सिजोफ्रेनिया के प्रमुख लक्षण
सिजोफ्रेनिया एक ऐसी बीमारी जिसमें रोगी को कई तरह के भ्रम उत्पन्न होते है।
सिजोफ्रेनिया बीमारी के लक्षण में मुख्य रूप से किशोरावस्था और 20 साल की उम्र में दिखाई देते हैं। वैसे शोधकर्ता का दावा है कि लगभग 60 प्रतिशत मरीजों को शुरुआती दौर में बीमारी पता चलने पर दो वर्ष तक दवाएं लेने से हमेशा के लिए ठीक हो सकता है।
सिजोफ्रेनिया के लक्षण | schizophrenia symptoms in Hindi
1)प्राथमिक या मौलिक चिन्ह , लक्षण (primary schizophrenia positive symptoms)
- शब्द संगठन संबंधी विकार ( associated disturbance ) : यह सोच विकार यानी थिंकिंग डिसऑर्डर है इसमें व्यक्ति illogical बातो के बारे में सोचता है और इस विचार से दूसरे के विचार से कोई संबंध नहीं होता है जैसे रानी आ रही है। , आसमान नीला है ।
- स्वपरायण सोच ( autistic thinking ) : यह भी सोच विकार है जिसमें व्यक्ति काल्पनिक चीजों अपने मे ही ध्यान केन्द्रित करता है , दिवास्वपन्न देखता है और उसे बाहर की दुनिया से कोई मतलब नही होता है।
- भाव अभिव्यक्ति में विकार ( affect disorder ) : यह भाव विकार है जिसमे रोगी कंडीशन को समझ नहीं आता है । एवं दुखी वातावरण में हंसने लगता है तथा खुशी वातावरण में रोने लगता है।तो इस प्रकार से दिमाग में बदलाव आ जाता है।
- उभयवृति विकार ( ambivalence ) : इस प्रकार के सिंपटम्स में रोगी किसी वभी स्तु के प्रति दो प्रकार का विचार करता है । जैसे प्यार और नफरत ।

2) दुत्तियक चिन्ह, लक्षण । secondary sign and symptoms in Hindi
a) संवेदी विकार (Perceptional disorder in Hindi) :
- मिथ्याबोध (hallucinations) – इस प्रकार विकार में रोगी को सुनाई , दिखाई तथा सुगंध , स्वाद तथा स्पर्श संबंधी विकार उत्पन्न हो जाती है।
- भांति (Illusion) – इस प्रकार विकार व्यक्ति बाहरी वस्तु या उद्दीपन उपस्थित होने पर किसी कारण से गलत उद्दीपन प्राप्त करते है । जैसे सांप को रस्सी समझना ।
b) सोच विकार (thought disorder in Hindi) :
विभ्रम ( delusion ) – इस प्रकार के विकार यानी बीमारी में बाहरी उद्दीपन के बिना होने वाला गलत और अटल विश्वास होता है जैसे :– इसमें रोगी अपने आप को राजा समझता है और उसी तरह के व्यवहार भी सबके साथ करता है।
C) क्रिया विकार (activity disorder in Hindi) :
- आदेश के विपरीत कार्य करना। (Negativism)
- दुसरे के द्वारा कहे गए वाक्यों को बार बार दोहराना (Echolalia)
- दूसरो के द्वारा किए गए क्रियाओं को कड़ना। (Echopraxia)
- बिना अर्थ वाक्य का उच्चारण (salad)
- बिना किसी बदलाव के निश्चित स्थिति बनना (waxy flexibility)
- स्थिति में बदलाव करते रहना।( Mannerism )
d) दिखावट और शिष्टता का विकृत हो जाना जिसमें व्यक्ति सही तरीके से अपने रोज का कार्य नहीं करता है।
e) एकाग्रता में परिवर्तन (Disturbance in attention): इसमें रोगी अपनी एकाग्रता को निश्चित नहीं रख पाता है।
f) संप्रेषण में परिवर्तन ( Disturbance in communication): इस रोग से ग्रस्त व्यक्ति लोगों के साथ बातचीत एवं विचारों को आदान प्रदान पूर्ण रूप से नहीं कर पाता है।
इसके अलावा भी और कई सारे लक्षण हो सकते है । हरेक व्यक्ति पर इसका प्रभाव अलग अलग हो सकते है। यहां सिर्फ मुख्य लक्षण के बारे में बात की हु सिजोफ्रेनिया के लक्षण के बारे में।
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Disclaimer:– इस आर्टिकल में एक्सप्लेन किए गए बात सलाह और सुझाव जानकारी सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं। वैसे कोई भी समस्या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह ले।

Bsc Nursing ( 2 year Experience)