Generalised anxiety disorder in adults
परिचय
सामान्यीकृत चिंता विकार (Generalised anxiety disorder in adults) एक जानेमाने मानसिक स्वास्थ्य स्थिति है जो लाखों वयस्कों को इफैक्ट करती है। जीवन के अलग अलग पहलुओं के बारे में अधिक से अधिक लगातार चिंता की विशेषता, जीएडी डेली रूटिंग और जीवन की गुणवत्ता को महत्वपूर्ण रूप से बदलाव कर सकता है। इस आर्टिकल में जानेंगे स्ट्रेस डिसऑर्डर के लक्षण,कारण और ट्रीटमेंट के बारे में ।
सामान्यीकृत चिंता विकार यानी stress disorder के बारे में
बता दे तनाव की बीमारी एक पुरानी स्थिति है जो मानव द्वारा अपने डेली रूटिंग में महसूस की जाने वाली सामान्य चिंताओं और चिंताओं से परे है। जीएडी यानी स्ट्रेस डिसऑर्डर वाले लोगो को हमेशा अपने चिंताजनक विचारों को कंट्रोल करना बड़ी टास्क लगता है और ये बीमारी सबसे खराब स्थिति में व्यस्त हो सकते हैं। ये चिंताएँ समस्या हेल्थ, कार्यक्रम, वित्त, रिश्ते और सामान्य जीवन की घटनाओं जैसे अलग अलग पहलुओं के आस पास घूम सकती हैं।
सामान्यीकृत चिंता विकार यानी स्ट्रेस डिसऑर्डर के लक्षण
इसके लक्षण फिजिकली और भावनात्मक यानी इमोशनली दोनों तरह से शुरू हो सकते हैं। चूंकि ये मानसिक समस्या already है तो मानसिक लक्षण की बात नहीं है शारीरिक लक्षण के रूप में, जीएडी वाले व्यक्तियों को बेचैनी, मांसपेशियों में तनाव, थकान, सोने में कठिनाई और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल गड़बड़ी का एहसास हो सकता है। भावनात्मक रूप से, वे लगातार डर, चिड़चिड़ापन, ध्यान एकत्र करने में कठिनाई और सतर्कता की बढ़ी हुई स्थिति वाला एहसास कर सकते हैं। और ये लक्षण मुख्य रूप से कम से कम छह महीने तक बने रहते हैं और इतने खतरनाक हो सकते हैं कि आपके डेली रूटिंग में रुकावट डाल सकते हैं।
सामान्यीकृत चिंता विकार यानी स्ट्रेस डिसऑर्डर के कारण
इसके के exact कारण जटिल और बहुक्रियात्मक बने हुए हैं। रियर्च से पता चलता है कि जेनेटिक यानी आनुवंशिक, पर्यावरणीय और न्यूरोबायोलॉजिकल कारकों का कॉम्बिनेशन विकार के बढ़ाने में योगदान कर सकता है। एक चीज चिंता विकार हो या अन्य मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों का विकार का पारिवारिक इतिहास जोखिम को और बढ़ा सकता है। इसके आलावा, दर्दमय जीवन की घटनाएं, old stress और भावनात्मक या शारीरिक शोषण का इतिहास भी एडल्ट में चिंता विकार को ट्रिगर करने में योगदान निभा सकता है।
निदान एवं उपचार
चिंता विकार के जांच में एक मेंटली हेल्थ द्वारा स्वास्थ्य वर्कर द्वारा अधिक मूल्यांकन मिला है। और वो लोग व्यक्ति के लक्षणों, चिकित्सा इतिहास का निरक्षण करेंगे और मनोवैज्ञानिक परीक्षण करेंगे। जीएडी को और चिंता विकारों और चिकित्सीय स्थितियों से अलग करना आवश्यक है जो इक्वल लक्षण पेश कर सकते हैं।
एक बार जांच हो जाने पर, चिंता विकार को प्रभावी रूप से प्रबंधित करने में सहयता के लिए कई उपचार विकल्प उपलब्ध हैं। इनमें शामिल हो सकते हैं:
- मनोचिकित्सा – संज्ञानात्मक व्यवहार थेरेपी (सीबीटी) चिंता विकार के ट्रीटमेंट में अधिक रूप से उपयोग किया जाने वाला दृष्टिकोण है। यह लोगो को नेगेटिव थॉट पैटर्न को जानने और चुनौती देने, लड़ाई करने करने की रणनीति सीखने और थोड़ा थोड़ा चिंता उत्पन्न करने वाली कंडीशन का सामना करने में सहायता करता है।
- दवा – अवसादरोधी यानी डिप्रेशन से रोकने और चिंता-विरोधी दवाएं, जैसे चयनात्मक सेरोटोनिन रीपटेक इनहिबिटर ( SSRI) या बेंजोडायजेपाइन, सिम्पटम्स को रोकने में सहायता के लिए सुनिश्चित की जा सकती हैं। वैसे, इस दवा का उपयोग प्रिवेशन से और किसी विशेष चिकित्सक की देखरेख में किया जाना चाहिए।
- जीवनशैली में परिवर्तन – रेगुलर एक्सरसाइज, भरपूर नींद, संतुलित आहार और ब्रेन जैसी स्वस्थ आदतों को आगे बढ़ाने से चिंता के लेवल को कम करने और समग्र कल्याण में सुधार करने मे हेल्प मिल सकती है।
- सहायता समूह यानी हेल्प ग्रुप – सहायता समूहों में मिलना या परिवार और दोस्तों से सामाजिक समर्थन मांगना चिंता विकार से जूझ रहे लोगो को मूल्यवान इमोशनल हेल्प प्रदान कर सकता है।
- विश्राम तकनीकें यानी रेस्ट टेक्नीक – गहरी गहरी साँस लेने के व्यायाम, ध्यान केंद्रित और प्रगतिशील मांसपेशी विश्राम जैसी तकनीकें विश्राम यानी रेस्ट को आगे देने और चिंता को कम करने में सहायता कर सकती हैं।
इसे भी पढ़े :
Bsc Nursing ( 2 year Experience)