू लगने की चांस होती है।
- आग के सामने खड़े रहने से।
- ज्यादा गर्म और टाइट कपड़े पहनने से।
- गर्मियों में लू का शिकार बच्चे और बूढ़े में ज्यादा होती है क्योंकि इनकी इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर होते है।
- कुछ अज्ञात कारण भी है
लू लगने का लक्षण क्या है?
- Heat stroke या लू लगने का लक्षण निम्नलिखित है जो घातक भी साबित हो सकता है।
- शुरू में रोगी को अधिक बेचैनी
- जी मिचलाना
- उल्टियां होना
- सिर दर्द, चक्कर आना
- शरीर ऐठना, चेहरा लाल हो जाना
- नाड़ी की गति में वृद्धि
- अधिक तापघात में बेहोश हो जाना
- शरीर का तापमान 47 डिग्री तक
- श्वास गहरी वा अनियमित
- यूरीन आना रुक जाती है
- शरीर से पसीना निकलना भी रुक जाता है
- रोगी को बार बार प्यास लगना
- दौरे पड़ने लगना
- रोगी बहकी बहकी बात करता है
- चेहरा वा होठ नीले पड़ने लगता है
- रक्तचाप सामान्य या ऊपर वाला बढ़ा हुआ
- पीलिया तथा सारे शरीर पर लाल धब्बा से हो जाना
- दाई तरफ के हार्ट भी काम करना बंद कर सकता है ।
- ये सभी symptoms है Heat stroke यानी लू लगने की(Heat stroke) इसमें से कोई भी symptoms दिखे तो जल्द ही इलाज शुरू करवा दे। ताकि हमारे लिए खतरा साबित ना हो सके।
लू लगने की जांच या रोग निदान क्या है?
- लक्षणों द्वारा
- यूरीन में प्रोटीन उपस्थित
- ब्लड में स्वेत कण की वृद्धि
- ब्लड यूरिया बढ़ा हुआ
- सिरम पोटेशियम में कमी
- क्लेशियम और फास्फेट की रक्त में मात्रा कम
- क्लॉटिंग समय में वृद्धि
- ECG ST सेगमेंट डिप्रेशन तथा T wave इनवर्जन
- फैल्सीपैरम मलेरिया के लिए जरूर जांच करवा ले।
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लू की उपचार क्या है?
heat stroke how to treat | heat stroke treatment:-
- सबसे पहले रोगी को छाया में ले जाए तथा उसके पहने हुए कपड़े उतारकर ठंडे पानी में चादर भिगोकर शरीर पर लपेट दे यानी रोगी को गर्दन से नीचे ठंड जल में डूबा दे।
- बर्फ के पानी की पट्टी करे। ऐसा तबतक करते रहे जबतक रोगी के बॉडी तापमान 38 डिग्री सेंटीग्रेड तक न पहुंचे।
- रोगी के पैरो के तलवे पर तेल का मालिश करें।
- रोगी को ठंडे और खुली हवायुक्त स्थान पर रखे।
- यदि रोगी को सांस लेने में दिक्कत आ रही है तो उसकी 100 % ऑक्सीजन दे।
- 7.5% सोडियम बाईकार्बोनेट 50 ml मात्रा दे।
- इंजेक्शन chlorpromazine 0.7 mg/kg से खुराक को दो भागों में बांटकर आधा घंटा के अंदर में शिरामार्ग द्वारा दे। इसे कपकपी तथा तापमान बॉडी के कम हो जाता हैं।
- इंजेक्शन डेक्सोना IDPL 4 mg 8–8 घंटे पर दे।
- यदि रोगी की मूत्र नहीं आ रही है तो मेनिंटल 1.5 gm / प्रति किलोग्राम भारानुसार IV ड्रिप से दे।
- रोगी में रक्त कि कमी होने पर ताजा रक्त चढ़ाए।
- DNS धीरे धीरे I/V ड्रिप दे।
- पेट में ऐठन दूर करने के लिए इंजेक्शन लार्जेक्टिल अथवा डायजीपम लगाए।
लू का आयुर्वेदिक उपचार क्या है?
