काला नमक के फायदे और नुकसान
काला नमक एक प्रकार का सेंधा नमक होता है। यह मुख्य रूप से गहरे लाल, काले रंग में होता है और इसका स्वाद तीखी नमकीन होता है। आयुर्वेद में स्वास्थ के लिए इसके कई लाभ माने गए हैं।
बता दे काले नमक में ट्रेस मिनरल्स होते हैं, जो शरीर के लिए समान रूप से इंपोर्टेंट हैं और काला नमक सफेद नमक से ज्यादा अच्छा होता है। इस लिए आप अपने आहार में सफेद नमक के साथ काला नमक शामिल कर सकते हैं। दोनों ट्रेस खनिज और आयोडीन की एक महत्वपूर्ण मात्रा प्रदान की जाएगी।
काले नमक के फायदे
काला नमक जो है वह एसिडिटी, पेट दर्द या ऐंठन, आंतों की गैस, पेट फूलना और सूजन में मददगार है। प्राकृतिक चिकित्सक, हर्बलिस्ट और आयुर्वेद इन स्थितियों के लिए ज्यादातर काले नमक की ऑर्डर देते हैं।
समान मात्रा में काला और सफेद नमक दोनों लें। अधिक लाभ के लिए, दोनों नमक को ठीक से मिलाएं और इस मिश्रण को अपने भोजन में add करें। ऐसा करने से आप ट्रेस मिनरल्स और पर्याप्त मात्रा में आयोडीन दोनों प्राप्त कर सकते हैं।
एनीमिया के उपचार में मदद करता है – काले नमक में कुछ मात्रा में आयरन होता है जो एनीमिया के इलाज में बहुत लाभदायक होता है।
कोलेस्ट्रोल स्तर को नियंत्रण में रखता है – काला नमक पाचन की क्रिया में सबसे ज्यादा हेल्पफुल होता है । यह कोलेस्ट्रॉल के उच्च स्तर के नियंत्रण में सहायता कर सकती है। चूंकि अमा संचार प्रणाली के चैनलो में रुकावट डालता है, इसलिए आयुर्वेद का दावा है कि यह उच्च कोलेस्ट्रॉल का सबसे बड़ा कारण है।

कब्ज में मदद करता है – चूंकि काला नमक रेचक है, इसलिए यह कब्ज में लाभदायक है। यह सरल मलत्याग में सहायता करता है और कब्ज जैसी समस्या नहीं होने देती है।
वजन कम करने में – काले नमक की तासीर गर्म होती है । इसलिए यह बॉडी से एक्स्ट्रा लिक्विड पदार्थ को बाहर निकालकर और भोजन को पचाकर वजन को कंट्रोल करने में मदद हो सकता है।
ये थे काला नमक के कुछ मुख्य फायदे, अब जानते हैं इससे जुड़े कुछ नुकसान के बारे में ।
काला नमक के नुकसान
वैसे तो सफेद नमक की अकॉर्डिंग काले नमक में सोडियम कम होता है, लेकिन इसका अधिक सेवन स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। काले नमक के दुष्प्रभाव में निम्न शामिल हो सकते हैं:
दांतों की समस्या – बता दे काला नमक निर्माण करने में कुछ लोग कुछ मात्रा में फ्लोराइड भी डालते है जो ह्यूमन बॉडी में जाकर विषैला बन सकता है। और फ्लोराइड का असर दांतो पर हानिकारक पड़ता है।
इस प्रकार के नमक सेवन से दांतों में फ्लोरोसिस की समस्या भी हो सकती है। दांतों के इनेमल में बदलाव आ जाता है। इसलिए, इनेमल के उचित गठन को बढ़ावा देने के लिए, बच्चों या किशोरों को अपने काले नमक का सेवन सीमित करना चाहिए।

हाई ब्लड प्रेशर – हाई ब्लड प्रेशर या कोरोनरी रोग वाले लोगों को काले नमक से दूर रहना चाहिए। कारण यह है कि काला नमक में सोडियम तो होता है, लेकिन बहुत कम होता है इसके अलावा, इसे हाई ब्लड प्रेशर से जोड़ा गया है। इसलिए, उन लोगो को सलाह दी जाती है कि जिन्हे नियमित रूप से उच्च रक्तचाप है, उन्हें प्रतिदिन एक चम्मच से अधिक काला नमक सेवन में नहीं लेना चाहिए।
किडनी स्टोन – बता दे आपको यदि ज्यादा अधिक मात्रा में नमक लेते हैं तो पथरी होने का संभावना बढ़ जाता है। और नमक के ज्यादा उपयोग से शरीर में सोडियम का लेवल बढ़ जाता है, जिसके कारण इस गुर्दे पथरी का निर्माण करते हैं।एक चीज और है की काले नमक में सफेद नमक की तुलना में कम सोडियम होता है, इसका अर्थ यह नहीं है कि आप इसका अधिक मात्रा में सेवन कर सकते हैं।
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अतिरिक्त सोडियम लेने के अन्य कॉमन दुष्प्रभाव
- स्ट्रोक्स
- पेप्टिक अल्सर
- धमनी की स्थिति
- अत्यधिक पसीना आना
- असामान्य दिल की धड़कन
- सूजन
- नाक से ब्लड आना
- यदि काले नमक का सेवन धीरे-धीरे बढ़ाया जाए तो गुर्दे की पथरी का निर्माण हो सकता है।
Disclaimer:–
इस आर्टिकल में एक्सप्लेन किए गए बात सलाह और सुझाव जानकारी सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं। वैसे कोई भी समस्या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह ले।

Bsc Nursing ( 2 year Experience)