PCOS in Hindi : पीरियड्स के ये संकेतों को ना करें कभी भी नजरअंदाज, नहीं तो हो सकती है आगे चलकर समस्या, जानिए क्या है घरेलु इलाज

PCOS in Hindi : पीरियड्स के ये संकेतों को ना करें कभी भी नजरअंदाज, नहीं तो हो सकती है आगे चलकर समस्या, जानिए क्या है घरेलु इलाज
Rate this post

क्या है पीसीओएस (PCOS) | What is PCOS in Hindi :

पीसीओएस (PCOS) महिलाओं को यह बीमारी प्रजनन हार्मोंस के संतुलन में गड़बड़ी व मेटाबॉलिज्म खराब होने पर होती है। हार्मोंस असंतुलित होने से मासिक धर्म चक्र प्रभावित होता है। सामान्य स्थिति में हर माह पीरियड्स के बाद ओवरी (अंडाशय) में अंडाणुओं का निर्माण होता है और बाहर निकलते हैं। वहीं, पीसीओएस (PCOS) की स्थिति में ये अंडाणु न तो पूरी तरह से विकसित हो पाते हैं और न ही बाहर निकल पाते हैं।

किन कारणों से होता है पीसीओएस | PCOS causes in Hindi :

  • आनुवंशिक : हार्मोंस में असंतुलन को इस बीमारी की मुख्य वजह माना गया है। लेकिन अगर किसी की मां को यह समस्या रही है, तो संभावना है कि उनकी बेटी भी इसकी चपेट में आ सकती है।
  • पुरुष हार्मोन : महिलाओं की ओवरी कुछ मात्रा में पुरुष हार्मोन का भी उत्पादन करती है। जैसे को एंड्रोजन हार्मोन हुआ। और पीसीओएस की स्थिति में पुरुष हार्मोन का अधिक मात्रा में उत्पादन होता है, जिस कारण ओव्यूलेशन प्रोसेस के tine अंडाणु बाहर नहीं निकल पाते हैं। इस स्थिति को हाइपरएंड्रोजनिसम कहा जाता है ।
  • इंसुलिन : शरीर में मौजूद इंसुलिन हार्मोन, शुगर, स्टार्च व भोजन को ऊर्जा में बदलने का काम करता है। जब इंसुलिन असंतुलित हो जाता है, तो एंड्रोजन हार्मोन की मात्रा बढ़ जाती है और ओव्यूलेशन प्रक्रिया प्रभावित होती है।
  • लाइफस्टाइल : जैसे खाने में पौष्टिक तत्वों की कमी, अधिक जंक फूड खाने, शारीरिक व्यायाम न करने और शराब व सिगरेट का सेवन करने से भी महिलाओं को यह बीमारी हो सकती है। वैसे exact कारण पता नहीं है।

पीसीओएस या पीसीओडी के लक्षण | PCOS or PCOD symptoms in Hindi :

ऐसे विभिन्न लक्षण हैं, जिनके जरिए पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम होने का अंदाजा लगाया जा सकता है। अगर आपको निम्न में से कोई भी लक्षण नजर आए, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें

  • अनियमित पीरियड्स या फिर बिल्कुल बंद हो जाना।
  • पीरियड्स में अधिक मात्रा में रक्तस्राव होना।
  • अल्ट्रासाउंड के समय अंडाशय में गांठ जैसी चीजें बहुत मात्रा में नजर आ सकती हैं।
  • ऑयली स्किन और फेस पर कील-मुंहासे अधिक होना।
  • शरीर के कुछ हिस्सों की त्वचा गहरी व मोटी हो जाएगी जैसे की गर्दन, बगल में और पेट व जांघ के बीच के हिस्से में होता है।
  • जांघ, पेट, छाती व चेहरे पर तेजी से बाल बढ़ने लगते हैं।
  • टाइप-1 डायबिटीज होने की संभावना बढ़ सकती है।
  • वजन बढ़ना शुरू हो सकता है।

इसे भी पढ़े : 

पीसीओएस या पीसीओडी (PCOS or PCOD) के लिए आयुर्वेदिक उपचार :