बेल का शर्बत:-
आयुर्वेद के अनुसार लू से बचने के लिए बेल का शरबत औषधि की तरह कार्य करता है। गर्मियों में बेल को अमृत के सामान माना जाता है। क्योंकि बेल एक ऐसा फल है। जिसमें पर्याप्त मात्रा में विटामिन सी के साथ-साथ फाइबर बहुत ज्यादा मात्रा मेें होता है। इसके सेवन से शरीर ठंडा रहता है। और लू से बचाव होता है। इसके अलावा भी बेल के शरबत के बहुत फायदे है।
Q लू से बचने के लिए गिलोय का सेवन किया जा सकता है?
गिलोय को तो आप सभी ने कोरोना के समय में खूब उपयोग किया होगा, तो इसके फायदे तो आप जान ही गये होंगे। अब आपको हम लू से बचने के लिए भी गिलोय के लाभ बताते हैं। गिलोय एक ऐसी आयुर्वेदिक औषधि है जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि करने का काम करती है। गिलोय के संबंध में आयुर्वेद का मत है, कि गिलोय वात, पित्त, और कफ नाशक होती है। गिलोय लू से लगने वाली बुखार को बहुत जल्दी ठीक करता है और शरीर को राहत पहुंंचाता है। शरीर के बढ़े हुए तापमान को नियंत्रित करके उसे कम करती है।
Q सेब का सिरका लेने से लू से बचा जा सकता है?
आप मिनरल और इलेक्ट्रोलाइट से भरपूर सेब के सिरके का सेवन पेय के रुप में शुरु कर दें। ऐसा करने से आपके शरीर में पोटैशियम और मैग्नीशियम की कमी नही होगी। जिससे आपको लू प्रभावित नही कर सकेगी। सेब का सिरका ऐसी आयुर्वेदिक औषधि है।
चंदनसव कुछ इस प्रकार मददगार होता है
यह एक प्रकार की ठंडाई जैसी ही होती है, इसका मिश्रिण बहुत सारी ठंडी आयुर्वेदिक जड़ी बुटियों के मिलाकर तैयार किया जाता है। इसमें कद्दू के बीज, धनिया के बीज, गुलाब के सुखे पत्ते, काली मिर्च, और भी बहुत सारी औषधियां मिश्रित की जाती है। यह बहुत ही शीतल प्रकार का मिश्रण होता है। जो शरीर की बढ़ी हुई तापमान को कम करने का काम करता है, इसका सेवन गर्मियों के दिनों में करने से बहुत फायदा होता है।
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लू से बचने के घरेलू उपाय क्या है?
Home treatment of Heat stroke in Hindi:-
- प्याज का सेवन अधिक करे।
- कच्चे आम का शर्बत लू में फायदेमंद होता है।
- कच्चे इमली के बीज निकालकर पीस ले और उसे पानी के साथ मिश्रण तैयार कर पीने से बहुत ही राहत मिलती है लू से।
- गर्मी में पानी की मात्रा अधिक से अधिक ग्लूकोज मिलाकर ग्रहण करते रहे जिससे लू लगने की संभावना कम हो जाती है।
- खीरा, ककड़ी, टमाटर, तरबूज, खरबूज का सेवन करे।
- चाय कॉफी की जगह नींबू पानी पीएं।
- धनिया पोदिना के पानी में चीनी मिलाकर प्रतिदिन एक टाइम पीना चाहिए जिससे लू लगने की संभावना नहीं रहती है।
- सौंप रस में दो बूंद पुदीने का रस और दो तीन चम्मच ग्लूकोज पाउडर मिलाकर सेवन करे जो की बहुत ही अच्छा होता है हमारे बॉडी के लिए।
- कच्चे नारियल के गिरी को पीसकर काला जीरा मिलाकर सेवन करे।
- ये सभी कुछ घरेलू उपाय है जिससे लू से बच सकते हैं या फिर कम किया जा सकता है।
QNA : लू से जुड़े सवाल जवाब?
Q.) लू से बचने के लिए क्या खाना चाहिए?
Ans:–लू से बचने के लिए अधिक से अधिक रसदार चीज जैसे तरबूज, खरबूज, पपीता, ककड़ी, खीरा आदि खाए साथ ही पानी अधिक ले जिससे डिहाइड्रेट होने की संभावना कम होती है।
Q.) लू लगने पर क्या देना चाहिए?
Ans:– बेल का शर्बत और ऊपर के विवरण में दिए गए है।
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