तिल के तेल के फायदे
वैसे तो तिल को उपयोग करने के कई तरीके हैं, जिनमें तिल के तेल का उपयोग भी मिला हुआ है। यह अनेकों औषधीय गुणों से भरपूर होता है। जिस कारण से स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभकारी माना जाता है। बता दे तिल के तेल को स्किन और बालों में लगाने के साथ-साथ भोजन बनाने में भी भरपूर उपयोग किया जाता है। तिल का तेल कुछ स्वास्थ संबंधी के सिम्पटम्स को कम करने में भी मदद कर सकता है। इसलिए चलिए जानते हैं तिल के मुख्य फायदे के बारे में।
तिल के तेल के फायदे । Benefits of Sesame Oil in Hindi
जिन व्यक्ति को डायबिटीज और ह्रदय रोग हो उन्हे इस तेल का सेवन करना चाहिए क्योंकि तिल का तेल ऐसे बीमारियों के लिए सही रहता है। यह तेल किसी बीमारी का उपचार नहीं है बल्कि स्वास्थ को अच्छा बनाए रखता है।
विटामिन ई का सबसे बेस्ट स्रोत – शोध के अनुसार तिल के तेल में टोकोफेरोल होता है । जो की विटामिन ई का ही एक रूप है। इस कारण से तिल के तेल को विटामिन ई का अच्छा स्रोत माना जाता है बता दे तिल के तेल में विटामिन ई का गुण एंटीऑक्सीडेंट्स की तरह काम करता है, जो बॉडी को फ्री रेडिकल्स से बचाकर कई बीमारियों के खतरा को कम कर सकता है ।
मधुमेह से बचाव – तिल का तेल मधुमेह रोगी के लिए लाभदायक होता है क्योंकि तिल का तेल ब्लड ग्लूकोज को रेगुलेट करने और मधुमेह के नुकसानदायक प्रभाव को कम करने में हेल्प कर सकता है । इसी कारण तिली तेल के फायदे में मधुमेह जैसी समस्या से बचाव को भी काउंट किया जा सकता है।
हृदय स्वास्थ्य के लिए – हृदय को स्वस्थ रखने के लिए आहार में तिल के तेल को उपयोग करना चाहिए। तिल के तेल में एंटीऑक्सीडेंट गुण होता है, जो हार्ट को सुरक्षित रखने में सहायक हो सकता है। इसमें लिग्नैंस यानी फाइबर का एक प्रकार भी होता है, जिसे कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के लिए मना जाता है । और कोलेस्ट्रॉल बैलेंस होने से ह्रदय संबंधित बीमारी सुरक्षित रहता है।
एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण – तिल के तेल में पाए जाने वाला एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण शरीर में किसी भी प्रकार के सूजन संबंधित समस्याओं को दूर करने के गुण हेल्पफुल होता है। सूजन शरीर के बाहरी और अंदर दोनों भाग में हो सकती है, जिससे तिल के तेल का उपयोग करने से आराम मिल सकती है।
रक्तचाप का लेवल कम करने में – तिल के तेल में मौजूद पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड बीपी को कम करने के आलावा हाई बीपी रोगी में इसके लेवल को बढ़ने से रोक सकता है। साथ ही इसमें उपस्थित एंटीऑक्सीडेंट का गुण, विटामिन ई और अनसेचुरेटेड फैटी एसिड भी बीपी के स्तर को कंट्रोल रखने में सहायता कर सकते हैं।
अर्थराइटिस से आराम दिलाने में – अर्थराइटिस की प्रोब्लम को गठिया के नाम से अधिक जाना जाता है। इस परेशानी को कम करने में काले तिल का तेल बहुत ही मदद कर सकता है। तिल के तेल में मौजूद लिग्नैन्स एंटीइंफ्लेमेटरी प्रभाव संकेत करते हैं। जिस कारण से शरीर में होने वाली इंफ्लेमेशन और आर्थराइटिस संबंधी बीमारियां को कम कर सकता है।
त्वचा और बालों के लिए – जैसा की अपने ऊपर ही जाना इसमें विटामिन ई और एंटीऑक्सीडेंट का गुण पाया जाता है और ये गुण बाप कर त्वचा के लिए लाभदायक होता है
तिल का तेल त्वचा से जुड़ी कई प्रॉब्लम्स को कम करने में लाभकारी हो सकता है। क्योंकि तिल का तेल हीलिंग प्रॉपर्टीज प्रभाव युक्त होता है, जो घाव भरने में मदद कर सकता है । साथ ही तिल के तेल में टोकोफेरॉल (विटामिन-ई का एक प्रकार) होता है, जो सूरज की अल्ट्रावायलेट किरणों से सुरक्षा प्रदान कर सकता है।
तिल के तेल के पौष्टिक तत्व । Sesame Oil Nutritional Value in Hindi
तिल के तेल में निम्न पोषक तत्व उपस्थित होता है।
पोषक तत्व मात्रा प्रति ग्राम
- विटामिन के 13.6 µg
- फैटी एसिड, टोटल सैचुरेटेड 14.2 g
- फैटी एसिड, टोटल मोनोअनसैचुरेटेड 39.7 g
- फैटी एसिड, टोटल पोलीअनसैचुरेटेड 41.7 g
- ऊर्जा (कैलोरी) 884 g
- टोटल लिपिड (फैट) 100 g
- कोलिन 02 mg
- विटामिन ई (अल्फा-टोकोफेरोल) 1.4 mg
तिल के तेल का सेवन विधि । How to Use Sesame Oil in Hindi
तिल के तेल का उपयोग कई प्रकार से किया जा सकता है, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं:
- तिल के तेल का इस्तेमाल सब्जी बनाने में किया जा सकता है।
- तिल का तेल सुबह सलाद में मिलाकर सेवन किया जा सकता है।
- शाम को सूप पर तिल के तेल को हल्का डालकर ले सकते हैं।
- तिल ऑयल को दोपहर और रात का खाना बनाने के लिए भी किया जा सकता है।
- इसके अलावा भी और कई सारे लाभ हो सकते है । और हरेक व्यक्ति पर इसका प्रभाव अलग अलग हो सकते है।यह सिर्फ मुख्य लाभ के बारे में चर्चा की हूं ।
इसे भी पढ़े :
Disclaimer :
इस आर्टिकल में एक्सप्लेन किए गए बात सलाह और सुझाव जानकारी सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं। वैसे कोई भी समस्या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह ले।
Bsc Nursing ( 2 year Experience)