क्या आप थायरॉइड से परेशान हैं तो जानिए थायरॉइड को दूर करने के घरेलू उपाय, चुटकियों में दूर होगी

क्या आप थायरॉइड से परेशान हैं तो जानिए थायरॉइड को दूर करने के घरेलू उपाय, चुटकियों में दूर होगी
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थायरॉइड दूर करने के उपाय :

जैसा की आप सभी जानते है आज के समय में कोई भी बीमारी उम्र देखकर नहीं आती है, इसकी मुख्य वजह है हमारा खान-पान, लाइफस्टाइल, साफ सफाई। और अभी के दौड़ में सभी लोग इतने व्यस्त है की खुद का भी देखभाल सही से नहीं कर पाते है। जिसके चलते हम कई बीमारियों के चपेट में आ जाते हैं। एक ऐसी ही बीमारी है थायरॉइड। ये बीमारी दो तरह की होती है। हाइपरथायरायडिज्म और हाइपोथायरायडिज्म। हाइपरथायरायडिज्म में शरीर में सूजन होती है तो हाइपोथायरायडिज्म में शरीर पतला होता जाता है। लेकिन अपनी आदतों में सुधार के साथ साथ कुछ घरेलु नुस्खा अपनाने से इस बीमारी से छुटकारा मिल सकता है।

थायरॉइड दरअसल एक एंडोक्राइन ग्लैंड है जो बटरफ्लाई आकार का होता है और ये गले में स्थित है। इससे निकलने वाला थायरॉइड हार्मोन शरीर में मेटाबॉलिज्म को संतुलित करता है। थायरॉइड ग्लैंड शरीर से आयोडीन की मदद से हार्मोन बनाता है।

खाने में आयोडीन की कमी या ज्यादा इस्तेमाल, दवाओं के साइड इफेक्ट के अलावा अगर परिवार में किसी को पहले से थायरॉइड की समस्या है तो भी इसके होने की संभावना ज्यादा रहती है। पुरूषों से ज्यादा महिलाएं इस रोग का शिकार होती हैं। जिसकी वजह से कई तरह की दूसरी बीमारियों के होने का भी खतरा बना रहता है।

थायरॉइड के लक्षण । Thyroid symptoms in Hindi :

  • शारीरिक व मानसिक विकास का धीमा हो जाना।
  • 12 से 14 साल के बच्चे की शारीरिक वृद्धि रुक जाती है।
  • शरीर का वजन बढ़ने लगता है और शरीर में सूजन भी आ जाती है।
  • सोचने व बोलने की क्रिया धीमी हो जाती है।
  • शरीर का ताप कम हो जाता है, बाल झड़ने लगते हैं तथा गंजापन होने लगता है।
  • हर समय थकावट महसूस होना।
  • अक्सर और अधिक मासिक-धर्म होता है।
  • स्मरणशक्ति कमजोर होना।
  • त्वचा और बालों का सूखा और रूखा होना।
  • सर्दी न सह नहीं पाना।
  • चिड़-चिड़ापन या अधैर्यता।
  • ठीक से नींद नहीं आना।
  • आंख की समस्या या आंख में जलन।
  • गर्मी के प्रति संवेदनशीलता।
  • शरीर का ताप सामान्य से अधिक हो जाता है।
  • उत्तेजना और घबराहट जैसे लक्षण उत्पन्न हो जाते हैं।
  • शरीर के वजन में असंतुलन पैदा होना।
  • कई लोगों की हाथ-पैर की अंगुलियों में कम्पन उत्पन्न हो जाता है।
  • मधुमेह रोग होने की अधिक सम्भावना बन जाती है।

थायरॉइड को दूर करने के घरेलू इलाज । Home remedies for thyroid disease in Hindi :

साबुत धनिये का उपयोग : एक गिलास पानी में 2 चम्मच साबुत धनिये को रात के समय में भिगोकर रख दें तथा सुबह के समय में इसे मसलकर उबाल लें। फिर जब पानी चौथाई भाग रह जाये तो खाली पेट इसे पी लें तथा गर्म पानी में नमक डालकर गरारे करें। यह उपचार लगातार करने से थायरायड की समस्या से छुटकारा मिल सकता है।

दही और दूध का सेवन : जिन व्यक्तियों को थायरॉइड की समस्या होती है उन्हें दही और दूध का सेवन अधिक से अधिक करना चाहिए। दूध और दही में मौजूद कैल्शियम, मिनरल्स और विटामिन्स थायरॉइड से ग्रसित रोगियों को स्वस्थ बनाने में मदद करता है।

मुलेठी का सेवन : जिन व्यक्तियों को थायरॉइड की समस्या होती है वे जल्दी ही थक जाते हैं। इस अवस्था में मुलेठी का सेवन करना बेहद फायदेमंद होता है। मुलेठी में मौजूद तत्व थायरॉइड ग्रंथी से निकलने वाले हार्मोन को बैलेंस बनाते हैं और थकान को उर्जा में बदल देते हैं और थायरॉइड की समस्या से निजात मिलती है।

फलों और सब्जियों का सेवन : थायरॉइड के रोगियों को वैसे फलों और सब्जियों का इस्तेमाल अधिक करना चाहिए जिस में एंटीआक्सिडेंटस होता है। जो थायरॉइड को कभी बढ़ने नहीं देता है। सब्जियों में टमाटर, हरि मिर्च आदि का सेवन करें।

