हरा धनिया के अनोखे फायदे । इम्यूनिटी बढ़ाने के रामबाण उपाय हरा धनिया :
तो दोस्तो आज के इस आर्टिकल में बात करेंगे हरा धनिया के ऐसे गुण के बारे में जो की हमारे शरीर के इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत करता है साथ ही ऐसे और भी ऐसे अनेक गुणों के बारे में डिटेल से जानेंगे।
जब से कोरोना का दौड़ निकला है तब से सभी लोगो को ये एहसास जरूर हुआ है को अपने इम्यूनिटी को कैसे मजबूत बनाएं ऐसे में ही आज आपको धनिया के पत्ते के अंदर छिपे गुणों के बारे में बात करेंगे। हरे धनिये का काम भोजन का फ्लेवर बढ़ाना तो होता ही है, इसके साथ ही यह भोजन को पौष्टिक बनाने में भी मदद करता है। कई जगह तो इस हरी पत्ती वाले पौधे को सिलान्त्रो के नाम से भी पहचाना जाता है। हरी पत्तियों के अलावा धनिये के सूखे बीजों को साबुत या पावडर रूप में भी भोजन पकाने के मसाले के तौर पर प्रयोग में लाया जाता है।
भारतीय भोजन में सालों से इसका उपयोग किया जा रहा है। इस हरी धनिया पत्ती को सिर्फ सब्जी, सलाद या नाश्ते पर गार्निशिंग करने के लिए ही नहीं उपयोग होता है बल्कि इसे हरी चटनी में भी उपयोग किया जाता है जो की बहुत ही स्वादिष्ट होता है । इन सब के बाबजूद इन खुशबूदार पत्तियों की उपयोगिता इससे कहीं ज्यादा है। हरे धनिये की ये पत्तियां कई सारे पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं। पत्तियों के साथ साथ धनिये के डंठल में भी कई सारे गुण मौजूद होते हैं।
हरा धनिया के फायदे | benefits of green coriander:
वैसे हरा धनिया पत्ता के फायदे तो निम्नलिखित है जो मुख्य रूप से फायदा है धनिया पत्ती का वो निम्न है –
टाइप-2 डायबिटीज : जिन लोगो को टाइप-2 डायबिटीज होता है वैसे रोगियों के लिए धनिया के पत्ती के साथ धनिया कई रूपों में फायदेमंद हो सकता है। धनिया बीज, सत्व और तेल के रूप में ब्लड शुगर के स्तर को कम करने में मददगार हो सकता है।
फ्री रेडिकल्स : शरीर मे बनने वाले फ्री रेडिकल्स कई तरह की गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं। धनिये में ऐसे कई एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं जो फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाव करने में लाभदायक होता है।
सूजन : ये एंटी-ऑक्सीडेंट शरीर मे होने वाली इन्फ्लेमेशन (सूजन) से भी बचाव करते हैं। साथ ही फेफड़ों, प्रोस्टेट, कोलोन तथा ब्रेस्ट कैंसर जैसे कई प्रकार के कैंसर की ग्रोथ को भी धीमा करते हैं।
इम्यूनिटी बढाने में : हरा धनिया में मौजूद पोषक तत्व इम्यूनिटी यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाते हैं।
हाई ब्लड प्रेशर : हाई ब्लड प्रेशर और खराब कोलेस्ट्रॉल लेवल ( LDL ) को कम करके हरा धनिया कई तरह के हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखता है।
हृदय रोग : हृदय रोगों से भी बचाव करता है क्योंकि धनिये का सत्व एक डाइयूरेटिक की तरह भी काम करता है। अर्थात शरीर से अतिरिक्त सोडियम और पानी को बाहर निकाल देता है। इससे भी ब्लडप्रेशर का स्तर कम होता है। और हार्ट डिजीज जैसे समस्या कंट्रोल में रहता है।
दिमागी समस्या में भी हेल्पफुल होता है : धनिये के एंटीइंफ्लेमेटरी गुण दिमाग की सेहत में भी इलाज कर सकते हैं। जैसे अल्जाइमर्स, पार्किंसंस और मल्टीपल स्क्लेरोसिस जैसी कई दिमाग संबंधी समस्याएं इन्फ्लेमेशन से जुड़ी हो सकती हैं। धनिये का प्रयोग इनसे बचाव में सहयोगी हो सकता है।
याददाश्त बढ़ाने में : हरा धनिया की पत्तियां याददाश्त को बढ़ाने में भी मदद कर सकती हैं। साथ ही एंग्जायटी के लक्षणों को घटाने में भी मददगार होती हैं।
पाचन शक्ति को बढ़ाने में : में धनिया पाचन के लिए बहुत अच्छा होता है। धनिये के बीज से निकला तेल और सत्व पेट की सेहत के लिए फायदेमंद होता है। इससे इरिटेबल बाउल सिंड्रोम के लक्षणों को कम करने में भी सहायता मिलती है।
बाल को समस्या : बालों की सेहत के लिए भी बहुत अच्छा होता है। झड़ते बालों की समस्या को ठीक करने में भी उपयोगी होता है।
धनिया स्किन से संबंधित समस्या को कोवरअप में : हरा धनिया त्वचा संबंधी समस्याओं जैसे कि डर्मेटाइटिस के लिए यह राहतकारी साबित हो सकता है। उम्र के साथ चेहरे पर आने वाले निशानों के मामलों में भी धनिये का प्रयोग बहुत अच्छा असर करता है। वहीं स्किन के अतिरिक्त तेल, रूखेपन, मुहांसों आदि को ठीक करने के लिए भी धनिये के सत्व का प्रयोग किया जाता है।
हरा धनिया को भारतीय मसालों में बहुत महत्व मिलता है। हमारे यहां साधारण सब्जी से लेकर, भरवां और करी तक मे खड़े धनिये से लेकर धनिया पावडर भी अच्छी मात्रा में डाला जाता है। इसके पीछे भी एक महत्वपूर्ण कारण है। असल कुल मिलाकर, धनिया एक ऐसा पौधा है जो अपनी पत्तियों, रस, सत्व कई रूपों में औषधीय गुणयुक्त हो सकता है। लेकिन किसी भी चीज का अधिक प्रयोग नुकसानदायक भी हो सकता है। इसलिए धनिये का प्रयोग भी संतुलन के साथ करें। अगर आपको किसी प्रकार की एलर्जी है तो उपयोग से पहले किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।
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Bsc Nursing ( 2 year Experience)