वैसे आपको बता दे प्राकृतिक जड़ी-बुटियों से जुड़ा उपचार, पीसीओएस (PCOS) के लिए सबसे कारगर माना गया है। क्योंकि जड़ी-बुटियों से बनी दवाओं के द्वारा प्रजनन क्षमता को बेहतर किया जाता है और हार्मोंस में संतुलन लाया जाता है।

इस बीमारी के लिए कुछ आयुर्वेदिक दवाइयां दी जाती हैं, जिनके बारे में नीचे बताया गया है। ये दवाइयां पीरियड्स को नियमित करती हैं और अंडाशय की कार्यक्षमता में सुधार लाकर प्रजनन शक्ति को बढ़ाती हैं।

  • अशोकारिष्ट
  • सुकुमार कषाय
  • चंद्रप्रभा वटी
  • कुमार्यासव

ध्यान रहे कि आयुर्वेदिक दवाइयों का उपयोगआयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह पर ही करें, क्योंकि यह डॉक्टर ही बेहतर बता सकते हैं कि किस मरीज के लिए कौन सी दवा सबसे कारगर है।

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के लिए घरेलू उपाय | Home remedies for PCOS in Hindi :

PCOS के लिए भी सबसे पहले लोग अपने घरेलु नुस्खे को उपयोग करना जरूरी समझते हैं, तो चलिये उनके बारे में विस्तार से जानते है-

दालचीनी : दालचीनी जो है इंसुलिन के स्तर को बढ़ने से रोकता है और मोटापे को कम करता है। इसके लिए एक चम्मच दालचीनी पाउडर को एक गिलास गर्म पानी में मिलाकर 2 से 3 महीनों तक सेवन करे।

पुदीना : इसके लिए आप प्रतिदिन एक पीतल के बर्तन में एक गिलास पानी गर्म करके 8 पुदीने की पत्तियों को डालकर दस मिनट तक उबालें। इसे छानकर चाय की तरह पिएँ, कुछ हफ्तों तक इसका सेवन करने से टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का स्तर कम होता है तथा शरीर में अतिरिक्त बालों का बढ़ना कम हो जाता है।

मेथी : PCOS यानी पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम में वजन तेजी से बढ़ता है क्योंकि मेथी शरीर में ग्लूकोज के चयापचय को बढ़ावा देती है और इंसुलिन को बढ़ने से रोकती है।

मेथी के बीजों को रात को पानी में भिगो दें तथा खाली पेट एक चम्मच भीगे हुए बीजों को शहद या गुड़ के साथ लें। दोपहर के भोजन एवं रात के भोजन से पहले भी इसे लें। ये घरेलु नुस्खा आजमाने से हेल्पफुल मिल सकता है।

मुलेठी पीसीओएस में लाभकारी : इसके लिए आप एक चम्मच मुलेठी के चूर्ण को एक कप पानी में डालकर उबाल लें। और इसका काढ़ा बनाकर चाय की तरह पिएँ, कुछ दिन तक इसके सेवन से टेस्टोस्टेरोन के स्तर में कमी आती है ।

तुलसी : जैसा की तुलसी के अन्दर एन्टी-एन्ड्रोजेनिक और एंटी बैक्टेरिया गुण पाए जाते है। इसके लिए डेली तुलसी की पत्तियों का काढ़ा बनाकर पिएँ या फिर तुलसी के पत्तो को चबाएं।

डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए | When to see a Doctor :

PCOS एक अंत स्रावी रोग है, जो की प्रजनन से सम्बन्धित होता इसलिए अगर मासिक धर्म बहुत कम या 2–3 महीने में एक बार आता है, या फिर कुछ ऐसी स्थिती जिसमे बहुत अधिक ब्लड स्राव होता है और यह सारे समस्या यदि लम्बे समय तक बनी रहती है।

  • और इसके आलावा अगर चेहरे और शरीर पर पुरुषों के समान बाल उगना, सिर के बालों का झड़ना, चेहरे पर मुँहासे निकलना, यौन इच्छा में कमी, ये सारे लक्षण दिखाई दें तो तुरंत चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए।
  • क्योंकि ऐसे में अण्डाशय में कई गाँठे बन चुकी होती है जिन्हें सिस्ट कहते हैं। यदि समय पर इस रोग का उपचार न किया जाए तो कैंसर होने की भी संभावना होती है।

इसे भी पढ़े : 

Spread the love

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *