एंटी डी इंजेक्शन :
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anti d injection ऐसे क्लास का मेडिसिन है जिसे immunoglobulin या एंटीबॉडी कहते हैएंटी डी इम्यूनोग्लोबुलिन, इम्यूनोग्लोबुलिन नामक दवाओं की श्रेणी में शामिल रहता है। एंटी डी किसी घातक रेसस-डी पॉजिटिव लाल रक्त कोशिकाओं को निकाल देता है या अशक्त कर देता है जो बच्चे के जन्म, गर्भपात, या गर्भावस्था के दौरान किसी घटना के दौरान रेसस-डी निगेटिव मां के ब्लड में प्रवेश करती हैं जिसके कारण प्लेसेंटा में चारों तरफ खून फैल सकता है। एंटी–डी इम्यूनोग्लोबिन नामक दावा का इंजेक्शन लगाकर रीसस रोग को हद तक रोका जा सकता है ! यदि आपको एंटी डी इंजेक्शन के बारे में समझना या जानकारी लेना है तो आप सही वेबसाइट पर आए है आप को इस पोस्ट पर एंटी डी से जुड़े हरेक चीज एक एक कर जानकारी मिलेगी जैसे कि किस समस्या में एंटी डी इंजेक्शन दिया जाता है? बॉडी में जाकर यह क्या काम करता है और किस बीमारी से लड़ता है इस प्रकार से आपको इस आर्टिकल में एंटी डी इंजेक्शन के बारे में हरेक चीज की जानकारी मिलेगी।
रीसस रोग :– एक ऐसा बीमारी है जो ब्लड फैक्टर से जुड़ा है!यह संवेदीकरण नामक प्रोसेस से बचने में सहयता कर सकता है , जो तब होता है जब RHD निगेटिव ब्लड वाली महिला RHD पॉजिटिव ब्लड के संपर्क में आती है और इसके प्रति प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया डेवलप करती है !anti d injection intra Muscular रूट से लगाया जाता है ब्लड को RHD पॉजिटिव के रूप में जाना जाता है जब लाल रक्त कोशिकाओं की सतह पर RHD प्रतिजन नामक एक अणु होता है !
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क्या होता है Rhd एंटीजीन पॉजिटिव और नेगेटिव?
तो आइए जानते है RHD एंटीजन, RHD को हिंदी में रीसस भी कहा जाता है मानव में रक्त तो कई प्रकार के होते है और यह रक्त समूह यानी ब्लड ग्रुप मुख्य रूप से चार प्रकार का होता है जो की इस प्रकार होता है– ब्लड ग्रुप A, B, AB और O ये सभी ब्लड ग्रुप RHD positive या nigative दोनो में से कोई कुछ भी हो सकता है। अब आइए जानते है की आप RHD positive है या निगेटिव इसका पता कैसे करे तो इसका पता ब्लड में उपस्थित Rhd एंटीजन से लगाया जाता है यह एक प्रकार का अणु होता है। जो की ब्लड cells की सतह पर उपस्थित होता है।
जिस व्यक्ति के ब्लड में RHD एंटीजन प्रेजेंट होता है वो RHD positive होता है। जिनके ब्लड में RHD एंटीजन absent होता है वो व्यक्ति nigative होता है।
एंटी डी injection का ब्रांड नाम Rhoclone होता है जिसकी स्ट्रेंथ 300 mcg होता है। एंटी डी injection का storage 2 से 8 डिग्री सेल्सियस पर ही रख सकते है इसे अधिक टेंपरेचर पर रखने से खराब होने की भी चांस होती है।
एंटी–डी इम्यूनोग्लोबिन
यह किसी भी RHD पॉजिटिव एंटीजन को निष्क्रिय कर देता है जो गर्भावस्था के समय मां के रक्त में प्रवेश कर सकता । यदि एंटीजन को निष्प्रभावी कर दिया गया है , तो मां का जो रक्त है वो एंटीबॉडी का निर्माण नही करेगा !
यदि आपका रक्त ग्रुप RHD निगेटिव है , तो गर्भावस्था के थर्ड ट्राइमेस्टर के दौरान रेगुलर रूप से एंटी – डी immunoglobulin भी दिया जाता है , ऐसा इसलिए है क्योंकि इस दौरान आपके बच्चे से थोड़ी मात्रा में रक्त आपके रक्त में जाने की संभावना है नियमित लेबर पहले एंटी डी प्रोफिलेक्सिस ( प्रोफिलेक्सिस का अर्थ है कुछ होने से रोकने के लिए उठाया गया कदम)
Anti d injection Dose
दो तरीकों से anti d injection प्राप्त कर सकता है !
1). पहली खुराक उपचार : – जहां आप अपनी गर्भावस्था के 28 से 30 सप्ताह के दौरान किसी समय ये इंजेक्शन प्राप्त करती है !
2). दुसरी खुराक उपचार :– जहां आपको 2 इंजेक्शन मिलता है एक 28 वे सप्ताह के दौरान और दूसरा 34 वे सप्ताह के दौरान !
Anti Rh D Immunoglobulin :
दावा का नाम | Anti Rh D Immunoglobulin |
निर्माता |
BHARAT SERUMS AND VACCINES LIMITED |
उपयोग | गर्भावस्था में आरएच संवेदनशीलता |
कीमत | कंपनी के उपर |
सामग्री | Rhoclone 300 mcg |
anti d injection कब दिया जाएगा ?
- जो गर्भवती महिला RHD निगेटिव होता है, जिन्हे RHD प्रतिजन के प्रति संवेदनशील नही बनाया गया है , चाहे भले ही आपने पहले एंटी–डी immunoglobulin का इंजेक्न लगाया है !
- जन्म के बाद एंटी– डी immunoglobulin.
- जन्म के बाद umbilical से बच्चे का ब्लड का नमूना लिया जाएगा यदि मां RHD निगेटिव है और बच्चे RHD पॉजिटिव है और पहले से मां को सेंसिटाइज नही किया गया है, तो मां के जन्म देने के बाद 72 घंटो के अंदर इम्यूनोग्लोबिन इंजेक्शन लगाया जाता है
Delivery के बाद एंटी डी injection कब लगाया जाता है?
Delivery के बाद एंटी डी injection को 72 hours के अंदर लगाया जाता है और वो भी तब जब बच्चे की ब्लड ग्रुप पॉजिटिव निकलता है।
anti d injection का उपयोग
- रीसस रोग में जब महिला का ब्लड ग्रुप निगेटिव पुरुष का ब्लड ग्रुप पॉजिटिव है ऐसे कंडिशन में जो बेबी डेवलप होता है उसके अंदर रीसस रोग से जो कॉम्प्लिकेशन होता है उससे मिसकैरेज हो सकता है ये कंडीशन को रोकने के लिए एंटी डी इंजेक्शन लगाया जाता है !
- बेबी को जौंडिस , एनीमिया , ब्रेन injury , kidney फेलियर से बचाने के लिए एंटी डी इंजेक्शन लगाया जाता है!
- अगर किसी व्यक्ति के पास Rh निगेटिव ब्लड होता है और वो गलती से Rh पॉजिटिव ब्लड चढ़ा लेता है तो ऐसी कंडीशन में संक्रमण से बचने के लिए एंटी डी इंजेक्शन लगाया जाता है !
- प्लेटलेट काउंट काफी कम होने से बचने के लिए एंटी डी इंजेक्शन लगाया जाता है !
दूसरे गर्भावस्था में anti d injection का योगदान
anti d injection पहले गर्भावस्था के मुकाबले दूसरे गर्भावस्था में इसका योगदान अधिक है , दरअसल जिन महिलाओं का ब्लड ग्रुप हो और पति का ब्लड ग्रुप पॉजिटिव हो तो बच्चे का नुकसान होने की खतरा रहता है , पहले गर्भावस्था में प्लेसेंटा से होकर मां में ब्लड जाता है जिसके कारण गर्भवती महिला के ब्लड में एंटीबॉडी बनने लगता है , यह एंटीबॉडी पहले गर्भावस्था में बच्चे को नुकसान नही करता है लेकिन जब दूसरी गर्भावस्था होता है इस समय बेबी का ब्लड ग्रुप पॉजिटिव हों तो ये एंटीबॉडी ब्लड ग्रुप में पहुंचकर red ब्लड cells को तोड़ने लगता है , जिसके कारण बच्चो में खून की कमी होने लगती है इसके प्रभाव से बचाने के लिए निगेटिव ब्लड ग्रुप की गर्भवती महिलाओ का एंटी डी इंजेक्शन लगाया जाता है !
एंटी-डी इंजेक्शन कब लगवाने की सलाह देनी चाहिए?
गर्भावस्था के दौरान डॉक्टर निम्न कंडिशन में एंटी-डी इंजेक्शन लगवाने की सलाह देते हैं, आइए जानते है इसके बारे में,
- जब महिला की मिसकैरेज जैसी प्रॉब्लम हो जाती है।
- जब बच्चा आर-एच पॉजिटिव होता है तब तो आर-एच नेगेटिव वाली मां को एंटी-डी इंजेक्शन लगवाने दी जाती है।
- जब गर्भवती महिला किसी कारणवश अपना अबॉर्शन करवाना चाहती है । तब एंटी डी इंजेक्शन देने की सलाह दी जाती है।
- जब महिला ने कोई इलाज करवाया है, जैसे एम्नियोसेंटेसिस, भ्रूण के खून की जांच या आदि। वैसे अवस्था में एंटी डी देने की सलाह दी जाती है।
नोट :– जब एंटी-डी इंजेक्शन लिया जाता है गर्भवती महिला के द्वारा तो शरीर में 0.1% से 1.5% तक एंटीबॉडी बनने की संभावनाएं कम हो जाती हैं। इसलिए ऐसी स्थिति में महिला को कॉम्प्लिकेशन के लगभग 72 घंटे के बाद यह इंजेक्शन दी जाती है। यह वैक्सीन बच्चे के खून में जानेवाले सेल्स को न्यूट्रलाइज कर देती है
एंटी–डी immunoglobulin से कॉम्प्लिकेशन
एंटी–डी immunoglobulin se कॉम्प्लिकेशन निम्न है
अल्पकालिक एलर्जी प्रतिक्रिया :– जिसमे दाने या फ्लू । इंजेक्शन के माध्यम से संक्रमण स्थानांतरण होने की संभावना !
अजन्मे बच्चे में रीसस रोग गंभीर रक्ताल्पता का कारण बनता है तो इसके कारण हो सकते है :–
1) भ्रूण हाइड्रॉप्स
2) भ्रूण हार्ट फेलियर
3) still बर्थ
anti d injection अजन्मे बच्चे में एनीमिया का इलाज गर्भ में दिया गया रक्त आधान द्वारा किया जा सकता है, लेकिन इससे खतरा आ सकती है जैसे :– इससे प्रारंभिक प्रसव हो सकती है जो गर्भावस्था के 37 सप्ताह से पहले शुरू होता है , गर्भपात का जोखिम 50 में से 1 होता है !
anti d injection नवजात शिशु रीसस रोग बिलुरुबिन नामक पदार्थ की मात्रा अधिक बनने से होता है , उपचार के बिना मस्तिष्क में बिलुरुबिन बनने से तंत्रिका संबंधी समस्या शुरू हो जाती है ।
anti d injection इससे बहरापन, अंधापन , मस्तिष्क क्षति या मौत भी हो सकती है, रीसस रोग का उपचार रक्त में बिलुरुबिन की लेवल कम करने में प्रभावी होता है इसलिए ये जटिलताएं abnormal हैं।
ब्लड ट्रांसफ्यूजन : ब्लड ट्रांसफ्यूजन बच्चो में सही होता है तथा संक्रमणरहित क्युकी ब्लड का सही से जांच कर रखा जाता है
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anti d injection कैसे काम करता है ?
ये इंजेक्शन ब्लड cell में पहुंचकर Rh पॉजिटिव ब्लड cells को नुकसान कर देता है जिसके कारण वृद्धि हो रहे fetus पर कोई हानिकारक असर नही होता है, उपस्थित एंटीबॉडी की और बच्चे के अंदर कोई कॉम्प्लिकेशन नही होता है , specially ये इंजेक्शन लगाने के बाद जो antibodies डेवलप हुए होते है वो डिस्ट्रॉय हो जाते है ! जिसके कारण fetus पर कोई कॉम्प्लिकेशन नही होता है!
anti d injection fact
अगर बार बार मिसकैरेज हो रहा है तो ऐसे कंडिशन में फर्स्ट मिसकैरेज में भी anti d इंजेक्शन लगाया जाता है !अगर मदर का ब्लड ग्रुप निगेटिव और फादर का ब्लड ग्रुप पॉजिटिव हो और बेबी जो डेवलप हो रहा है , उसका भी ब्लड ग्रुप पॉजिटिव वाला हो रहा हो तो अच्छे से जांच करवाना चाहिए , अगर जांच में कोई कॉम्प्लिकेशन दिख रहा हो तो फर्स्ट गर्भावस्था में भी एंटी d इंजेक्शन लगाया जा सकता है
anti d injection का साइड इफेक्ट्स
इसका भी कुछ कॉमन साइड इफेक्ट्स है
- सिर में दर्द
- त्वचा एलर्जी
- इचिंग
- बुखार
- सिहरापन
- nausea , उल्टी
- धड़कन तेज
- अस्वस्थ महसूस
- थकान
- पेट दर्द
- स्किन का color चेंज होना !
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Q 1). एंटी डी इंजेक्शन का route क्या है ?
Ans:– ये इंजेक्शन इंट्रा मस्कुलर में लगाया जाता है !
Q 2). एंटी डी इंजेक्शन कब कब लगाया जाता है ?
Ans :– ये इंजेक्शन गर्भावस्था के 28 से 30 सप्ताह के दौरान !
Q 3). एंटी डी इंजेक्शन प्रग्नेंसी में क्यों दिया जाता है ?
Ans:– बच्चे को कॉम्प्लिकेशन से बचाने के लिए दिया जाता है !
Q 4). एंटी डी इंजेक्शन का साइड इफेक्ट्स क्या है ?
Ans:- इसका भी कुछ कॉमन साइड इफेक्ट्स है जैसे :-
1) सिर में दर्द
2) त्वचा एलर्जी
3) इचिंग
4) बुखार
5) सिहरपन इत्यादि अधिक जानकारी पाने के लिए ऊपर के विवरण में देखें।
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