जानिए एंटी एजिंग क्रीम किस उम्र से लगाना चाहिए, नहीं तो हो सकता है नुकसान

जानिए एंटी एजिंग क्रीम किस उम्र से लगाना चाहिए, नहीं तो हो सकता है नुकसान
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एंटी एजिंग क्रीम के नुकसान । Anti aging cream side effects in Hindi :

कई बार लोग क्रीम की बिना सही पहचान लिए क्रीम को लगाना शुरू कर देते है लेकिन क्या आप जानते है की इसके वजह से कितने परेशानियां का सामना करना पड़ता है इसलिए आज के आर्टिकल में बात करेंगे की एंटी एजिंग क्रीम का क्या नुकसान हो सकता है। नो डाउट एंटी एजिंग क्रीम त्वचा के लिए अच्छा होता है लेकिन इसके जानकारी के अभाव में कई सारे नुकसान भी देखने को मिलता है।

उम्र बढ़ने के साथ हमारी त्वचा तेजी से प्रभावित होने लगती है। जिससे त्वचा पर झुर्रियां और फाइन लाइन्स नजर आने लगते हैं और आज कल ये चीजें 30 की उम्र के बाद से ही शुरू हो जाती हैं। दरअसल, खराब वातावरण और सूरज की हानिकारक किरणें हमारी त्वचा को अंदर से नुकसान पहुंचाते हैं। इन सभी चीजों से बचने के लिए लोग एंटी एंजिंग क्रीम का इस्तेमाल करते हैं, जो कि कई बार त्वचा के नुकसानदेह भी हो सकते हैं।

जी हां, अगर आप बिना सोचे समझे और अपने मन से एंटी एंजिंग प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं तो ये आपके चेहरे को धीमे-धीमे नुकसान भी पहुंचा सकते हैं।

एंटी एजिंग क्रीम के नुकसान । Anti ageing cream side effects in hindi :

कई बार एंटी एजिंग के फायदे से ज्यादा इनके नुकसान भी होते हैं जिसके बारे में नीचे देखते हैं

त्वचा की परत को नुकसान पहुंचाते हैं : एंटी-एजिंग उत्पादों में मिलने वाले कुछ तत्व, त्वचा के लिए हानिकारक होने के साथ मानव स्वास्थ्य के लिए भी नुकसानदायक होते हैं। एंटी-एजिंग उत्पादों में उपयोग किए जाने वाले तत्व उम्र बढ़ने को बढ़ावा देते हैं, भले ही प्राकृतिक तत्व या विटामिन और खनिज होते हैं लेकिन ये त्वचा की सतह को नुकसान पहुंचाते हैं। ये त्वचा की सतह को अंदर से कमजोर बनाते हैं।

स्किन सेंसिटिविटी बढ़ाते हैं : एंटी-एजिंग क्रीम को बनाने के लिए जिन चीजों का इस्तेमाल किया जाता है, वे त्वचा के लिए कई बार नुकासनदायक होते हैं। ये तत्व त्वचा की सेंसिटिविटी को बढ़ाते हैं जिससे सूर्य की किरणों का भी इस बार ज्यादा असर होता है। ये स्किन को हर समस्या के लिए ज्यादा सेंसिटिव बना देती है जिससे कि छोटी सी चीज भी आपकी स्किन को नुकासन पहुंचाती है।

इरिटेशन एंटी-एजिंग उत्पादों के सेवन से हो सकता है : आमतौर पर एंटी-एजिंग उत्पादों में उपयोग की जाने वाली अन्य सामग्री, जैसे लिमोनीन (limonene) त्वचा को इरिटेट करते हैं यानी कि त्वचा में खुजली और जलन का कारण बन सकते हैं। साथ ही कई शोध में इसे एक कार्सिनोजेन भी बताया गया है।एंटी एजिंग उत्पादों में कई जहरीले उत्पाद भी होते हैं।

जन्म दोषों के जोखिम को बढ़ाते हैं : एंटी एंजिंग क्रीम में मिलने वाले पेप्टाइड्स भी त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते हैं। ये स्किन पोर्स को बड़ा कर सकते हैं, जिससे दूसरी समस्याएं खड़ी हो सकती है। एंटी एजिंग क्रीम में विटामिन ए की अच्छी मात्रा होती है जो कि शरीर को नुकासन पहुंचा सकते हैं। यह जन्म दोषों के जोखिम को बढ़ा सकता है। इसलिए प्रग्नेंसी के दौरान इसके इस्तेमाल से महिलाओं को खासतौर पर बचना चाहिए।

सन सेंसिटिविटी को बढ़ते हैं : एंटी-एजिंग क्रीम में में मौजूद एक महत्वपूर्ण घटक अल्फा-हाइड्रॉक्सी एसिड है। यह त्वचा में चुभन पैदा करता है और सूरज के प्रति संवेदनशीलता का कारण बनता है। यह जलन, गर्मी, चुभने और झुनझुनी का कारण बन सकते हैं त्वचा की सेंसिटिविटी बढ़ा सकते हैं। इसलिए गर्भवती महिलाओं को किसी भी रूप में इसके इस्तेमाल से बचना चाहिए।

आंखो पर डालता है प्रभाव : एंटी एजिंग क्रीम लगाने से आंखो पर बुरा प्रभाव पड़ता है इसलिए ऐसे क्रीम को लगाने से पहले सैगेस्ट किया जाता है आंख के आस पास क्रीम को लगाने से बचे।

अतः ऐसे क्रीम को लगाने से पहले अच्छे से जानकारी लेना चाहिए क्योंकि जितना कोई चीज अच्छी होती है उतना ही वैसे चीजों का साइड इफेक्ट्स होता है।

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