फलों का रस : थायरॉइड रोगों का उपचार करने के लिए रोगी व्यक्ति को कुछ दिनों तक फलों का रस (नारियल पानी, ईख, पत्तागोभी, अनानास, संतरा, सेब, गाजर, चकुन्दर, तथा अंगूर का रस) पीना चाहिए।

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थायरॉइड के आयुर्वेदिक उपचार । Thyroid disease for ayurvedic treatment in Hindi :

  • आयुर्वेद में कुछ उपाय थायरॉइड के लिए दिए गये है जो आपको किसी भी आयुर्वेद के विशेषज्ञ के सलाह के आधार पर ही प्रयोग करना चाहिए।
  • 5 किलो आटे के साथ 1 किलो बाजरा का आटा और एक किलो ही ज्वार का आटा मिलकर इस से बनी रोटियां खाने से आपको इस रोग में बेहद राहत मिलती है ।
  • सुबह खाली पेट आप गो-मूत्र या इसके अर्क का सेवन कर सकते है और इसे लेने के एक डेढ़़ घंटे तक आपको कुछ भी नहीं खाना होता है और मासिक धर्म के दौरान भी महिलाएं इसे ले सकती हैं।
  • इसके लिए आप प्रात: काल उठकर फ्रेश होने के बाद गो मूत्र को बारीक कपडे से छानकर लें और इस दौरान आप कुछ भी फास्टफूड और तेलिय और गरिष्ट पदार्थो के सेवन से परहेज करें। चाय और काफी का सेवन भी वर्जित है। थायरॉइड के आयुर्वेदिक उपचार में यह बेहद कारगर है।
  • इसके अलावा मुलेठी, अश्वगंधा, गेहूं का ज्वारा, अलसी, अदरक, इचिन्सिया, बाकोपा, काले अखरोट, नींबी बाम आदि जड़ी-बूटी थायरॉइड के इलाज में लाभदायक सिद्ध होते हैं। एक बार किसी अच्छे आयुर्वेदाचार्य से सलाह लेना आवश्यक है।
थायरॉइड दूर करने का रामबाण इलाज :
  • इन रोगियों को नियमित रूप से 1 गिलास दूध का सेवन करना चाहिए। इन रोगियों को अगर फल खाने हैं तो आम, शहतूत, तरबूज़ और खरबूज का सेवन कर सकते हैं।
  • खाने में दालचीनी, अदरक, लहसुन, सफेद प्याज, थाइम और स्ट्रॉबेरी की पत्तियों का प्रयोग बढ़ा देना चाहिए। इन रोगियों को खाना पकाने के लिए नारियल तेल का प्रयोग करना चाहिए। इन रोगियों को लघु और सुपाच्य भोजन करना चाहिए, खिचड़ी का प्रयोग कर सकते हैं।
  • ऐसे रोगियों को सुबह 10 से 15 मिनट गुनगुनी धूप भी लेनी चाहिए। इस बीमारी में खासौतर से सूर्य नमस्कार, सर्वांगासन, मत्स्यासन, नौकासन का प्रयोग कर सकते हैं और प्रायाणाम में अनुलोम-विलोम और उज्जायी का प्रयोग करें।
थायरॉइड को दूर करने के लिए क्या क्या avoid करे
  • बासी खाद्य-पदार्थ या जिनमें एडेड शुगर है उनका प्रयोग नहीं करना है।
  • इस बीमारी में हमें पालक, शकरकंदी, बंदगोभी, फूलगोभी, मूली, शलजम, मक्का, सोया, रेड मीट, कैफ़ीन और रिफाइंड ऑयल का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
  • बहुत ज़्यादा शारीरिक परिश्रम नहीं करना चाहिए और बहुत ज़्यादा यौन क्रिया में सम्मिलत नहीं होना चाहिए।
  • इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को खाने में उन चीज़ों का परहेज करना चाहिए जिसे पचाने में परेशानी होती हो।
  • बहुत ज़्यादा ठंडे, खुष्क पदार्थो का सेवन नहीं करना है।
  • बहुत ज़्यादा मिर्च-मसालेदार, तैलीय, खट्टे पदार्थों का प्रयोग नहीं करना है।
  • अपने आहार में आयोडीन वाला खाना, कैफीन , रेड मीट,वनस्पति घी, आदि खाद्य पदार्थो का सेवन ना करें।
  • इन सभी खाद्य प्रार्थो के सेवन से थायरॉइड को बढ़ावा मिलता है। जिसके कारण हमें अनेक प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
  • सिगरेट और इसके धुएं से बचे इसमे मौजूद थायनोसाईनेट थाइरोइड ग्रंथि को नुक्सान पहुचता है, शराब और किसी भी प्रकार के नशे से बचें!
  • ब्रोकली, फूलगोभी और पत्तागोभी नहीं खाना चाहिए ये थाइरोइड में नुक्सान दायक होते हैं। इसके अलावा हर 5-6 महीने में अपनी थाइरोइड जांच जरूर कराएं व चिकित्सक सलाह करके अपनी दवाई नियमित रूप से लें।

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